2070 में ग्लोबल वार्मिंग के कारण लीमर के 95 फीसदी आवास नष्ट हो सकते हैं, क्योंकि ये जगहें रहने के लिए बहुत गर्म हो जाएंगी। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, मैथियास अप्पेल
वन्य जीव एवं जैव विविधता

विश्व लीमर दिवस: लीमर की 98 फीसदी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 2100 तक वैश्विक तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है, तो लीमर की 57 प्रजातियों की आबादी में 60 फीसदी की कमी आएगी

Dayanidhi

विश्व लीमर दिवस अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार को मनाया जाता है। जबकि दुनिया भर में विश्व लीमर महोत्सव पूरे अक्टूबर में मनाया जाता है। लीमर की 98 फीसदी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं और 31 फीसदी गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं, इसलिए अब कार्रवाई करने का समय आ गया है।

लीमर के पूर्वज 6.5 करोड़ साल पहले अफ्रीकी मुख्य भूमि से मेडागास्कर पहुंचे थे। जीव विभिन्न पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए विकसित और उनके अनुकूल हुए, जिसके परिणामस्वरूप लीमर की एक विविध श्रृंखला विकसित हुई जो विभिन्न प्रकार के आवासों में रहते हैं।

सिम्पोना या रेशमी सिफाका (प्रोपिथेकस कैंडिडस) जैसे लीमर केवल उत्तरी मेडागास्कर के भारी ऊंचाई वाले वर्षावनों में रहते हैं। माकी और लीमूर कट्टा मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिमी मेडागास्कर के कांटेदार जंगलों में रहते हैं और अलाओत्रा झील हापलेमूर अलाओत्रा झील के दलदल और बांस में रहते हैं।

अब विश्व लेमर दिवस के लिए उत्साह बढ़ गया और इस कार्यक्रम को दुनिया भर के संगठनों, व्यक्तियों और चिड़ियाघरों द्वारा मनाया जाता है। हर साल इस कार्यक्रम का असर बढ़ता गया, जापान, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूरोप और दुनिया भर के कई अन्य हिस्सों में इसको लेकर कार्यक्रम किए जाते हैं।

विश्व लीमर दिवस हर साल मनाया जाने वाला एक रोमांचक कार्यक्रम रहा है जिसमें लाइव इवेंट के साथ-साथ वर्चुअल अभियान भी शामिल हो गए हैं, जिन्होंने न केवल जागरूकता बढ़ाई है बल्कि लीमर की सुरक्षा और देखभाल में मदद करने के लिए वित्तीय योगदान भी दिया है। हर साल इन आयोजनों को दर्शाने के लिए एक नया लोगो चुना जाता है, जिसमें प्रतिभाशाली कलाकारों द्वारा लीमर की कलाकृतियां प्रदर्शित की जाती हैं।

लीमर विलुप्त होने के खतरे में हैं और सभी लीमर प्रजातियों में से 31 फीसदी अब अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' के रूप में दर्ज हैं।

लगभग 2,000 साल पहले, मेडागास्कर में प्रकृति का दोहन तब शुरू हुआ जब मनुष्य यहां आए। कोयला खनन, अवैध कटाई और स्लैश-एंड-बर्न कृषि के कारण जंगलों को काटे जाने और लीमर के लिए आवास का बड़ा नुकसान हुआ। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार, 1950 के दशक से, मेडागास्कर ने अपने प्राकृतिक जंगलों का 44 फीसदी हिस्सा खो दिया है और 2001 से 2019 के बीच, देश ने 38.9 लाख हेक्टेयर जंगल गायब हो गया है, जो 2000 से 23 फीसदी की कमी को सामने लाता है।

लीमर की आबादी में गिरावट जारी है क्योंकि उनका मांस के लिए शिकार किया जाता है और लोगों और संस्थानों द्वारा उन्हें अवैध रूप से पालतू जानवर के रूप में रखा जाता है। लीमर की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं और किसी भी अपराध के लिए छह महीने से 20 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।

लीमर पर जलवायु संकट का भारी असर पड़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण जब ये प्रजातियां अपने मूल प्राकृतिक वातावरण को छोड़ती हैं, तो उनके विलुप्त होने का खतरा बढ़ जाता है। 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि 2070 में ग्लोबल वार्मिंग के कारण लीमर के 95 फीसदी आवास नष्ट हो सकते हैं, क्योंकि ये जगहें रहने के लिए बहुत गर्म हो जाएंगी।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की एक रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि अगर 2100 तक वैश्विक तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है, तो लीमर की 57 प्रजातियों की आबादी में 60 फीसदी की कमी आएगी।