पेरू के अमेजन जंगल में मार्सुपियल मेंढक की एक नई प्रजाति खोजी गई है, इस क्षेत्र को राज्य के द्वारा प्राकृतिक रूप से संरक्षित क्षेत्रों में रखा गया है। नई प्रजाति दक्षिण और मध्य अमेरिका में पाए जाने वाले बिना पूंछ के मेंढकों के गैस्ट्रोथेका वंश की है।
सेरनानप उद्यान में काम करने वालों (सेरनानप सर्विस) ने बताया कि कॉर्डिलेरा डी कोलान राष्ट्रीय अभयारण्य ने विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण खोज की है। अमेजन के इस संरक्षित क्षेत्र में पहली बार पंजीकृत मार्सुपियल मेंढक की एक नई प्रजाति मिली है।
यह खोज कुछ हफ्ते पहले पेरू के उत्तर में अमेजन क्षेत्र कोर्डिलारस डी कोलान के नम टुंड्रा और पहाड़ी क्षेत्र में एक अध्ययन के दौरान हुई थी, जो इक्वाडोर सीमा के करीब 3,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
सेरनानप उद्यान में काम करने वालों ने कहा कि इस नई प्रजाति की पीठ पर एक मोटी दानेदार त्वचा है, एक पैटर्न के बिना एक हरे रंग का पृष्ठीय रंग, फ़िरोज़ा परितारिका जो बिना धब्बे या डॉट्स के है। कॉर्डिलेरा डी कोलन राष्ट्रीय अभयारण्य 39,000 हेक्टेयर से अधिक में फैला है और इसमें खतरे वाले वन्यजीवों के छह इलाके शामिल हैं।
पेरू के अधिकारियों का कहना है कि यह क्षेत्र जैविक रूप से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई अनोखी प्रजातियां वहां रहती हैं। इस प्रकार इसे संरक्षण के लिए एक प्राथमिकता स्थल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इससे पहले पेरू के जंगल में ऑर्किड की नई प्रजाति खोजी गई थी, ऑर्किड की नई प्रजाति हिंगुको क्षेत्र में टिंगो मारिया नेशनल पार्क में खोजी गई थी, सेरनानप में काम करने लोगों ने बताया। आर्किड को एंडिनिया प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है और बेला डुरमिने पर्वत के क्षेत्र में यह पाई गई थी, जो टिंगो मारिया नेशनल पार्क की एक प्रमुख विशेषता है।
पेरू के मध्य में स्थित यह क्षेत्र सामान्य मौसम के लिए जाना जाता है। यहां का वार्षिक औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस (68 डिग्री फ़ारेनहाइट) रहता है।
दुनिया भर में ऑर्किड की लगभग 30,000 विभिन्न प्रजातियां हैं, पेरू में उनमें से लगभग 10 प्रतिशत हैं। टिंगो मारिया नेशनल पार्क के निदेशक लोरेंजो फ्लोर्स ने कहा कि इस तरह की खोज देश की प्राकृतिक विरासत पर प्रकाश डालती है और पार्क के संरक्षण के अच्छे मानक को प्रदर्शित करती है।
आर्किड को संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्र के सम्मान में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ बायोलॉजिकल एंड इकोलॉजिकल ऑर्गेनिज्म द्वारा "एंडिनिया टिंगोमेरियाना" नाम दिया गया।