वन्य जीव एवं जैव विविधता

पनामा के जंगलों में मिली मेंढक की नई प्रजाति, ग्रेटा थनबर्ग के सम्मान में रखा नाम

बड़ी काली आंखों वाली मेंढक की यह खूबसूरत प्रजाति पहले ही जलवायु परिवर्तन और जंगलों के तेजी से होते विनाश के चलते खतरे में है

Lalit Maurya

वैज्ञानिकों को मध्य और पूर्वी पनामा के जंगलों में मेंढक की एक नई प्रजाति मिली है, जिसका नाम पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के सम्मान ग्रेटा थनबर्ग रेनफ्रॉग रखा गया है। वर्षावन में मिलने वाले इस मेंढक 'प्रिस्टीमैंटिस ग्रेटाथनबर्गे' की खोज शोधकर्ताओं के एक अंतराष्ट्रीय दल द्वारा की गई है, जिसका सहयोग स्वयंसेवी संगठन रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट द्वारा किया गया था। 

यह मेंढक पूर्वी पनामा में सेरो चुकांटी के एक स्काई आइलैंड में खोजा गया है, जोकि रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट के सहयोग से संरक्षण पर काम कर रहे संगठन एडॉप्टाबॉस्क द्वारा स्थापित एक रिजर्व है। गौरतलब है कि पनामा के जंगलों में मिलने वाली मेंढक की इस खूबसूरत प्रजाति को उसकी बड़ी विशिष्ट काली आंखों से पहचाना जा सकता है।

इस बारे में रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट के सीईओ जेम्स डिक्शन का कहना है कि "ग्रेटा थनबर्ग के नाम पर इस बहुत सुन्दर लेकिन खतरे में पड़ी इक्वाडोरियन मेंढक प्रजाति का नाम रखते हुए रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा है।" उनके अनुसार ग्रेटा का नाम हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी पर हर प्रजाति का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए अभी क्या कदम उठाते हैं। 

क्यों खतरे में है इस प्रजाति का भविष्य

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह प्रजाति पहले से ही खतरे में है। गौरतलब है कि इस प्रजाति के आवासक्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है। दूसरी तरफ तेजी से काटे जा रहे जंगल इनके आवास को नष्ट कर रहे हैं। इस बारे में एक शोध पेनसॉफ्ट साइंटिफिक जर्नल जूकीस में प्रकाशित हुआ है।

इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता तापमान और खतरनाक चिट्रिड फंगस इस मेंढक के लिए एक और बड़ा खतरा है। शोध के मुताबिक पिछले 30 वर्षों में सेरो चुकांटी का लगभग 30 फीसदी वनक्षेत्र खत्म हो चुका है। 

ऐसे में यह जरुरी है कि इस खूबसूरत प्रजाति को बचाने के लिए अभी प्रयास किए जाएं, जिसके लिए इसके आवास को बचाना सबसे ज्यादा जरुरी है। जलवायु परिवर्तन एक ऐसा खतरा है जो न केवल मेंढक की इस एक प्रजाति बल्कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाली अनगिनत प्रजतियों को नुकसान पहुंचा रहा है। इस प्रजाति को बचाने के लिए किए गए प्रयास अन्य प्रजातियों के संरक्षण में भी मददगार होंगें।