बहेड़ी और रामपुर में एक-एक व्यक्ति की जान लेने के बाद नेपाल से आये हाथियों ने बुधवार को वन रक्षक को कुचल कर मार डाला। घटना बरेली के शीशगढ़ थाना क्षेत्र के गाँव तिगड़ी की है। पुलिस ने दो राउंड फायरिंग कर हाथियों को भगाया।
नेपाल से आए दो हाथी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में खौफ का पर्याय बन गए हैं। वन विभाग का बड़ा लाव लश्कर भी इन हाथियों को खदेड़ने में नाकामयाब रहा है। बुधवार को यह हाथी शीशगढ़ थाना क्षेत्र के गाँव तिगड़ी में पहुंच गए। सुबह दस बजे गाँव से एक किलोमीटर दूर बह रही नदी के किनारे इन्होंने अपना डेरा जमा लिया। गांव के कुछ लड़के नदी में नहा रहे थे। अचानक एक लड़के की नजर हाथियों पर पड़ी। लड़कों ने वहाँ से भागकर यह बात ग्रामीणों को बताई। ग्रामीणों ने तुरन्त इसकी सूचना वन विभाग को दी।
मौके पर एस ओ शीशगढ़ श्याम सिंह पुलिस टीम के साथ पहुँचे। उधर वन विभाग रामपुर से डीएफओ एके कश्यप अपनी टीम के साथ पहुंच गए। अचानक एक हाथी ने वन विभाग के रक्षक हेमंत कुमार (35 वर्ष) पर हमला कर दिया। इससे अफरा तफरी मच गई। एस ओ श्याम सिंह ने हिम्मत दिखाते हुए दो राउंड फायरिंग कर हाथियों को भगाया। घायल हेमंत को इलाज के लिए निजी अस्पताल भेजा गया। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हाथियों के हमले से पूरे क्षेत्र में दहशत मची हुई है।
पुलिस ने मंदिर और मस्जिदों के माध्यम से सचेत रहने का ऐलान कराया है। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी जंगल की तरफ ना जाए। हाथियों से निपटने के लिए वन विभाग, जिम कार्बेट नेशनल पार्क रामनगर, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया और पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीमें संयुक्त रूप से काम कर रही हैं।
इससे पहले 27 जून को बहेड़ी के गांव भट्टी वाली गौटिया में हाथियों ने किसान लाखन सिंह को कुचलकर मार डाला था। वहीं एक जुलाई को रामपुर की बिलासपुर तहसील हाथियों ने बैजनाथ (48) और उसके कुत्ते को पटक-पटक कर मार डाला था। बिलासपुर के एक गांव में गन्ने की रखवाली कर रहे किसान को घायल कर दिया था।