वन्य जीव एवं जैव विविधता

संसद में आज: 2023-24 में हाथियों के हमले से कुल 628 लोगों की मौत हुई

हाल के वर्षों में उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के कारण खाद्यान्न उत्पादन के प्रति हेक्टेयर उत्सर्जन में वृद्धि हुई है

Madhumita Paul, Dayanidhi

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज हंगामे के साथ हुई। आज विपक्ष के नेताओं ने संभल की घटना को लेकर संसद में हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

वहीं देश के अधिकतर हिस्सों में बढ़ते प्रदूषण के चलते आज संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में 2025-26 तक पीएम10 के स्तर में 40 फीसदी तक कमी लाने या राष्ट्रीय मानकों (60 माइक्रोग्राम/घन मीटर) को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

यादव ने बताया कि सभी शहरों द्वारा अपने-अपने इलाकों में वायु गुणवत्ता सुधार उपायों को लागू करने के लिए शहर-विशिष्ट स्वच्छ वायु कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं। ये योजनाएं वायु प्रदूषण के स्रोतों जैसे मिट्टी और सड़क की धूल, वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन, अपशिष्ट जलाना, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां और औद्योगिक प्रदूषण पर नजर रखती हैं।

यादव ने कहा कि 18 शहरों ने वित्त वर्ष 2023 से 24 में पीएम10 के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा किया है।

पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्रों का सीमांकन

संसद में एक और प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने पश्चिमी घाट क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा के लिए मंत्रालय द्वारा उच्च स्तरीय कार्य समूह (एचएलडब्ल्यूजी) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा छह राज्यों अर्थात् गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फैले 56,825 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के साथ, एस.ओ. 3060 (ई) दिनांक 31.07.2024 के अनुसार पश्चिमी घाट के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र पर मसौदा अधिसूचना को फिर से प्रकाशित किया गया है।

केरल सरकार ने 02.11.2024 को संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें स्थानीय स्वशासन विभाग से प्राप्त सुझावों के सत्यापन के आधार पर 12 जिलों के 29 तालुकाओं में फैले 98 गांवों में 8590.69 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने का अनुरोध किया गया है।

ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन

आज, संसद में उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में भारत द्वारा 2023 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को प्रस्तुत की गई तीसरी राष्ट्रीय संचार (टीएनसी) रिपोर्ट के आधार पर कहा, साल 2019 में कृषि क्षेत्र से उत्सर्जन 420.97 मिलियन टन सीओ2 के समतुल्य था। कृषि उत्पादन में वृद्धि के बावजूद, पिछले दो दशकों में कृषि क्षेत्र से उत्सर्जन का हिस्सा जो 2000 में 23 फीसदी से 2010 में 18 फीसदी और 2019 में कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 13.44 फीसदी था।

सिंह ने कहा कि उत्पादित खाद्यान्न के प्रति टन उत्सर्जन में आम तौर पर कमी आई है, लेकिन हाल के वर्षों में उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के कारण खाद्यान्न उत्पादन के प्रति हेक्टेयर उत्सर्जन में वृद्धि हुई है।

मानव-पशु संघर्ष

मानव-पशु संघर्ष को लेकर एक और प्रश्न का उत्तर देते हुए, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में कहा कि इस साल हाथियों के हमले से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2023-24 में हाथियों के हमले से कुल 628 लोगों की मौत होने की जानकारी है। 2022-23 में यह संख्या 610 थी।

बाघों की आबादी में वृद्धि

सवालों के सिलसिले को जारी रखते हुए एक और सवाल के जवाब में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में साल 2022 में किए गए अखिल भारतीय बाघ अनुमान का हवाला देते हुए बाघों की आबादी में वृद्धि होने की बात कही, जिसकी अनुमानित संख्या 3682 (रेंज 3167-3925) है, जबकि 2018 में यह 2967 (रेंज 2603-3346) और 2014 में 2226 (रेंज 1945-2491) थी। सिंह ने बताया कि लगातार सैंपल किए गए क्षेत्रों की तुलना करने पर भारत में बाघों की आबादी छह फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है।

तटीय कटाव

टीय हिस्सों में कटाव को लेकर संसद में आज एक सवाल उठाया गया, जिसके जवाब में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (एनसीसीआर) के अध्ययन का हवाला दिया, उन्होंने कहा कि भारतीय तटरेखा का 33.6 फीसदी हिस्सा कटाव की स्थिति में है, 26.9 फीसदी हिस्सा बढ़ रहा है, और 39.6 फीसदी स्थिर अवस्था में है।

सिंह ने कहा कर्नाटक में, कर्नाटक तट का लगभग 50 फीसदी हिस्सा स्थिर स्थिति में है, 26 और 24 फीसदी हिस्सा क्रमशः अभिवृद्धि और कटाव की स्थिति में है।

जंगली जानवरों के हमलों के कारण जान जाने पर अनुग्रह राशि

संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय ने दिसंबर 2023 के दौरान जंगली जानवरों के हमलों के कारण मृत्यु या स्थायी रूप से अक्षम होने की स्थिति में अनुग्रह राशि को केंद्र प्रायोजित योजना एकीकृत वन्यजीव आवास विकास के तहत पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। सिंह ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजना के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच निधि साझा करने का अनुपात 60:40 है, पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी राज्यों को छोड़कर जहां यह अनुपात 90:10 का है।