राष्ट्रीय राजमार्ग 59 के 40 किलोमीटर के विस्तार के लिए ओडिशा के गंजाम जिले में विभिन्न प्रजातियों के 1,720 पूर्ण विकसित और पुराने पेड़ों को काटा जाएगा।
126 करोड़ रुपये की इस परियोजना का उद्देश्य बेरहमपुर शहर के पास रतनपुर और अस्का के पास मुंडमारई के बीच सड़क को 7 मीटर से 12 मीटर तक चौड़ा करना है।
ओडिशा राज्य वन विकास निगम ने रतनपुर में पहले ही कई पुराने पेड़ों की कटाई शुरू कर दी है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
उड़ीसा में पौधारोपण के प्रचार व प्रसार में जुड़े स्वयंसेवी संगठन आर्यभट्ट फाउंडेशन के संस्थापक सुधीर राउत ने कहा कि सुपर साइक्लोन फैलिन ने 2013 में सड़क किनारे लगे कई बड़े पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया था। इसके बाद पेड़ों को दोबारा से लगाया गया, लेकिन अब सड़क को चौड़ा करने के लिए सभी सड़क किनारे के पेड़ों को काट दिया जाएगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि पेड़ों को काटने की बजाय उचित मशीनरी का उपयोग करके उन्हें स्थानांतरित करने की आवश्यकता है, जैसा कि देश के विभिन्न हिस्सों में किया गया था। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र की हरियाली और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखेगा।
उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बारे में अधिकारियों से बात भी की है और प्रभागीय वनाधिकारी से संपर्क किया है, ताकि वह हस्तक्षेप करके इन पेड़ों काे कटने से बचाएं।
वहीं, जिला वन अधिकारी (डीएफओ) ने कहा कि जिन राज्यों में पेड़ों को उखाड़ कर दूसरी जगह लगाया गया है, वहां के परिणाम उत्साहजनक नहीं है। पेड़ों के जीवित रहने की संभावना काफी कम है। बावजूद इसके हम कोशिश कर रहे हैं कि कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों के माध्यम से इस काम को करने की संभावना तलाशी जा सके। ताकि मध्य उम्र के पेड़ों को कटने से बचाया जा सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग, बेरहामपुर के अधिशासी अभियंता सत्य नारायण साहू ने कहा, “हमने हैदराबाद की कंपनी की मदद से कंधमाल जिले के बालीगुडा में लगभग 1,000 पेड़ों को स्थानांतरित किया था। लेकिन स्थानांतरित पेड़ों की उत्तरजीविता दर बहुत कम थी।"
उन्होंने कहा कि वे हरियाली की मात्रा बनाए रखने के लिए पेड़ों की संख्या को दोगुना कर देंगे। उन्होंने बताया कि पेड़ों को हटाने और दोबारा से वनीकरण की परियोजना पर 5.70 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।
सूत्रों ने कहा कि परियोजना दो साल में पूरी होगी, जबकि ठेकेदार परियोजना के पूरा होने के बाद पांच साल तक सड़क के रखरखाव का काम देखेंगे।
राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री बिक्रम केशरी अरुखा ने 23 फरवरी को राज्य विधानसभा में एक विधायक को एक लिखित जवाब में कहा कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए पिछले एक दशक में ओडिशा में 16,45,410 पेड़ काटे गए हैं।