फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) 
वायु

मुजफ्फरनगर में बढ़कर 400 पर पहुंचा एक्यूआई, दिल्ली-एनसीआर में फिर बिगड़े हालात

दिल्ली में 42 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 342 पर पहुंच गया। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10 और पीएम2.5) हावी हैं

Lalit Maurya

  • मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 400 तक पहुंच गया, जिसके साथ ही यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।

  • दिल्ली-एनसीआर में भी प्रदूषण से हालात बिगड़ हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मुजफ्फरनगर की हवा में पीएम2.5 कणों की अधिकता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।

  • मुजफ्फरनगर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।

  • दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 18 रिकॉर्ड किया गया।

  • राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। 42 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 349 पर पहुंच गया।

  • 12 दिसंबर, 2025 को 245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 2.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 24.9 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 72.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

  • फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 रिकॉर्ड किया गया है।  

  • आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (386) दूसरे जबकि मेरठ (384) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 383 अंकों के साथ बागपत चौथे स्थान पर है।

  • ग्रेटर नोएडा-मंडीदीप में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 373 और 370 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

  • गाजियाबाद (363) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बल्लभगढ़ (359), दिल्ली (349) और कैथल (324) भी शामिल हैं।

  • आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह (मुजफ्फरनगर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद) शहर शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि 12 दिसंबर 2025 को देश में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 400 तक पहुंच गया। गौरतलब है कि 11 दिसंबर को मुजफ्फरनगर में एक्यूआई 338 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 62 अंकों का भारी उछाल आया है। वहां आज भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।        

रुझानों में सामने आया है कि मुजफ्फरनगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

मुजफ्फरनगर से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 2,500 फीसदी अधिक है।

दूसरी तरफ देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 18 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि कल देश में गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 343 दर्ज किया गया था। हालांकि आज 20 अंकों के उछाल के साथ गाजियाबाद में एक्यूआई बढ़कर 363 पर पहुंच गया है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है। 42 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 342 पर पहुंच गया। इसके साथ ही दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई। चिंता की बात यह है कि दिल्ली में अभी भी प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 600 फीसदी अधिक है।

11 नवंबर को दिल्ली में साल का सबसे प्रदूषित शहर दिन दर्ज किया गया था, जब एक्यूआई बढ़कर 428 तक पहुंच गया था।   

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 दिसंबर, 2025 को 245 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां महज 2.9 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 24.9 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 72.2 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा चिंताजनक है। बता दें कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।         

इसी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी कल से करीब 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की बात करें तो इनकी संख्या में कल से 3.4 फीसदी का उछाल आया है। खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो उनकी गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है।

वहीं दूसरी तरफ देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कल से करीब 67 फीसदी का उछाल आया है, जोकि चिंता का विषय है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 रिकॉर्ड किया गया है।  

आंकड़ों से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में नोएडा (386) दूसरे जबकि मेरठ (384) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 383 अंकों के साथ बागपत चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा-मंडीदीप में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 373 और 370 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।

गाजियाबाद (363) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में बल्लभगढ़ (359), दिल्ली (349) और कैथल (324) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के छह (मुजफ्फरनगर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद) और हरियाणा के भी दो शहर (बल्लभगढ़, कैथल) शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि मुजफ्फरनगर, नोएडा, बागपत, बल्लभगढ़, कैथल, मानेसर, हावड़ा, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, कोलकाता, खुर्जा, गुरुग्राम, हापुड़, रोहतक, बुलंदशहर, बद्दी, बैरकपुर, सोनीपत, भिवाड़ी, जालंधर, आसनसोल, आरा, हल्दिया, बिहार शरीफ, राजगीर, समस्तीपुर, तिरुमाला, चंडीगढ़, भुवनेश्वर, तालचेर, मुरादाबाद, बक्सर, हाजीपुर, पिंपरी-चिंचवाड़, तिरुपुर, नारनौल, चरखी दादरी, पटना, कटक, भिवानी, सासाराम, देहरादून, मुंगेर, फतेहाबाद, कोयंबटूर, बालासोर, जींद, दुर्गापुर, कटनी, ब्यासनगर, सांगली, कानपुर, पुडुचेरी, विरुधुनगर, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।

