दुनिया भर में व्हेल शार्क की आबादी 75 वर्षों में 50 फीसदी से अधिक घट गई है, इसलिए उन्हें प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) रेड-लिस्ट में ‘लुप्तप्राय’ के रूप में आंका गया है। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, डेरेक कीट्स
वन्य जीव एवं जैव विविधता

अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस: 50 फीसदी से अधिक घट गई है इनकी आबादी

भारत में इस प्रजाति को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची एक के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है, जो इसे उच्चतम संरक्षण का दर्जा प्रदान करता है।

Dayanidhi

आज, यानी 30 अगस्त को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस दुनिया की सबसे बड़ी मछली प्रजातियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला यह दिन इन सौम्य विशालकाय मछलियों और उनके आवासों के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालता है।

शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से, व्हेल शार्क के अस्तित्व को बचाने के प्रयास किए जाते हैं। यह जानवर समुद्री जैव विविधता और हमारे महासागरों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

व्हेल शार्क की रक्षा और संरक्षण करने की जरूरत है, क्योंकि उनकी संख्या घट रही है। इस दिन का उद्देश्य समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में व्हेल शार्क के महत्व को सामने लाना है। ये सौम्य विशालकाय जीव जलीय उत्साही और समुद्री जीव विज्ञानी दोनों को आकर्षित करते हैं, फिर भी यह सुनिश्चित करना हम सब पर निर्भर है कि उनकी संख्या बढ़े और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में रिसचर्स पीयर्स और नॉर्मन के हवाले से बताया गया है कि दुनिया भर में व्हेल शार्क की आबादी 75 वर्षों में 50 फीसदी से अधिक घट गई है, इसलिए उन्हें प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) रेड-लिस्ट में ‘लुप्तप्राय’ के रूप में आंका गया है।

भारत में, इस प्रजाति को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची एक के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है, जो इसे उच्चतम संरक्षण का दर्जा प्रदान करता है। व्हेल शार्क के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सीआईटीईएस के माध्यम से विनियमित किया जाता है।

जागरूकता बढ़ाकर, यह दिन इन राजसी जीवों और उनके आवासों की रक्षा के लिए संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करता है। व्हेल शार्क फिल्टर फीडर के रूप में महासागरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्लवक और छोटी मछलियों को खाकर, वे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं और समग्र जैव विविधता में अहम भूमिका निभाते हैं।

व्हेल शार्क का ऐतिहासिक रूप से उनके बड़े आकार, तेल, पंख और शरीर के अन्य अंगों जैसे उत्पादों की बेशकीमती होने के कारण इनका शिकार किया जाता है। व्यावसायिक फायदों के कारण अक्सर उन्हें शिकार बनाया जाता है।

संरक्षण प्रयासों के बावजूद, शार्क के पंखों और उत्पादों की मांग के कारण अवैध शिकार जारी है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इनका सांस्कृतिक या आर्थिक महत्व है। उनकी लुप्तप्राय स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सख्त नियम लागू करना शिकार को रोकने और इन शानदार जीवों के अस्तित्व को बचाने के लिए जरूरी है।

इस दिन के इतिहास की बात करें तो अंतर्राष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस साल 2012 में शुरू किया गया था। व्हेल शार्क 14 मीटर लंबी और 12 टन भारी होती है। इस दिन का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि कैसे इस जानवर को इसके अत्यधिक बेशकीमती पंखों और मांस के लिए शिकार किया गया जाता रहा है।

साल 2016 में व्हेल शार्क को आईयूसीएन द्वारा पुनः वर्गीकृत किया गया था, जो एक संवेदनशील प्रजाति से लुप्तप्राय प्रजाति में बदल गई। कुछ अनुमानों के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि दुनिया भर में इन शार्क की संख्या केवल दसियों हजार है। व्हेल शार्क की संख्या में कमी आने के कई अलग-अलग कारण हैं। बेशक, शिकार की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। हालांकि व्हेल शार्क के नावों से टकराने के मामले भी हैं, साथ ही ये शार्क मछली पकड़ने के उपकरण में फंस जाती हैं। एशिया के कुछ हिस्सों में, व्हेल शार्क से बने उत्पादों की बहुत अधिक मांग है।

प्लास्टिक समुद्री जीवन के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है। अलग-अलग जरियों से बेकार प्लास्टिक हमारे महासागरों में समा रहा है। व्हेल शार्क आसानी से प्लास्टिक निगल सकती है और इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि यह व्हेल के पाचन तंत्र में फंस सकती है। जब ऐसा होता है, तो व्हेल आमतौर पर भूख से मर जाती है, क्योंकि वह अब और नहीं खा पाती। यह समझना मुश्किल नहीं है कि इतनी सारी व्हेल शार्क की जान क्यों खतरे में है और इस लुप्तप्राय प्रजाति की रक्षा के लिए काम किया जाना चाहिए।

व्हेल शार्क के बारे में कुछ रोचक बातें

क्या वे शार्क हैं? या, क्या वे व्हेल हैं? व्हेल शार्क एक शार्क है। वास्तव में, व्हेल शार्क हमारे ग्रह पर शार्क की सबसे बड़ी जीवित प्रजाति है। वे लंबाई में 14 मीटर तक बढ़ सकते हैं, साथ ही उनका वजन औसतन 12 टन होता है। इस तथ्य के बावजूद कि वे इतने बड़े हैं, उनके दांत बहुत छोटे हैं, जिनकी लंबाई केवल छह मिलीमीटर होती है।

व्हेल शार्क के बारे में सबसे आकर्षक बातों में से एक यह है कि उन सभी का एक अनूठा पैटर्न होता है। व्हेल शार्क की त्वचा पूरी तरह से अनोखी होती है, ठीक वैसे ही जैसे किसी इंसान के फिंगरप्रिंट होते हैं। यह शोधकर्ताओं को व्हेल शार्क पर विज़ुअल एनालिटिक्स चलाने की क्षमता देता है ताकि वे इसे सही तरीके से पहचान सकें और इन पर नजर रख सकें।

व्हेल शार्क समुद्र में 50 मीटर की गहराई में घूमना पसंद करते हैं, इस तथ्य के बावजूद कि वे 1,000 मीटर तक गोता लगा सकते हैं। रफ्तार के मामले में, वे लगभग पांच किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तैरते हैं। इस वजह से वे मछली पकड़ने के जाल में फंसने और जहाजों से टकराने के खतरों का सामना करते हैं।