वन्य जीव एवं जैव विविधता

मारी गई डॉल्फिन थी गर्भवती, पोस्टमार्टम में मिला भ्रूण

प्रशासन इस बात को छुपा रहा है कि युवकों द्वारा मारी गई डॉल्फिन गर्भवती थी

DTE Staff
गौरव गुलमोहर
 
उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़-रायबरेली सीमा से गुजरने वाली शारदा सहायक नहर में स्तनधारी गंगा डॉल्फिन को धारदार हथियार और लाठी-डंडों से मारने का वीभत्स वीडियो ने देशभर के लोगों को परेशान कर दिया था। लेकिन जब डाउन टू अर्थ ने पड़ताल किया तो पाया कि घटना में मारी गई डॉल्फिन गर्भवती थी।
डाउन टू अर्थ ने 8 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में क्षेत्रीय वन अधिकारी और नवाबगंज थाना प्रभारी दोनों से बात की थी, लेकिन दोनों अधिकारियों ने यह नहीं बताया था कि डॉल्फिन गर्भवती थी।
ग्राम प्रधान मनोज कुमार सिंह ने डाउन टू अर्थ को बताया कि उनके पास एक फोटो है, उसमें डॉल्फिन और छोटे डॉल्फिन का शव नजर आ रहा है। यह फोटो 31 दिसम्बर को मारी गई डॉल्फिन के पोस्टमॉर्टम के समय का है। डॉल्फिन और उसके बच्चे के शव के साथ वाली फोटो पुलिस विभाग में भी कुछ लोगों के पास मौजूद है।
मामले की सच्चाई जानने के लिए हमने दुबारा क्षेत्रीय वन अधिकारी आर. के. सिंह से बात की। वे कहते हैं कि "गांव वाले ऐसा बता रहे हैं कि दूसरी डॉल्फिन भी थी लेकिन उसका कोई सिग्नल ट्रेस नहीं हो रहा है। बाकी वहां पानी बहुत कम था, मौके पर दूसरी डॉल्फिन होने की गुंजाइश ही नहीं थी।"
 
डाउन टू अर्थ ने आर. के. सिंह से 31 दिसम्बर को मारी गई डॉल्फिन के गर्भवती होने की बात पूछी तो उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात की। लेकिन पोस्टमार्टम स्थल पर तो आप रहे होंगे? इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि "पोस्टमॉर्टम के समय जिला वन अधिकारी, कुछ एनजीओ और पशु डॉक्टर भी मौजूद थे। हम इतनी गहराई से उसके (डॉल्फिन) के पेट में नहीं झांक रहे थे। लेकिन डॉक्टर ने जो देखा होगा उसे लिखा होगा। हमें ज्यादा पता नहीं है। मैं तो जेसीबी लाकर, गड्ढा खुदवा कर दफन करने का इंतजाम कर रहा था।"
 
नवाबगंज थाना क्षेत्र के वन दरोगा भइया रामपांडेय ने भी डॉल्फिन के गर्भवती होने की बात पर कॉल काट दिया। वहीं, नवाबगंज थाना प्रभारी ने बताया कि "इसके बारे में हमको असलियित नहीं पता है। इसके बारे में फारेस्ट वाले बता पाएंगे। डेड बॉडी हमने वन विभाग को सौंप दी थी, वे ले गए। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी हमें नहीं मिली है। हम वन विभाग वालों से रिपोर्ट मांगेंगे।"
 
एक वाइल्ड लाइफ साइंटिस्ट ने मामला शासन-प्रशासन से जुड़ा होने के कारण अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया, "एक गर्भवती डॉल्फिन को मारने वालों पर कोई अलग से धारा नहीं जुड़ेगी, लेकिन ऐसी स्थिति में क्राइम की इंटेसिटी बढ़ जाती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वन विभाग उसका केस किस तरह बनाते हैं। चूंकि डॉल्फिन शेड्यूल-वन का जानवर है और राष्ट्रीय जलीय जीव भी है तो गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है। वैसे सामान्यतः शेड्यूल-वन की श्रेणी के जानवरों को मारने पर सात साल की न्यूनतम सजा होती ही है।"
भारत सरकार ने 'गंगा डॉल्फिन' को राष्ट्रीय जलीय जीव के रूप में मान्यता दी है। गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) द्वारा लुप्तप्राय घोषित किया गया है। गंगा डॉल्फिन शेड्यूल-वन की श्रेणी का जलीय जीव है। शेड्यूल-वन में वही पशु-पक्षी, जीव-जंतु रखे जाते हैं जो विलुप्तप्राय होते हैं। इन जानवरों के संरक्षण के लिए मारने वालों पर गम्भीर धाराएं लागू होती हैं।
पर्यावरण पारिस्थितिकी (इको-सिस्टम) में सन्तुलन बनाये रखने में डॉल्फिन की अहम भूमिका होती है। डॉल्फिन पर हुए अध्ययन में पता चलता है कि डॉल्फिन अन्य जलीय जीवों की अपेक्षा अधिक शीघ्र सीखने व इंसानों से संवाद करने वाला जलीय जीव होता है।