वहीं मेरठ, ग्रेटर नोएडा, मंडीदीप, गाजियाबाद, दिल्ली, सीकर, नागौर, विशाखापत्तनम, लखनऊ, बीकानेर, श्री गंगानगर, फरीदाबाद, जयपुर, टोंक, जालोर, कोल्हापुर, पुणे, भोपाल, चुरू, धनबाद, हिसार, झुंझुनू, जोधपुर, पटियाला, गया, ग्वालियर, हनुमानगढ़, आगरा, तिरुवनंतपुरम, सिंगरौली, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, अहमदाबाद, भिवंडी, मोतिहारी, भरतपुर, वाराणसी, भागलपुर, रतलाम, चित्तौड़गढ़, अमरावती (आंध्रप्रदेश), गुवाहाटी, प्रयागराज, बरेली, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), राउरकेला, बारीपदा, कल्याण, बदलापुर, दौसा, बाड़मेर, नवी मुंबई, बूंदी, महाद, ठाणे, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारां, क्योंझर, वृंदावन, बोइसर, मीरा-भायंदर, नासिक, ब्रजराजनगर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है।

इन शहरों के विपरीत देश के 2.9 फीसदी यानी महज सात शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, मदिकेरी, शिलांग, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। 

आज देश के जिन 61 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, ऊटी, पेरुंदुरई, रायपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 122 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अंबाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालुर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बोइसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देहरादून, धनबाद, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, लुधियाना, मदुरै, महाद, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूरु, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 40 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में आरा, आसनसोल, बद्दी, बहादुरगढ़, बैरकपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बुलंदशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, कटक, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड़, जालंधर, खुर्जा, कोलकाता, लखनऊ, मुरादाबाद, नागौर, नारनौल, पटना, पिंपरी-चिंचवाड़, राजगीर, रोहतक, समस्तीपुर, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुमाला, तिरुपुर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

इसी तरह आज देश के 15 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बल्लभगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हावड़ा, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पानीपत शामिल हैं।  

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 245 में से महज 7 शहरों में हवा 'बेहतर' है। 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 11 दिसंबर 2025 को यह आंकड़ा 70 दर्ज किया गया था।

122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में आज मुजफ्फरनगर (400) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 410 के करीब पहुंच गया। बता दें कि कल से मुजफ्फरनगर में प्रदूषण के स्तर में 62 अंकों का उछाल आया है। मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता अभी भी 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है।

गौरतलब है कि कल देश में गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 343 तक पहुंच गया था। वहीं आज गाजियाबाद में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद एक्यूआई बढ़कर 363 तक पहुंच गया।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 349 पर पहुंच गया।

दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 49 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई घटकर 204 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता आज भी खराब श्रेणी में बनी हुई है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में 12 दिसंबर को बागपत चौथे स्थान पर है, वहीं नोएडा (386) दूसरे, जबकि मेरठ (384) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 156, गाजियाबाद में 363, गुवाहाटी में 133, गुरूग्राम में 286, नोएडा में 386, ग्रेटर नोएडा में 373 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 112 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 232, चेन्नई में 170, चंडीगढ़ में 251, हैदराबाद में 88, जयपुर में 194 और पटना में 217 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन सात शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, दमोह, मदिकेरी, शिलांग, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, बांसवाड़ा, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भिलाई, बिलासपुर, छाल, चित्तूर, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गोरखपुर, हुबली, हैदराबाद, जलना, झांसी, कडप्पा, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मिलुपारा, ऊटी, पेरुंदुरई, रायपुर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमडीह, वापी, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 61 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

कल देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति कैसी थी इसकी जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर के पिछले अंक से प्राप्त कर सकते हैं:

देश में गाजियाबाद की हवा सबसे जहरीली, दिल्ली-मेरठ में भी 300 के पार पहुंचा एक्यूआई