वन्य जीव एवं जैव विविधता

म्यांमार में मिलीं कस्टर्ड एप्पल परिवार की नई प्रजातियां

Dayanidhi

कुछ समय पहले म्यांमार के यिनमबिन जिले के सागांग क्षेत्र में एक अभियान के दौरान, म्यांमार के मोयना विश्वविद्यालय और क्सिशुआंगबन्ना ट्रॉपिकल बॉटनिकल गार्डन (एक्सटीबीजी) के शोधकर्ताओं ने बाहरी पंखुड़ियों के साथ एक आर्टबोटॉयस का नमूना एकत्र किया।

आर्टबोटॉयस पौधों की एक जाति है जिसकी 100 से अधिक प्रजातियां है जो कस्टर्ड ऐप्पल परिवार (एनोनेसी) से संबंध रखता है। जो कि आवृतबीजी (एंजियोस्पर्म) के सबसे अलग और प्राचीन परिवारों में से एक है। म्यांमार में इस जाति की सात प्रजातियां पाई जाती है। आवृतबीजी एक पौधा है, जो फूलों तथा बीजों का उत्पादन करता है।

म्यांमार और पड़ोसी देशों से इसकी आकृति विज्ञान, वास्तविक और डिजीटल प्रकार के नमूनों के साथ तुलना करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि यह नमूना अभी तक पहचानी गई किसी भी आर्टबोटॉयस प्रजाति से मेल नहीं खाती है और यह एक नई प्रजाति है, विज्ञान के माध्यम से इसकी पुष्टि की गई।

शोधकर्ताओं ने म्यांमार के वनस्पति विज्ञानी, चित को को के सम्मान में नई प्रजातियों का नाम आर्टबोटॉयस चितकोकोई नाम दिया, उन्होंने म्यांमार में अपने वनस्पति शोध का उल्लेख किया। यह शोध चाइनीज अकादमी ऑफ साइंसेज की अगुवाई में किया गया।

आर्टबोटॉयस चितकोकोई 2.6 मीटर लंबी एक लता है। यह आर्टबोटॉयस प्लेउरोकार्पस और ए. ब्रेवीपीस के समान है, लेकिन थोड़े तिरछे पत्ती वाले आधार, मोटे तौर पर बाहरी पंखुड़ियों वाले, अंदर की पंखुड़ियां ब्लेड की तरह होती है और मोनोक्रैप होते है।  मोनोक्रैप वे पौधे हैं जो साल में एक बार बीज और फल पैदा करते हैं और फिर नष्ट हो जाते हैं, पत्ते 3–4 मिमी लंबे होते है।

आर्टबोटॉयस चितकोकोई अब तक केवल म्यांमार के यिनमबिन जिले के सागांग क्षेत्र से जाना जाता है। पांच से सात लोगों ने इसे अर्ध-खुली चंदवा के साथ उष्णकटिबंधीय शुष्क जंगल में लता के रूप में बढ़ते देखा गया। अन्य क्षेत्रों में इसकी मौजूदगी हैं या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए आगे का मूल्यांकन आवश्यक है।

इससे पहले भी म्यांमार के यिनमबिन जिले के सागांग क्षेत्र में रुएलिया नामक पौधे की खोज हुई थी जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय अमेरिकी जड़ी-बूटियों और झाड़ियों  की एक बहुत बड़ी जाती है, जोकि एकेन्थेसी परिवार से संबंधित है। इसके शीर्ष पर सरल या दो-खंड होते है, इसमें फूल के गुच्छे होते है और इसमें दो-कोशिका अंडाशय होता है।

रुएलिया बेला लगभग 10 सेमी लंबा होता है। यह डिप्टीकेरेन्थस खंड से संबंध रखता है, जिसकी धुरी में दो पत्ती जैसी, तने के साथ फूल लगे होते हैं। म्यांमार में यह प्रजातियां समुद्र स्तर से 60 मीटर ऊपर उष्णकटिबंधीय शुष्क जंगल में पाई जाती हैं। थाईलैंड में यह समुद्र तल से 300 मीटर ऊपर पतझड़ वाले जंगल में पाई जातीं हैं।