वन्य जीव एवं जैव विविधता

सीबीडी कॉप-15: यूएन का निष्क्रिय प्रकृति संरक्षण समझौता विफल हो जाएगा, कार्यकर्ताओं ने दी चेतावनी

जैव विविधता की रक्षा के लिए हमें पहले स्वदेशी लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है, स्वदेशी लोग जैव विविधता की रक्षा कर रहे हैं।

Dayanidhi

जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के सम्मेलन की पंद्रहवीं बैठक, जिसे कॉप 15 भी कहा जाता है, आज इसका आठवां दिन है। इसकी शुरुआत सात दिसंबर को हुई थी यह 19 दिसंबर तक चलेगा। बैठक जिसमें 193 देशों के लगभग पांच हजार प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जिन्हें पृथ्वी के जंगलों, महासागरों और प्रजातियों के संरक्षण के प्रमुख लक्ष्यों के साथ "प्रकृति के साथ शांति के समझौते" को अंतिम रूप देने के प्रयास करने के लिए एक साथ लाया गया है।

मॉन्ट्रियल की सड़कों पर सैकड़ों संरक्षणकर्ता प्रदर्शनकारी प्रकृति के लिए और अधिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रकृति के लिए दुनिया का अगला वैश्विक समझौता लक्ष्यों को लागू करने के लिए स्पष्ट तंत्र के बिना विफल हो जाएगा।

उन्होंने कहा जिस तरह जापान के आइची में 2010 में अपनाए गए पिछले 10 साल के जैव विविधता समझौते की विफलता के लिए इसी तरह के कारणों को व्यापक रूप से दोषी ठहराया गया था, जो अपने लगभग किसी भी उद्देश्य को हासिल करने में असमर्थ था।

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के गुइडो ब्रोखोवेन ने कहा कि मजबूत तंत्र जो देशों को दुनिया भर के लक्ष्यों के प्रगति की समीक्षा करने और समय के साथ कार्रवाई करने के लिए आवश्यक है, ताकि सरकारों को जवाबदेह ठहराया जा सकें। राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के रूप में बढ़ते तापमान के खिलाफ लड़ाई पर पेरिस समझौते के तहत इस पर काम करना जरूरी है।

हालांकि, जैव विविधता पर वर्तमान तंत्र केवल आग्रह करता है कि हर चार साल के समय में वैश्विक समीक्षा के निष्कर्षों को ध्यान में रखा जाए। यदि समीक्षा में लक्ष्य सही ट्रैक पर नहीं हैं तो कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें उनके वादे याद दिलाए जाने चाहिए।

यहां कोई स्वीकृति तंत्र पर चर्चा नहीं की जा रही है जो सरकारों के बीच इस आवश्यक बातचीत को व्यवस्थित करने में मदद कर सके कि वे कैसे बेहतर सहयोग कर सकते हैं।

कनाडा के दूसरे शहर में स्वदेशी कनाडाई लोगों के एक बड़े दल सहित युवा और बूढ़े लोगों ने प्रकृति के संरक्षण के लिए अपनी आवाज बुलंद की। कुछ ने  पक्षियों, पेड़ों के रूप में कपड़े की वेशभूषा पहनी और यहां तक कि कारिबू-कनाडा के बोरल जंगलों का एक प्रतीक है, जो अब खतरे में हैं, की भी बात की गई।

रेजिंग ग्रैनीज समूह की सदस्य शीला लॉरेन्स ने कहा कि लोग बोलने की कोशिश कर रहे हैं, यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि सिर्फ बात करने से काम नहीं चलेगा, आपको इसे लागू भी करना होगा।

इक्वाडोर अमेजन में एक जनजाति से संबंधित हेलेना गुआलिंगा ने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जैव विविधता की रक्षा के लिए हमें पहले स्वदेशी लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है, स्वदेशी लोग जैव विविधता की रक्षा कर रहे हैं।

ग्रीनपीस के ली शुओ ने बताया, यदि जैव विविधता लक्ष्य कंपास हैं, तो कार्यान्वयन हमें वहां ले जाने के लिए वास्तविक जहाज है। उन्होंने कहा कार्यान्वयन वार्ता में महत्वपूर्ण तत्व गायब हैं जो देशों को समय के साथ अपनी कार्रवाई में तेजी लाने के लिए सुनिश्चित करेंगे, यह बिना गियर वाली साइकिल की तरह है।

द इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल रिलेशन (आईडीडीआरआई) की शोधकर्ता जूलियट लैंड्री ने कहा, कुछ प्रगति हुई है, यह बताते हुए कि देशों ने पहली बार आम योजना को अपनाया है, जिससे एक दूसरे की तुलना करना संभव हो गया है।