वन्य जीव एवं जैव विविधता

समुद्री जैव विविधता के बारे में पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है ईडीएनए

ईडीएनए गोताखोरों द्वारा प्रजातियों के बारे में पता लगाने की तुलना में ज्यादा सटीक और अधिक संख्या में पता लगाने में सक्षम है

Dayanidhi

किसी प्रजाति के बारे में पता लगाने के अलग-अलग तरीके हैं। अलग-अलग जगहों पर कितनी नई प्रजातियां हैं, आप जितना आगे बढ़ते हैं, उतना ही यह भी बढ़ता जाता है। समय के साथ क्षेत्रों के बीच जैव विविधता की स्थिति को मापने के लिए बीटा विविधता सबसे उपयोगी है। जो उन क्षेत्रों के पारिस्थितिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान करती है।

एक जगह पर अधिक बीटा विविधता या अधिक अलग-अलग प्रजातियों की मौजूदगी, मजबूत जैव विविधता को दिखाती हैं। एक कम बीटा विविधता संख्या या कम अलग-अलग प्रजातियां यह संकेत दे सकती हैं कि स्थितियां इतनी खराब हो गई हैं, जहां केवल कुछ जीव ही जीवित रहने में सक्षम हैं।  

पर्यावरणीय डीएनए

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय - सांता बारबरा के शोधकर्ता कैथलीन पिट्ज ने बताया कि जैसे ही जीव पानी में आगे बढ़ते हैं, वे अपने अति सूक्ष्म निशान छोड़ते जाते हैं। इसी निशान रूपी सामग्री में उनका डीएनए होता है। इस छोड़े गए डीएनए की मदद से हम उस जीव की उत्पत्ति, कौन सी प्रजाति है इसका पता लगा सकते हैं।

इस शोध में, शोधकर्ता जलीय वातावरण में बीटा विविधता को मापने में ईडीएनए विश्लेषण के असर के बारे में बता रहे हैं। शोध के अनुसार जैव विविधता के लिए पानी का नमूना लेना और उसके डीएनए का विश्लेषण करने से उस प्रजाति के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त होती है। यह शोध जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं ने सांता बारबरा तट के नौ जगहों से लिए गए ईडीएनए नमूनों के परिणामों की तुलना की। आंकड़ों के इन अलग-अलग स्रोतों की तुलना करके ईडीएनए-आधारित सवालों के जवाब दिए जा सकते हैं। ईडीएनए की मदद से विभिन्न मछली की प्रजातियों का पता लगाया जा सकता है, जिनके बारे में हमें पूरी जानकारी नहीं है।

ईडीएनए गोताखोरों द्वारा प्रजातियों के बारे में पता लगाने की तुलना में अधिक संख्या में पता लगाने में सक्षम है। यह आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि मछली सांस लेने के माध्यम आदि से अपने डीएनए को पानी में छोड़ती रहती है। ईडीएनए के परिणामों ने शोधकर्ताओं को किसी इलाके में पानी के भीतर विभिन्न मछली प्रजातियों और मछली परिवारों की उपस्थिति और वितरण की स्पष्ट जानकारी दी है।

यह अध्ययन दर्शाता है कि ईडीएनए से जैव विविधता के बारे में पता लगाने में गोताखोर सर्वेक्षणों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। जैविक समुद्र विज्ञानी फ्रांसिस्को शावेज ने कहा ईडीएनए की मदद से बेहतर तटीय प्रबंधन किया जा सकता है।

ईडीएनए, गोताखोर सर्वेक्षण के साथ बहुत अच्छी तरह से मेल खाते हैं। गोताखोरों द्वारा प्रचुर मात्रा में जो मछलियां देखी गई थी, वही ईडीएनए नमूनों में भी पाई गई। अंतर केवल दुर्लभ प्रजातियों में है या आमतौर जिन्हें कम गिना जाता है उनमें है। प्रजातियां गोताखोर सर्वेक्षणों की तुलना में ईडीएनए में अधिक लगातार दिखाई देते हैं। सेनोरिटा, ब्लैक सर्फरच, शीपहैड और गैरीबाल्डी जैसी प्रजातियां ईडीएनए द्वारा बहुतायत में पाई गईं।

ईडीएनए लेपर्ड शार्क और बैट रेज की उपस्थिति का पता लगाने में सफल रहा जहां दूसरे सर्वेक्षण में ऐसा नहीं हुआ। पहली बार, कैलिफ़ोर्निया लिज़र्डफ़िश और बार्रेड सर्फर जैसी प्रजातियों का पता लगाया। यह ऐसी मछली है जो रेतीले इलाकों में रहने के लिए जानी जाती हैं और अत्यधिक चंचल ग्रेट सफेद शार्क के रूप में जानी जाती है।

ईडीएनए के बारे में अच्छी बात यह है कि यह स्थायित्व प्रदान करता है, जिससे आपको इस बात का बेहतर अंदाजा हो सके कि आपके द्वारा नमूना लेने के समय के बाहर क्या हो सकता है। लेकिन यह निष्कर्ष निकालना कठिन हो सकता है कि क्या वे वास्तव में उस जगह पर थे। हो सकता है कि डीएनए ने लंबी दूरी तय की हो और कुछ मछलियां दूसरों की तुलना में अधिक डीएनए छोड़ सकती हैं।

पिट्ज ने कहा हम अभी भी विभिन्न कारकों के बारे में सीख रहे हैं जो समुद्री जल में ईडीएनए की उपस्थिति को नियंत्रित करते हैं। डीएनए बिना खराब हुए कितनी देर तक पानी में रहता है या एक मछली कितनी जल्दी नमूने के तौर पर डीएनए का पता लगाने के लिए पर्याप्त सामग्री छोड़ देती है।

इसके अलावा, मछली के डीएनए डेटाबेस जिसमें मेटाबारकोडिंग परिणाम होते हैं, इसमें सुधार की आवश्यकता है। यहां बताते चलें कि कई डीएनए अनुक्रमों का पता पुस्तकालय में नहीं पाया जा सका है। मिलर ने कहा अधिक शोध करने से ईडीएनए के आंकड़ों की व्याख्या करने में सुधार होगा।

ईडीएनए एक अतिरिक्त आंकड़ों का अच्छा स्रोत है, जिसका उपयोग यह देखने के लिए किया जा सकता है कि क्या ये मछलियों में या अन्य प्रजातियों में बदलाव आ रहा है। समुद्र की निगरानी, विशेष रूप से दुर्लभ प्रजातियों और उनके आवासों का, जिनका निरीक्षण करना कठिन है।  गहरे पानी में विशेष मछलियों के बारे में पता लगाने, जहां गोताखोरों या पनडुब्बियों से टीमों को भेजने की तुलना में यह काम बहुत कम प्रयास और लागत के बिना ईडीएनए से आसानी से किया जा सकता है।