केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश मानव-मगरमच्छ संघर्ष के कारण 2021-22 में 3 लोगों की मौत हुई और 12 लोग घायल हुए। उन्होंने कहा कि उत्तरी खीरी डिवीजन, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत टाइगर रिजर्व डिवीजन, पीलीभीत, कतर्नियाघाट वन्यजीव डिवीजन, बहराइच और राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, आगरा, इटावा मुख्य क्षेत्र हैं, जहां मगरमच्छों का इंसानों के साथ संघर्ष हो रहा है।
नदियों में बढ़ता प्रदूषण
जल शक्ति राज्य मंत्री बिशेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट और उसमें एकत्र किए गए आंकड़े देश में नदियों के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण का आकलन करने के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज हैं। वर्ष 2016 और 2017 के दौरान पानी की गुणवत्ता के आंकड़ों के आकलन के आधार पर, सीपीसीबी ने सितंबर 2018 की अपनी रिपोर्ट में, 29 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 323 नदियों में से 351 प्रदूषित हिस्सों की पहचान की।
सीपीसीबी की ओर से बताया गया कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा प्रकाशित आंकड़े उनके पास उपलब्ध नहीं है। टुडू ने कहा कि जैसा कि बोर्ड ने बताया कि वह सीएसई द्वारा प्रकाशित किए गए रिपोर्ट में शामिल नहीं था।
ओडिशा के तटीय क्षेत्रों के लोगों के सामने पेयजल की किल्लत
जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत राज्यों को जल गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है। 18-07-2022 तक, ओडिशा के 88.57 लाख ग्रामीण परिवारों में से, तटीय क्षेत्रों के घरों सहित 43.87 लाख में पीने योग्य नल के पानी की आपूर्ति का प्रावधान है। इस बात की जानकारी आज जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में दी।
20 साल में 65 हजार परिवार प्रभावित
असम में ब्रह्मपुत्र में आने वाली बाढ़ के कारण हो रहे नुकसान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में जल शक्ति राज्य मंत्री बिशेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदी घाटी का बड़ा हिस्सा असम राज्य में स्थित है और साल 2000 से लेकर 2020 के बीच असम के 28 जिलों में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में कटाव के चलते 2000 से लेकर 2020 के बीच 52,425.77 हेक्टेयर जमीन की क्षति हो चुकी है और 65,799 परिवार प्रभावित हो चुके हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि असम के जल संसाधन विभाग ने 28 फरवरी, 2022 को जारी जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
असम राष्ट्रीय बाढ़ आयोग (आरबीए) की सिफारिश के अनुसार बाढ़ और नदी तट कटाव प्रबंधन योजनाओं को लागू कर रहा है और तटबंध के निर्माण के माध्यम से 31.50 लाख हेक्टेयर के बाढ़ प्रवण क्षेत्र के 50 फीसदी से अधिक को उचित सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है कटाव संरक्षण कार्य 1954 से जारी है।
टुडू ने बताया कि विभाग ने निचले इलाकों में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली जैसे गैर-संरचनात्मक उपाय भी किए हैं।
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) द्वारा भूमि अधिग्रहण
पिछले 3 वर्षों और चालू वर्ष (12.07.2022 तक) के दौरान, विभिन्न एनटीपीसी परियोजनाओं के लिए संबंधित राज्य सरकारों द्वारा कुल 273.27 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस भूमि अधिग्रहण से विस्थापित परिवारों की संख्या शून्य है, इस बात की जानकारी आज ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने लोकसभा में दी।
राष्ट्रीय जल परियोजनाओं के कारण विस्थापन
पिछले दो महीनों के दौरान, केवल पोलावरम सिंचाई परियोजना के मामले में, विभिन्न आदिवासी बस्तियों, विस्थापित ग्रामीणों की याचिकाएं सरकार को प्रस्तुत की गई हैं।
इस दौरान आदिवासियों से इस संबंध में वेबसाइट के माध्यम से 257 शिकायत याचिकाएं प्राप्त हुई। इनमें से 141 याचिकाओं का निवारण आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किया गया है, यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री बिशेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया।
बिहार में भूजल संसाधनों की गुणवत्ता
जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा को बताया कि बिहार में पेयजल स्रोतों में प्रदूषण से प्रभावित बस्तियों की संख्या 461 है।
गुजरात में भूजल
2020 के आकलन के अनुसार, गुजरात में कुल 248 मूल्यांकन इकाइयों (तालुकाओं) में से, आठ जिलों में पच्चीस (25) तालुका को 'अति-शोषित' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इस बात की जानकारी आज जल शक्ति राज्य मंत्री बिशेश्वर टुडू ने लोक सभा में दी।
पाइप से पेयजल आपूर्ति
जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लोकसभा में बताया कि अब तक, देश के 19.15 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से लगभग 9.81 करोड़ (51.22 फीसदी) घरों में नल के पानी की आपूर्ति होने की जानकारी है।
पर्यटन केंद्रों के माध्यम से रोजगार सृजन
पर्यटन मंत्रालय के पास पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकारी पर्यटन केंद्र स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, पर्यटन मंत्रालय ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को थीम आधारित पर्यटन सर्किट के विकास के लिए 'स्वदेश दर्शन' की योजनाओं और समग्रता के लिए 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) पर राष्ट्रीय मिशन' के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की है। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और बदले में देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए चिन्हित तीर्थ स्थलों का विकास करने की बात कही गई, यह आज पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया।
अपशिष्ट प्रसंस्करण की क्षमता
अभी देश में ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण की क्षमता 1,31,876 टन प्रति दिन है और वर्ष 2020 के लिए जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार क्षमता 1153 टन प्रतिदिन थी। देश में प्लास्टिक कचरे की रीसाइक्लिंग क्षमता 14.3 लाख टन प्रति वर्ष है। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया।
गुजरात में वन भूमि पर अतिक्रमण
गुजरात सरकार ने बताया है कि गुजरात राज्य में उद्योगों और लोगों द्वारा वन भूमि पर अतिक्रमण के कुल 766 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत दंड प्रावधानों के अनुसार, उद्योगों / संस्थानों द्वारा किए गए 11 अतिक्रमणों को कानूनी प्रावधानों के अनुसार नियमित किया गया है, इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में दी।
चौबे ने कहा कि गुजरात सरकार ने बताया है कि उपरोक्त किसी भी मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय द्वारा कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है।
पंजाब में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर अध्ययन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने 'जलवायु अनुकूल कृषि में राष्ट्रीय नवाचार' परियोजना के तहत 'जलवायु परिवर्तन के लिए भारतीय कृषि के जोखिम और भेद्यता मूल्यांकन' पर एक अध्ययन किया है जो पंजाब राज्य सहित भारतीय राज्यों पर जानकारी प्रदान करता है।
अध्ययन रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ पंजाब के 17 ग्रामीण जिलों की जलवायु परिवर्तन के खतरों और विभिन्न निर्धारकों जैसे जोखिम, भेद्यता और खतरे के संबंध में सापेक्ष स्थिति के बारे में जानकारी शामिल है।
विश्लेषण से संकेत मिलता है कि 17 जिलों में से 5 को बहुत अधिक जोखिम वाले और 4 को उच्च जोखिम वाले के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया।
देश में ई-कचरा उत्पादन
देश में उत्पन्न ई-कचरे की मात्रा जो ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016 के तहत अधिसूचित इक्कीस प्रकार के विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (ईईई) शामिल है, यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में दी।
चौबे ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान क्रमशः कुल 7,71,215.00 टन और 10,14,961.21 टन ई-कचरा उत्पन्न हुआ।