वन्य जीव एवं जैव विविधता

आरक्षित वन में अतिक्रमण के लिए जिम्मेवार अपराधियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई

मिजोरम का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग इन सभी मामलों में हुए उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है

Susan Chacko, Lalit Maurya

लुंगलेई में प्रभागीय वन अधिकारी ने उन अधिकारियों से स्पष्टीकरण देने को कहा है जो आइजोल में त्लौंग ह्नार आरक्षित और त्लौंग नदी रिजर्व वन में अवैध तौर पर हुए निर्माण के समय प्रभारी थे। 22 अगस्त, 2023 को मिजोरम सरकार द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी गई अपनी एक रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।

गौरतलब है कि इन जंगलों में बिना अनुमति के किए गए निर्माणों में एक छोटा खेल परिसर, जिला पार्क, पानी रिचार्ज करने के लिए बनाया एक बांध और लुंगलेई के जोबाक और लुंगपुइजॉल गांवों में छह पत्थर खदानों से जुड़ा निर्माण शामिल है।

जानकारी दी गई है कि मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए अधिकारियों से अनुमति नहीं ली गई थी, जो मिजोरम (वन) अधिनियम, 1955 के खिलाफ है। इसी तरह, नियमों को ताक पर रख लुंगलेई में जिला पार्क और बांध का निर्माण किया गया। इनके लिए भी सक्षम अधिकारी से आवश्यक अनुमति नहीं ली गई थी। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि मिजोरम का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग इन सभी मामलों में हुए उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

महेंद्रगढ़ में जारी अवैध खनन का कारोबार, कोर्ट ने जांच के दिए आदेश

23 अगस्त, 2023 को एनजीटी ने संयुक्त समिति को मां संतोषी खनिज उद्योग के पट्टा क्षेत्र में हो रहे अनधिकृत खनन के दावों की जांच करने का निर्देश दिया है। आरोप है कि इस क्षेत्र में खनन के लिए पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा है।

इस जांच दल में महेंद्रगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट के साथ हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के अधिकारी शामिल होंगे। मामला हरियाणा के महेंद्रगढ़ का है। गौरतलब है कि हरियाणा के महेंद्रगढ़ की नांगल चौधरी तहसील के मोसनोटा गांव में रहने वाले लोगों ने एनजीटी को शिकायत दी थी।

इसमें उन्होंने अवैध खनन को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि भारी विस्फोट के चलते घरों को नुकसान हो रहा है और कृषि क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। यह भी आरोप है कि खनन गतिविधियां 200 से 250 मीटर दूर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय को भी प्रभावित कर रही हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। 

लक्सर स्थित चीनी मिल पर लगे भूजल को दूषित करने के आरोप, एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने विशेषज्ञों के एक समूह को मेसर्स राय बहादुर नारायण सिंह शुगर मिल्स लिमिटेड नामक एक चीनी कंपनी के खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। उत्तराखंड के लक्सर में स्थित इस कंपनी पर क्षेत्र में भूजल को प्रदूषित करने का आरोप है।

23 अगस्त 2023 को दिए अपने इस आदेश में कोर्ट ने समिति से उसकी रिपोर्ट मांगी है, जिसके आधार पर मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर, 2023 को होगी। इस मामले में याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि भूजल के प्रदूषण को रोकने के लिए उद्योग को एक विशेष बॉयलर लगाना चाहिए।

साथ ही फैक्ट्री से हडवाड़ा नाले तक एक कंक्रीट चैनल के निर्माण के लिए भी निर्देश देने की गुजारिश कोर्ट से की गई है। कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि कंपनी 10 एकड़ जमीन पर हरित क्षेत्र विकसित करे। साथ ही पर्यावरण को होने वाले नुकसान का आकलन कर उसकी भरपाई की जाए।