प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई  
वायु

प्रदूषित शहरों में टॉप पर दिल्ली, 373 एक्यूआई, दमोह की हवा सबसे साफ

दिल्ली से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है

Lalit Maurya

  • दिल्ली में 22 दिसंबर 2025 को वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 दर्ज किया गया, जो उसे देश का सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। दिल्ली की हवा में पीएम2.5 कणों की अधिकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

  • दिल्ली से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

  • दूसरी ओर, दमोह की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 34 था।

  • 22 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 2.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

  • वहीं 20.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 77.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (366) दूसरे जबकि गाजियाबाद (360) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 352 अंकों के साथ बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है।

  • सिंगरौली-बालासोर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 347 और 332 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • ग्रेटर नोएडा (332) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरुग्राम (331), रोहतक (327) और अंगुल (321) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) शहर शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 22 दिसंबर 2025 को एक बार फिर देश में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 373 रिकॉर्ड किया गया। गौरतलब है कि 21 दिसंबर को दिल्ली में एक्यूआई 377 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में चार अंकों का सुधार आया है। इसके बावजूद दिल्ली में आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।   

रुझानों में सामने आया है कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

दिल्ली से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,300 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में दमोह की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 34 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि इससे पहले 14 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 461 तक पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 दिसंबर, 2025 को 233 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 2.6 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 20.2 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 77.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है।

बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। इसी तरफ संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में मामूली कमी आई है।

खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब 24 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। दूसरी बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से 13 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।

फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (366) दूसरे जबकि गाजियाबाद (360) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 352 अंकों के साथ बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है। सिंगरौली-बालासोर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 347 और 332 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

ग्रेटर नोएडा (332) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरुग्राम (331), रोहतक (327) और अंगुल (321) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के तीन (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद) और हरियाणा के तीन शहर (बहादुरगढ़, रोहतक, गुरुग्राम) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, बालासोर, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, अंगुल, मुजफ्फरनगर, मेरठ, सोनीपत, हल्दिया, बारीपदा, विशाखापत्तनम, भिवाड़ी, बुलंदशहर, जींद, कटक, फतेहाबाद, बागपत, भुवनेश्वर, खुर्जा, कुरुक्षेत्र, करनाल, ब्यासनगर, जैसलमेर, गुम्मिडीपूंडी, पंचगांव, पंचकुला, तालचेर, चूरू, तिरुपुर, हावड़ा, बठिंडा, बद्दी, फरीदाबाद, हापुड़, मानेसर, सीकर, बल्लभगढ़, बूंदी, लखनऊ, चरखी दादरी, मोतिहारी, अमृतसर, नारनौल, रूपनगर, मुंगेर, बारबिल, कानपुर, कोटा, भीलवाड़ा, चंडीगढ़, जालंधर, पुणे, धुले, ग्वालियर, टोंक, जयपुर, कैथल, हाजीपुर, राजमहेंद्रवरम, मिलुपारा, बैरकपुर, तिरुमाला, अररिया, कोयंबटूर, आगरा, खन्ना, समस्तीपुर, कल्याण, नागपुर, कोलकाता, पिंपरी-चिंचवाड़, मुरादाबाद, भागलपुर, भिवानी, करूर, पाली, आसनसोल, झालावाड़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं सिंगरौली, रोहतक, श्री गंगानगर, पानीपत, हनुमानगढ़, बिलीपाड़ा, धनबाद, जालोर, सूरत, झुंझुनू, नागौर, ब्रजराजनगर, बेगूसराय, मालेगांव, गया, पटियाला, टेन्सा, उल्हासनगर, लुधियाना, मंडीदीप, औरंगाबाद (बिहार), चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बदलापुर, नवी मुंबई, बीकानेर, सहरसा, सासाराम, भिवंडी, अजमेर, नाहरलागुन, बोइसर, नांदेड़, रतलाम, अलवर, महाद, अमरावती (आंध्रप्रदेश), रायरंगपुर, अकोला, मंडीखेड़ा, राउरकेला, सिलीगुड़ी, बाड़मेर, वृंदावन, नयागढ़, बिलासपुर, बेलापुर, देवास, परभनी आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 2.6 फीसदी यानी महज छह शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, दमोह, पंपोर, शिलांग, श्रीनगर आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 47 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, पलवल, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, रायपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 120 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोइसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, जयपुर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कल्याण, करूर, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, लुधियाना, महाद, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुचेरी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सिलीगुड़ी, सिवान, सोलापुर, सुआकती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 47 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चूरू, कटक, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुम्मिडीपूंडी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड़, हावड़ा, जैसलमेर, जालंधर, जींद, कानपुर, करनाल, खुर्जा, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मानेसर, मोतिहारी, मुंगेर, नारनौल, पंचगांव, पंचकुला, पानीपत, पुणे, रूपनगर, सीकर, सोनीपत, तालचेर, तिरुपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में अंगुल, बहादुरगढ़, बालासोर, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, रोहतक, सिंगरौली, श्री गंगानगर शामिल हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 233 में से महज छह शहरों में हवा 'बेहतर' है। 47 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 21 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 52 दर्ज किया गया था।

120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज दिल्ली (373) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में चार अंकों का सुधार आया है। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।  

दूसरी तरफ कल से फरीदाबाद के प्रदूषण में मामूली गिरावट आई है। आज फरीदाबाद में एक्यूआई 234 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में आज भी वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।   

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 22 दिसंबर को बहादुरगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (366) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (360) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 194, गाजियाबाद में 360, गुवाहाटी में 132, गुरूग्राम में 331, नोएडा में 366, ग्रेटर नोएडा में 332 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 104 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 222, चेन्नई में 121, चंडीगढ़ में 204, हैदराबाद में 95, जयपुर में 189 और पटना में 130 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन छह शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, दमोह, पंपोर, शिलांग, श्रीनगर शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, बांसवाड़ा, बारां, बेतिया, भिलाई, चिक्कमगलुरु, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, करौली, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, पलवल, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, रायपुर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, विजयवाड़ा आदि 47 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

प्रदूषण में पहले स्थान पर दिल्ली, सिंगरौली-गाजियाबाद सहित 14 अन्य शहरों में स्थिति बेहद खराब