नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 344 तक पहुंच गया है, जिससे यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।
दिल्ली में भी स्थिति 'बेहद खराब' है, जहां एक्यूआई 330 दर्ज किया गया।
नोएडा में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
06 दिसंबर, 2025 को 248 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 23.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 72.6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि 06 दिसंबर 2025 को देश में नोएडा की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 344 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 05 दिसंबर को नोएडा में एक्यूआई 339 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में पांच अंकों का उछाल आया है। हालांकि वहां आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।
रुझानों में सामने आया है कि नोएडा की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
नोएडा से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,100 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 20 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नोएडा की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है।
गौरतलब है कि कल देश में हापुड़ की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 372 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 36 अंकों के सुधार के साथ हापुड़ में एक्यूआई घटकर 336 पर पहुंच गया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही तीन अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 330 तक पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। चिंता की बात है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 2,000 फीसदी अधिक है।
गौरतलब है कि 11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 दिसंबर, 2025 को 248 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज चार फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं 23.4 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 72.6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 57 फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से करीब 11 फीसदी की गिरावट आई है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से 22 फीसदी का इजाफा हुआ है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कल से करीब तीन फीसदी की गिरावट आई।
देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 30 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद (343) दूसरे जबकि हापुड़ (336) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 330 अंकों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा-गुरुग्राम में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 321 और 314 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
धारूहेड़ा (301) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरनगर (300), मेरठ (295) और भिवाड़ी (294) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह (नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर) और हरियाणा के दो शहर (धारूहेड़ा, गुरुग्राम) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, धारूहेड़ा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, भिवाड़ी, बुलंदशहर, मानेसर, सोनीपत, बहादुरगढ़, खुर्जा, अमरावती (आंध्रप्रदेश), चरखी दादरी, गुम्मिडीपूंडी, भिवानी, बागपत, मंडी गोबिंदगढ़, बिलीपाड़ा, सीकर, करनाल, बद्दी, बालासोर, तिरुमाला, फतेहाबाद, तालचेर, फरीदाबाद, नंदेसरी, सांगली, टोंक, काशीपुर, विशाखापत्तनम, बल्लभगढ़, कोटा, जींद, हल्दिया, कोलकाता, राजमहेंद्रवरम, कुरुक्षेत्र, चंडीगढ़, नारनौल, पुडुकोट्टई, अररिया, मुरादाबाद, वेल्लोर, झालावाड़, पानीपत, अगरतला, कटक, चित्तूर, पीथमपुर, अलवर, झुंझुनू, मंडीदीप, जयपुर, पुणे, हावड़ा, आसनसोल, अंगुल, लखनऊ, बर्नीहाट, अंबाला, भुवनेश्वर, धुले, बारबिल, लुधियाना, हाजीपुर, अनंतपुर, आरा, पिंपरी-चिंचवाड़, आगरा, बक्सर, मंडीखेड़ा, बैरकपुर, खन्ना, चेन्नई, जलगांव, सिंगरौली, पलवल, पुडुचेरी, वातवा, कोयंबटूर, पटना, यादगीर, गुवाहाटी, कुड्डालोर, देहरादून, कल्याण, भीलवाड़ा, मुंगेर, प्रयागराज, दावनगेरे, बेगूसराय, दुर्गापुर, उदयपुर, फिरोजाबाद, कोल्हापुर आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं चूरू, बीकानेर, श्री गंगानगर, सासाराम, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़, नागौर, सवाई माधोपुर, धनबाद, सूरत, हिसार, देवास, पटियाला, भरतपुर, क्योंझर, अंकलेश्वर, उल्हासनगर, रतलाम, भिवंडी, बूंदी, जालंधर, बदलापुर, बाड़मेर, ब्रजराजनगर, बांसवाड़ा, दौसा, अहमदाबाद, मालेगांव, महाड, बेलापुर, कटनी, बारां, कैथल, पाली, तुमडीह, वृंदावन, अजमेर, गोरखपुर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, टेन्सा, डूंगरपुर, जालोर, किशनगंज, नागपुर, बरेली, नांदेड़, पंचगांव, मिलुपारा, सिरसा आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।
इन शहरों के विपरीत देश के चार फीसदी यानी महज 10 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में दमोह, गंगटोक, मदिकेरी, मंगलौर, ऊटी, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।
आज देश के जिन 58 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, छाल, छपरा, धारवाड़, गांधीनगर, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मंगुराहा, मोतिहारी, मैसूर, नागांव, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, पेरुंदुरई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 139 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कडप्पा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पाली, पलवल, पंचगांव, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सोलापुर, सूरत, टेन्सा, तिरुपुर, तुमडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 34 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में अमरावती (आंध्रप्रदेश), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, चरखी दादरी, चूरू, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुम्मिडीपूंडी, करनाल, काशीपुर, खुर्जा, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, सांगली, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुमाला, टोंक, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
इसी तरह आज देश के सात शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में दिल्ली, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हापुड़, नोएडा शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 248 में से महज 10 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 58 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 05 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 65 दर्ज किया गया था।
139 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज नोएडा (344) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से नोएडा में प्रदूषण के स्तर में पांच अंकों का उछाल आया है। हालांकि इसके बावजूद नोएडा में अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बेहद खराब' बना हुआ है।
गौरतलब है कि कल देश में हापुड़ की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 372 तक पहुंच गया था। हालांकि आज हापुड़ की हवा में 36 अंकों का सुधार आया है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 330 पर पहुंच गया। दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां चार अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 213 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज एक बार फिर 'खराब' श्रेणी में है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 06 दिसंबर को दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं गाजियाबाद (343) दूसरे, जबकि हापुड़ (336) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 188, गाजियाबाद में 343, गुवाहाटी में 137, गुरूग्राम में 314, नोएडा में 344, ग्रेटर नोएडा में 321 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 116 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 161, चेन्नई में 144, चंडीगढ़ में 189, हैदराबाद में 102, जयपुर में 171 और पटना में 139 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, गंगटोक, मदिकेरी, मंगलौर, ऊटी, रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालुर, बागलकोट, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, बिलासपुर, बोइसर, छाल, छपरा, धारवाड़, गांधीनगर, हुबली, इंदौर, जैसलमेर, जलना, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कटिहार, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मंगुराहा, मोतिहारी, मैसूर, नागांव, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, परभनी, पेरुंदुरई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, वापी, विजयवाड़ा, विरार आदि 58 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
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प्रदूषण का हॉटस्पॉट बना उत्तरप्रदेश, हापुड़ में बढ़कर 372 पर पहुंचा एक्यूआई