वन्य जीव एवं जैव विविधता

फसल उत्पादन में बदलाव करने से बच सकती हैं 40 फीसदी प्रजातियां

शोधकर्ताओं ने उभयचरों, पक्षियों, स्तनधारियों - स्थलीय कशेरुक प्रजातियों के समूहों के लिए नया स्टार (स्पीशीज थ्रेट एबेटमेंट एंड रिस्टोरेशन) मीट्रिक लागू किया है।

Dayanidhi

फसल और लकड़ी का सही तरीके से उत्पादन करने से वन्यजीवों में स्थानीय रूप से आ रही गिरावट पर रोक लगाई जा सकती है। इससे उभयचरों, पक्षियों और स्तनधारियों के एक साथ विलुप्त होने के खतरे को 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है।

ये परिणाम एक नई मीट्रिक का उपयोग करके उत्पन्न किए गए हैं, जो पहली बार, व्यापार, सरकारों और नागरिक समाज को दुनिया भर में प्रजातियों के नुकसान को कम करने के लिए, उनके संभावित योगदान का आकलन करने में उपयोग किया गया है।

इसका उपयोग राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, शाखा आधारित या संस्थान की गणना करने के लिए किया जा सकता है। इस काम का नेतृत्व आईयूसीएन स्पीशीज़ सर्वाइवल कमीशन के पोस्ट 2020 टास्कफोर्स ने किया, जिसकी मेजबानी यूके के न्यूकैसल यूनिवर्सिटी ने की है, जिसे दुनिया भर के 21 देशों के 54 संस्थानों के वैज्ञानिकों के सहयोग से किया गया है।

आईयूसीएन के महानिदेशक डॉ. ब्रूनो ओबेरले ने कहा कि वर्षों से जैव विविधता संरक्षण में कंपनियों, सरकारों और अन्य लोगों को जोड़ने में एक बड़ी बाधा रही है। ओबेरले ने कहा ये सभी योगदान देने वाले पृथ्वी पर जीवन की विविधता के संरक्षण के उद्देश्य के लिए एक साथ आए हैं। जैव विविधता की सुरक्षा के लिए हमें दुनिया भर में काम करने की जरुरत है और इसमें हमारी खुद की सुरक्षा और हित भी है।

शोधकर्ताओं ने उभयचरों, पक्षियों, स्तनधारियों - स्थलीय कशेरुक प्रजातियों के समूहों के लिए नया स्टार (स्पीशीज थ्रेट एबेटमेंट एंड रिस्टोरेशन) मीट्रिक को लागू किया है। इसमें खतरे वाली प्रजातियों का इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्सेर्वटिव ऑफ़ नेचर (आईयूसीएन) रेड लिस्ट के आधार पर मूल्यांकन किया गया है। उन्होंने पाया कि फसल उत्पादन से वन्यजीवों को होने वाले खतरे को दूर करने से दुनिया भर से विलुप्त होने का खतरा 24 फीसदी तक कम हो जाएगा।

अध्ययन के अनुसार खतरे को समाप्त करने के लिए दुनिया भर में लगातार लकड़ी उत्पादन से होने वाले खतरों को 16 फीसदी तक कम किया जा सकता है। जबकि आक्रामक विदेशी प्रजातियों से जुड़े खतरों को हटाने से 10 फीसदी की कमी आएगी। अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में विलुप्त होने का खतरा झेल रहीं प्रजातियों के निवासों की बहाली करने से, विलुप्ति के खतरे को 56 फीसदी तक कम किया जा सकता है। 

ऐसे काम जो सबसे अधिक खतरे वाली प्रजातियों को फायदा पहुंचाते हैं वे अधिक स्टार अंक प्राप्त करते हैं। परिणामों से पता चलता है कि केवल 9 फीसदी भूमि की सतह को कवर करने वाले "प्रमुख जैव विविधता वाले क्षेत्रों" को दुनिया भर में विलुप्त होने का लगभग आधा (47 फीसदी) खतरा कम किया जा सकता है। जबकि हर देश दुनिया भर के स्टार स्कोर में योगदान देता है, पांच बड़े देशों में संरक्षण लगभग एक तिहाई (31 फीसदी) तक दुनिया भर में विलुप्त होने के जोखिम को कम कर सकता है, अकेले इंडोनेशिया 7 फीसदी का योगदान करता है।

अध्ययनकर्ता ने कहा कि हम जैव विविधता संकट के बीच में हैं और हमारे पास संसाधन सीमित हैं। लेकिन हमारे अध्ययन से पता चलता है कि विलुप्त होने का खतरा अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्रों में अत्यधिक खतरे वाली प्रजातियों की संख्या के साथ जुड़ा है।

प्रमुख अध्ययनकर्ता और न्यूकैसल विश्वविद्यालय के लुईस मैयर ने कहा स्टार कार्यप्रणाली हमें लगातार इस बात की जानकारी देती है कि संरक्षण और बहाली का सबसे बड़ा प्रभाव कहां और कैसे पड़ सकता है। हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि प्रजातियों के लिए खतरा सभी जगह है। पृथ्वी पर जीवन के नुकसान को कम करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए।

व्यक्तिगत संस्थानों द्वारा मीट्रिक का उपयोग कैसे किया जा सकता है, अध्ययनकर्ताओं ने सुमात्रा, इंडोनेशिया में 88,000 हेक्टेयर की व्यावसायिक रबर की फसल में स्टार को लागू किया, जहां जैव विविधता के लिए प्रमुख खतरे फसल उत्पादन, लकड़ी का व्यापार और शिकार हैं। अपने रियायत क्षेत्र के भीतर इन खतरों को समाप्त करके, कंपनी सुमात्रा में 0.2 फीसदी तक, इंडोनेशिया में 0.04 फीसदी और दुनिया भर में 0.003 फीसदी समग्र विलुप्त होने के खतरे को कम कर सकती है।

ये स्कोर लुप्तप्राय बाघों, (पैंथेरा बाघों) और लुप्तप्राय एशियाई हाथियों (एलीफस मैक्सिमस) के साथ-साथ लीफ-नोजड चमगादड़ के क्षेत्र की आबादी की रक्षा करने के लिए होगा। जैव विविधता के लक्ष्यों में योगदान को मापना और जैव विविधता से संबंधित खतरे का आकलन करना, दोनों को स्टार द्वारा सुविधा प्रदान करना, कंपनियों की पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन रिपोर्टिंग में शामिल की जा सकती है।

जैव विविधता पर कन्वेंशन के कार्यकारी सचिव एलिजाबेथ मारूमा मर्मा ने कहा स्टार एक विशेष स्थान पर खतरों को कम करने का उपाय है। प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के कन्वेंशन के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए प्रस्तावित कार्यों को जोड़ने, समग्र विलुप्त होने के खतरों को कम कर सकते हैं। यह अध्ययन नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित हुआ है।