वन्य जीव एवं जैव विविधता

जीव वैज्ञानिकों ने माउंट एवरेस्ट में खोजी बिल्ली की दुर्लभ प्रजाति: शोध

पल्लास बिल्ली की यह आबादी वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) के तहत कानूनी रूप से संरक्षित है

Dayanidhi

जीव वैज्ञानिकों ने नेपाल के सागरमाथा नेशनल पार्क से सटे माउंट एवरेस्ट में पल्लस बिल्ली की पहचान की है। यह अभूतपूर्व खोज नेशनल ज्योग्राफिक और रोलेक्स परपेचुअल प्लैनेट एवरेस्ट नामक अभियान के दौरान हुई, जो कि इतिहास में पहाड़ पर चलाए गए सबसे बड़ा, एक मात्र वैज्ञानिक अभियान है।

7 अप्रैल से 2 मई, 2019 तक, ब्रोंक्स जू में स्थित वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी के जूलॉजिकल हेल्थ प्रोग्राम के डॉ. ट्रेसी सीमोन ने वैज्ञानिकों के 'परपेचुअल प्लैनेट एवरेस्ट एक्सपीडिशन बायोलॉजी फील्ड' नामक टीम का सह-नेतृत्व किया, जिन्होंने छह किमी के दो इलाकों से पर्यावरण के नमूने एकत्र किए। यह दो इलाके समुद्र तल से 16,765 और 17,027 फीट की ऊंचाई पर माउंट एवरेस्ट के दक्षिणी किनारे से लगा सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान के साथ हैं।

डॉ. सेमोन ने कहा, दुनिया के शीर्ष पर इस दुर्लभ और अहम प्रजाति का प्रमाण मिलना अभूतपूर्व है। लगभग चार सप्ताह की यात्रा न केवल हमारी टीम के लिए बल्कि बड़े वैज्ञानिक समुदाय के लिए बेहद फायदेमंद रही। एवरेस्ट पर पल्लस की बिल्ली की खोज इस सबसे दूर, ऊंचें पहाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र की समृद्ध जैव विविधता को उजागर करती है और इस प्रजाति की ज्ञात सीमा को पूर्वी नेपाल तक फैलाती है।

दोनों जगहों से एकत्र किए गए स्कैट के नमूनों के डीएनए विश्लेषण ने पुष्टि की कि दो पल्लस की बिल्लियां माउंट एवरेस्ट में रहती हैं और यहां लाल लोमड़ी भी रहती है। शोधकर्ताओं को नमूनों में पिका और माउंटेन नेवला डीएनए के प्रमाण मिले, जो पल्लस की बिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण भोजन के स्रोत थे। ये निष्कर्ष सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में ज्ञात स्तनधारियों की सूची में एक नई प्रजाति को भी जोड़ते हैं।

नेशनल ज्योग्राफिक एक्सप्लोरर और सह-शोधकर्ता डॉ एंटोन सीमोन ने कहा, यह न केवल विज्ञान के संदर्भ में बल्कि संरक्षण के मामले में भी एक अनोखी खोज है, क्योंकि पल्लास की बिल्ली की यह आबादी वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) के तहत कानूनी रूप से संरक्षित है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि इस नई करिश्माई प्रजाति की पुष्टि इस प्रतिष्ठित विश्व विरासत स्थल पर प्रजातियों की विविधता के बारे में जागरूकता और जानकारी को बढ़ाएगी।

सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान और माउंट एवरेस्ट पर जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जो 1970 के दशक में कुछ हज़ार से बढ़कर 2019 में पचास हज़ार से अधिक हो गई है। कैसे संरक्षण आनुवंशिकता और पर्यावरण नमूनाकरण का उपयोग पल्लस की बिल्ली जैसी गूढ़ और मायावी प्रजातियों की खोज और अध्ययन के लिए एक शक्तिशाली दृष्टिकोण के रूप में किया जा सकता है।

कैमरा ट्रैप सर्वेक्षण और अतिरिक्त स्कैट नमूनों के संग्रह के भविष्य के शोध से सागरमाथा राष्ट्रीय उद्यान में पल्लस की बिल्ली की आबादी, सीमा, घनत्व और उनके आहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी में साइंस एंड इनोवेशन प्रोग्राम के वाइस प्रेसिडेंट निकोल एलेक्सिस ने कहा, हमारे ग्रह पर सबसे प्रतिष्ठित पर्यावरण को बेहतर ढंग से समझने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग 2019 परपेचुअल प्लैनेट एवरेस्ट एक्सपेडिशन बेहद अहम है। ये परिणाम इस बात का एक सटीक उदाहरण हैं कि यह काम क्यों महत्वपूर्ण है और रोलेक्स के साथ पृथ्वी की महत्वपूर्ण जीवन समर्थन प्रणालियों का अध्ययन और अन्वेषण करने के लिए हमारी साझेदारी की आधारशिला है।

17 नेपाली शोधकर्ताओं सहित आठ देशों के टीम के सदस्यों ने विज्ञान के पांच क्षेत्रों में अग्रणी शोध किया जो पर्यावरणीय बदलावों और उनके प्रभावों को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। जिसमें जीव विज्ञान, हिमनद विज्ञान, मौसम विज्ञान, भूविज्ञान और मानचित्रण आदि शामिल था। यह शोध कैट न्यूज नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

अप्रैल से मई 2019 तक, वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय, अनेक विषयों की जानकर टीम ने नेशनल ज्योग्राफिक और रोलेक्स के परपेचुअल प्लैनेट एक्सपीडिशन पार्टनरशिप के हिस्से के रूप में नेपाल के खुंबू क्षेत्र में माउंट एवरेस्ट पर सबसे बड़ा एक मात्र वैज्ञानिक अभियान चलाया।