लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में पड़ने वाले गैलापागोस द्वीप के वैज्ञानिक अपने अभियान के दौरान दो कछुआ प्रजातियों के रिश्तेदारों की तलाश में दस दिन बिताएंगे, इन प्रजातियों को विलुप्त माना जा रहा है
गैलापागोस द्वीप समूह प्रशांत महासागर में एक ज्वालामुखी द्वीपसमूह है। इसे वन्यजीवों को देखने के लिए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक माना जाता है। इक्वाडोर का एक प्रांत, यह अपने तट से लगभग 1,000 किमी दूर स्थित है। इसके अलग-अलग इलाके विभिन्न तरह के पौधों और जानवरों की प्रजातियों को आश्रय देते हैं। यहां कई तरह के जीव पाए जाते है जो दुनिया भर में और कहीं नहीं मिलते हैं। चार्ल्स डार्विन ने 1835 में यहां का दौरा किया था, और गैलापागोस की प्रजातियों के अवलोकन ने बाद उन्हें उनके विकास के सिद्धांत के लिए प्रेरित किया था।
जॉर्ज, पिंटा कछुआ प्रजाति के अंतिम पहचानी गई सदस्य है। इसकी उप-प्रजातियों में से एक की 2012 में 100 साल से अधिक उम्र में मृत्यु हो गई थी। पार्क के रेंजर्स और गैलापागोस नेशनल पार्क (पीएनजी) और गैलापागोस कंजरवेंसी के वैज्ञानिक विलुप्त पिंटा और फ्लोरिना प्रजातियों के विशाल कछुओं के एक समूह को खोजने निकले है। पार्क के अधिकारी इसाबेला द्वीप पर वुल्फ ज्वालामुखी का दौरा करेंगे।
उन्होंने इस क्षेत्र को इसलिए चुना है, क्योंकि जानवरों का शिकार कर उनको खाने वाले शिकारी और समुद्री डाकू अपने जहाजों के भार को हल्का करने के लिए अतीत में वहां कुछ कछुओं को फेंक चुके थे।
प्रशांत महासागर में इक्वाडोर के तट से 1,000 किलोमीटर दूर स्थित गैलापागोस द्वीप समूह है। यह जगह चार्ल्स डार्विन द्वारा जैव विविधता के अध्ययन के लिए चुनी गई थी। इसलिए यह जगह प्रसिद्ध हुई थी
गैलापागोस नेशनल पार्क (पीएनजी) के अधिकारियों ने बताया कि 2008 में इसी तरह के अभियान में 1,726 कछुओं से रक्त के नमूने लिए गए थे, जिनमें से 17 पिंटा प्रजातियों के थे, जबकि लगभग 80 फ्लोरिना प्रजाति के थे।
पार्क के निदेशक जोर्ज कैरियन ने बताया कि अध्ययन में पाया गया है कि कछुए के 90 प्रतिशत प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। इन प्रजातियों में कम से कम एक प्रजाति वोल्फ वोल्केनो पर रहता है।
अभियान दल के मुखिया वाशिंगटन तापिया ने कहा कि आखिरकार द्वीपों को फिर से खोलने की उम्मीद है, जहां इस प्रजाति को बचाने के लिए प्रजनन कार्यक्रम शुरू करने के लिए उपयुक्त कछुए की खोज की जा रही है। गैलापागोस द्वीप समूह पर ग्यारह विशाल कछुऔं की प्रजातियां रहती हैं, जबकि चार अन्य को डार्विन के 1835 के बाद विलुप्त होने के रूप में वर्गीकृत किया गया है।