यह डायनासोर करीब 16.5 करोड़ साल पहले सामने आए थे; फोटो: जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स  
वन्य जीव एवं जैव विविधता

चीन में डायनासोर की नई प्रजाति की हुई खोज, टायरानोसॉर परिवार से जुड़े हैं तार

डायनासोर की इस नई प्रजाति का नाम प्रसिद्द चीनी वैज्ञानिक जू जिंग के नाम पर एशियाटायरनस ज़ुई रखा है

Lalit Maurya

चीन के झेजियांग म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के जीवाश्म वैज्ञानिकों ने टायरानोसॉरिड डायनासोर की एक नई प्रजाति की खोज की है। गौरतलब है कि टायरानोसॉरिड, टायरानोसॉर परिवार से सम्बन्ध रखने वाले डायनासोरों का एक समूह था। उनकी इस खोज से जुड़े नतीजे जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए हैं।

रिसर्च से पता चला है कि टायरानोसॉरिड बड़े, मांसाहारी डायनासोर थे जो दो पैरों पर चलते थे। इन डायनासोरों को उनके तीखे दांतों और गहरे थूथन के लिए जाना जाता है। गौरतलब है कि डायनासोर की इस नई प्रजाति का नाम प्रसिद्द चीनी वैज्ञानिक जू जिंग के नाम पर एशियाटायरनस ज़ुई रखा है।

इससे पहले के शोधों में वैज्ञानिक इस समूह से जुड़े डायनासोरों की कम से कम 30 अलग-अलग प्रजातियों की खोज कर चुके हैं। यह सभी प्रजातियां शीर्ष शिकारी थी। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि यह डायनासोर करीब 16.5 करोड़ साल पहले सामने आए थे।

बता दें कि टायरानोसॉर अपनी खोज के बाद से ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं, इन पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं। अपने इस नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 2017 में गंझू शहर के एक निर्माण स्थल पर पाए गए जीवाश्मों पर ध्यान केंद्रित किया है।

इस दौरान उन्हें इस डायनासोर की एक खोपड़ी, रीढ़ का हिस्सा, पिछले पैर और पूंछ की हड्डियां मिली हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक ‘टायरानोसॉर’ सबसे अधिक अध्ययन किए गए डायनासोर हैं।

एशियाटायरनस ज़ुई का मिला जीवाश्म और रेखा चित्रण; फोटो: जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स

शोधकर्ताओं ने खोजे गए जीवाश्म की पहचान एक छोटे टायरानोसॉरिड के रुप में की है। अनुमान है कि यह डायनासोर आकार में कियानझोउसॉरस का करीब आधा था। इसकी खोपड़ी आकार में 47.5 सेंटीमीटर लंबी थी, जिसके आधार पर वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि इस डायनासोर की कुल लंबाई करीब साढ़े तीन से चार मीटर के बीच रही होगी।

रिसर्च में सामने आया है कि यह जीवाश्म करीब 6.6 से 7.2 करोड़ साल पुराने यानी लेट क्रेटेशियस काल के हैं। इस डायनासोर की थूथन और शरीर बड़े टायरानोसॉर की तुलना में अलग अनुपात में थे। ऐसे में शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि 'एशियाटायरनस ज़ुई' छोटे और तेज जीवों का शिकार करता था।

रिसर्च में इस तरह के संकेत मिले हैं कि यह डायनासोर अपने बड़े चचेरे भाइयों की तुलना में एक अलग पारिस्थितिक क्षेत्र में रहता था। रिसर्च में इस तरह के संकेत मिले हैं कि यह डायनासोर अपने बड़े चचेरे भाइयों की तुलना में एक अलग पारिस्थितिक क्षेत्र में रहता था। शोध के मुताबिक यह दक्षिणी चीन में खोजा गया पहला गहरी थूथन वाला टायरानोसॉर है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह खोज उन सिद्धांतों का समर्थन करती है कि टायरानोसॉरिड पहले से सोचे गए समय से बाद में लारामिडिया से चले गए थे। गौरतलब है कि लारामिडिया वर्तमान उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर मौजूद एक द्वीप था, जिसे टायरानोसॉर का उद्गम स्थल माना जाता है।