वन्य जीव एवं जैव विविधता

संसद में आज: जंगली जानवरों के हमले की घटनाओं के सरकार के पास नहीं है आंकड़े

प्रतिपूरक वनरोपण प्रबंधन अधिनियम (कैम्पा) के तहत 33 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 48,636.64 करोड़ की राशि का वितरण किया गया है।

Madhumita Paul, Dayanidhi

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि केरल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जंगली जानवरों के हमले और जंगली जानवरों के कारण फसल के नुकसान की घटनाओं पर गौर किया गया है। हालांकि जंगली जानवरों के हमलों के कारण हताहतों की संख्या के बारे में आंकड़े मंत्रालय द्वारा एकत्रित नहीं किए गए हैं।

14 मार्च से शुरू हुए संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में चौबे ने कहा कि मंत्रालय को केरल राज्य सरकार से एक वर्ष की अवधि के लिए राज्य में जंगली सूअर को हिंसक जानवर घोषित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। मामले की जांच करने के बाद, मंत्रालय ने केरल सरकार से वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 11 (1) (बी) में निहित प्रावधानों और 06.02.2021 को मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी मानव वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिए उपयोग करने पर विचार करने का अनुरोध किया है। 

पर्यावरण संबंधी अपराध

आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि 2020 के लिए जारी भारत में अपराध रिपोर्ट इंगित करती है कि पर्यावरण से संबंधित अपराधों के लिए दर्ज मामलों की संख्या 2019 में 34676 से बढ़कर 2020 में 61767 हो गई है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन उपलब्ध कराना

01 मार्च 2022 तक, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने उज्जवला 2.0 के तहत 1 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए हैं। इसके अलावा, सरकार ने मौजूदा तौर-तरीकों पर उज्ज्वला 2.0 के तहत अतिरिक्त 60 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दी है, यह आज पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में बताया।

गुआ लौह अयस्क की खानों के कारण प्रदूषण

खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) (एमएमडीआर) अधिनियम, 1957 के प्रावधानों तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार राज्य सरकारें अपनी-अपनी सीमाओं के भीतर स्थित खनिजों के लिए खनिज रियायतें प्रदान करती हैं। झारखंड राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के मुताबिक, गुआ लौह अयस्क खदानों द्वारा सभी आवश्यक अनुमति या मंजूरी प्राप्त कर ली है, यह आज खान, कोयला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्यसभा में  बताया।

जोशी ने कहा कि राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) अधिकृत / एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज) से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से हवा, पानी और शोर के विभिन्न मापदंडों के लिए पर्यावरण प्रदूषण की निगरानी नियमित अंतराल पर की जाती है। 

स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति

भारत सरकार 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को निर्धारित गुणवत्ता की पर्याप्त मात्रा में पेयजल आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन (जेजेएम) लागू कर रही है। 10 मार्च, 2022 तक, 19.31 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 9.16 करोड़ घरों में नल से  पानी की आपूर्ति का प्रावधान है, यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री प्प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्यसभा में बताया।

किस अवस्था तक पहुंची नदियों को आपस में जोड़ने का काम

राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत, राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) ने व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए 30 आपस में जोड़ने (16 प्रायद्वीपीय घटक के तहत और 14 हिमालयी घटक के तहत) की पहचान की है, यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर  टुडू ने राज्यसभा में बताया।

टुडू ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने (आईएलआर) परियोजना (30 आपस में जोड़ने) के लिए अनुमानित व्यय 8.44 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि, वास्तविक व्यय से संबंधित मुद्दा, नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं के कार्यान्वयन के समय उत्पन्न होता है।

खत्म होती हुई नदियों का पुनरुद्धार

सितंबर 2018 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा प्रकाशित अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक, जैव-रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) के संदर्भ में देश में 521 नदियों की निगरानी परिणामों के आधार पर 323 नदियों पर 351 प्रदूषित हिस्सों की जैविक प्रदूषण के बारे में पहचान की गई है। यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर  टुडू ने राज्यसभा में बताया।

नदी की सफाई एक सतत प्रक्रिया है और केंद्र सरकार जल शक्ति मंत्रालय की 'नमामि गंगे' और राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकारों और शहरी स्थानीय निकायों की सहायता करती है। एनआरसीपी ने अब तक देश के 16 राज्यों में फैले 77 शहरों में 34 नदियों के प्रदूषित हिस्सों को 5961.75 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत से कवर किया है। अन्य बातों के साथ, 2677 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) की सीवेज उपचार क्षमता को पूरा किया गया है। टुडू ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 30853 करोड़ रुपये की लागत से 5024 एमएलडी के सीवेज उपचार और 5227 किलोमीटर के सीवर नेटवर्क सहित कुल 364 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

