वायु

प्रदूषण के मामले में लगातार दूसरे दिन सिवान रहा अव्वल, जानिए देश भर का हाल

Lalit Maurya

देश में लगातार दूसरे दिन सिवान प्रदूषण के मामले में अव्वल रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 दर्ज किया गया। वहीं कल की तुलना में देखें तो सिवान में वायु गुणवत्ता कहीं ज्यादा खराब हुई है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में चेंगलपट्टू, श्रीगंगानगर, ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, अंगुल, रायचुर, इंफाल, बेतिया, और अमृतसर शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर पालकालाइपेरुर की हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि की तुलना पालकालाइपेरुर की हवा से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है।

वहीं दूसरी तरफ देश के करीब आधे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गोरखपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा शामिल थे।

हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 117 पर पहुंच गई है।

इसी तरह देश के 111 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। मतलब की देश के 47 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, करनाल, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नासिक आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक राजधानी दिल्ली के साथ पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। गौरतलब है कि जहां दिल्ली में 13 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 86 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी कल से 21 अंकों का सुधार आया है। इसके बाद वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 74 पर पहुंच गया।

वहीं देश के सात शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम स्तर पर है। इन शहरों में अंगुल, चेंगलपट्टू, ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, इंफाल, रायचुर, श्रीगंगानगर शामिल थे। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में करीब 59 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इस तरह देश के तीन फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 236 में से 117 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 115 दर्ज किया गया था। 7 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में सिवान (232) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (86) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 13 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 74, गाजियाबाद में 76, गुरुग्राम में 89, नोएडा में 81, ग्रेटर नोएडा में 150 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 43, चेन्नई में 42, चंडीगढ़ में 52, हैदराबाद में 122, जयपुर में 73 और पटना में 85 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 117 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गोरखपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागौर, नांदेड़, नारनौल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सहरसा, सासाराम, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अलवर, अमृतसर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, बूंदी, चामराजनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तूर, चुरू, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, करनाल, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मिलुपारा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सतना, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।