वन्य जीव एवं जैव विविधता

वैज्ञानिकों ने नई विशाल वाटर लिली की प्रजाति को खोज निकाला

यह दुनिया की सबसे बड़ी वाटर लिली के रूप में स्थापित है, जिसके पत्ते 3 मीटर से अधिक चौड़े हैं।

Dayanidhi

वैज्ञानिकों द्वारा विशाल वाटर लिली की एक नई प्रजाति की खोज की गई है। यह विशाल पौधा यूके स्थित केव या क्यू के रॉयल बॉटनिकल गार्डन के अभिलेखागार में था, जहां कई जलीय पौधों के संग्रह हैं। इससे पहले इसे गलती से एक अन्य प्रजाति के रूप में पहचाना गया था।

अब तक विशाल वाटर लिली की केवल दो प्रजातियों के बारे में ही जानकारी थी, नई प्रजाति मिलकर अब ये दो से तीन हो गए हैं। नई प्रजाति, विक्टोरिया बोलिवियाना के नमूने 177 वर्षों से केव के हर्बेरियम में और बोलीविया के राष्ट्रीय हर्बेरियम में 34 वर्षों से हैं। इसे आमतौर पर विक्टोरिया अमेजोनिका के नाम से जाना जाता है।

अब वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक विस्तृत अध्ययन से पता चला है कि यह विज्ञान के लिए नया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी वाटर लिली के रूप में भी रिकॉर्ड पर है, जिसके पत्ते 3 मीटर से अधिक चौड़े हैं।

इस पौधे को विक्टोरिया बोलिवियाना कहा गया है, जिसका नाम बोलीविया के नाम पर रखा गया है, जहां यह अमेजन नदी प्रणाली के हिस्से में पानी के एक ही घाटी में बढ़ता है।

विक्टोरिया वंश की प्रजातियों को दशकों से खराब माना गया। यह मुख्य रूप से इस कारण है कि जंगल में विशाल जलकुंडों को इकट्ठा करना मुश्किल है। 1832 में वी.अमेजोनिका वंश के नाम से जाने जानी वाली पहली प्रजाति थी, लेकिन तब से मिली किसी भी नई प्रजाति की तुलना करने के लिए आंकड़ों की कमी थी, अब एक ऐसा विस्तृत अध्ययन करके इस कमी को सुधारा गया है।

यह प्रजाति एक कांच के घर या ग्लासहाउस में उगाई गई थी

शोध में बताया गया है कि कार्लोस के साथ काम करते हुए, वनस्पति चित्रकार लुसी स्मिथ ने तीनों प्रजातियों के विस्तृत वैज्ञानिक चित्र बनाए हैं। इस प्रजाति को कांच के घर में उगाया गया था, क्योंकि वाटर लिली के फूल केवल अंधेरे में खिलते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं फूलों तक पहुंचने में सक्षम थी और पत्तियों को देखकर मैं एक चित्रकार के रूप में उन अंतरों को उजागर कर सकती थी जो मैंने देखे थे। वास्तव में जब मैं उन अंतरों को चित्रित कर रही थी, तो वे मेरे दिमाग में घर कर गए और मैंने उन्हें अलग बताने के नए तरीके खोजे। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि तीन प्रजातियों में से नई प्रजाति में सबसे सुंदर फूल हैं।

शोधकर्ता ने बताया कि केव का पौधों के साथ एक लंबा इतिहास रहा है, वाटर लिली हाउस को 1852 में इसके संग्रह को प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया था।

1800 के दशक में खोजे गए विशालकाय, उस युग के एक प्राकृतिक आश्चर्य थे और उस वंश का नाम रानी विक्टोरिया के नाम पर रखा गया था।

लेकिन नई खोज से पता चलता है कि वाटर लिली में अभी भी कुछ आश्चर्य हैं और वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके बारे में अभी भी बहुत कुछ जानना बाकी है।

आरबीजी केव के डॉ एलेक्स मुनरो ने बताया कि तीन प्रजातियों में से किसी का भी बहुत अच्छी तरह से अध्ययन नहीं किया गया है।

हम अभी भी नहीं जानते हैं कि कितनी प्रजातियां है और वे आकार में कितनी अलग-अलग हैं। हम वास्तव में परागण जीव विज्ञान को बहुत अच्छी तरह से नहीं समझते हैं। हम प्रजातियों के फैलाव के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं, यह खुद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे पहुंचाते हैं। पौधे के बारे में फ्रंटियर्स इन प्लांट बायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।