वर्षा जल के संरक्षण के लिए खर्च की गई धनराशि

केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से 'भूजल के कृत्रिम आधार पर पुनर्भरण के लिए मास्टर प्लान - 2020' तैयार किया है। मास्टर प्लान - 2020 देश की विभिन्न भू-भाग स्थितियों के लिए विभिन्न संरचनाओं को दर्शाने वाली एक वृहद स्तरीय योजना है। मास्टर प्लान -2020 में 185 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) का दोहन करने के लिए देश में लगभग 1.42 करोड़ वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की परिकल्पना की गई है। इस बात की जानकारी आज जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर  टुडू ने राज्यसभा को दी।

स्वच्छता स्टार्ट अप चैलेंज

सरकार ने 27 जनवरी, 2022 को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सहयोग से अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में विकास स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए एक सक्षम वातावरण को बढ़ावा देने के लिए 'स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज' शुरू की है, यह आज आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा में बताया।

प्रतिपूरक वनरोपण प्रबंधन अधिनियम (कैम्पा) के लिए निधि

33 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के इलाकों को 48,636.64 करोड़ की राशि का वितरण किया गया है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के इलाकों के साथ राशि के समाधान के बाद ऐसे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के इलाकों के सार्वजनिक खातों के तहत राज्य प्रतिपूरक वनरोपण निधि (राज्य निधि) की स्थापना की, यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।

वायु गुणवत्ता के लिए अनुदान

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने व्यय विभाग (डीओई) के दिशा-निर्देशों के अनुसार परिवेशी वायु गुणवत्ता अनुदान के वितरण के लिए शहर-वार सिफारिशें की हैं, यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।

132 शहरों के वायु गुणवत्ता के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश शहर 2019 और 20 की तुलना में वायु गुणवत्ता में सुधार दिखा रहे हैं। 36 शहरों के पीएम10 के परिवेशी वायु गुणवत्ता के आंकड़ों में 2019 और 2020 की तुलना में 2020 और 2021 में पीएम 10 सांद्रता में वृद्धि देखी गई। जबकि 96 शहरों में घटती प्रवृत्ति (यानी वायु गुणवत्ता में सुधार) है। चौबे ने कहा कि 18 शहर 2019 और 20 में निर्धारित राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता के भीतर पाए गए, जो वर्ष 2020 और 21 में बढ़कर 27 हो गए हैं।

सुंदरवन की सुरक्षा और संरक्षण

सुंदरवन की सुरक्षा और संरक्षण के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं मुख्यत: प्रोजेक्ट टाइगर (सीएसएस-पीटी) और वन्यजीव आवास विकास (सीएसएस-डीडब्ल्यूएच) के तहत आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता दी जा रही है। वर्ष 2021 और 22 में सीएसएस-पीटी के तहत 384.41 लाख रुपये और सीएसएस-डीडब्ल्यूएच के तहत 198.89105 लाख रुपये की सहायता अनुदान सुंदरबन के लिए जारी की गई थी। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।

चिकित्सा अपशिष्ट का निपटान

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों/प्रदूषण नियंत्रण समितियों (एसपीसीबी/पीसीसी) द्वारा प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर जैव-चिकित्सा अपशिष्ट (बीएमडब्ल्यू) के उत्पादन, संग्रह और उपचार के देशव्यापी वार्षिक आंकड़ों का संकलन करता है। वर्ष 2020 में बीएमडब्ल्यू का लगभग 656 टन/दिन (टीपीडी) उत्पन्न हुआ, जिसमें से 590 टीपीडी को एकत्र किया गया और कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटीज (सीबीडब्ल्यूटीएफ) द्वारा उपचारित किया गया।

इसके अलावा, देश में मई 2020 से फरवरी 2022 के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं, संगरोध केंद्रों / शिविरों, नमूना संग्रह केंद्रों, प्रयोगशालाओं, घरेलू देखभाल / घरेलू अलगाव केंद्रों से उपचार, निदान और संगरोध में लगे लगभग 84.61 टीपीडी वृद्धिशील कोविड-19 बीएमडब्ल्यू उत्पन्न हुआ था। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।