वन्य जीव एवं जैव विविधता

जंगलों के 5 किलोमीटर के दायरे में बसे हैं 160 करोड़ लोग, वैज्ञानिकों ने तैयार किया नक्शा

शोधकर्ताओं के अनुसार जंगलों के 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाली 71.3 फीसदी आबादी निम्न या मध्यम आय वाले देशों से सम्बन्ध रखती है

Lalit Maurya

वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए नए वैश्विक मानचित्र से पता चला है कि दुनिया भर में जंगलों के आस-पास 5 किलोमीटर के दायरे में करीब 160 करोड़ लोग बसे हुए हैं| यह विश्लेषण 2007 से 2012 के बीच एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है| वन अर्थ नामक जर्नल में प्रकाशित इस शोध के अनुसार इस आबादी का करीब 64.5 फीसदी हिस्सा ट्रॉपिकल देशों में रहता है| वहीं विश्व बैंक द्वारा निम्न या मध्यम आय के रूप में वर्गीकृत देशों में इसकी 71.3 फीसदी आबादी बसती है|

इस शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता और कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय से सम्बन्ध रखने वाले पीटर न्यूटन के अनुसार वैश्विक स्तर पर जंगलों के आसपास कितने लोग रहते हैं इस बारे में सही-सही कोई आंकड़े मौजूद नहीं हैं| यह शोध इस बारे में किया गया पहला प्रयास है जिसकी मदद से जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए आजीविका का प्रबंध करने वाली परियोजनाओं में मदद मिल सकती है|

शोधकर्ताओं के अनुसार जो लोग अपनी आय के लिए जंगलों और उसके संसाधनों पर निर्भर रहते हैं उन्हें वन-निर्भर लोगों के रूप में जाना जाता है। हालांकि विश्व बैंक द्वारा लगाए गए अनुमान के अनुसार संयोग से जंगलों के पास रहने वाले लोगों की संख्या वनों पर आश्रित लोगों की आबादी से मेल खाती है, जोकि करीब 160 करोड़ है| लेकिन जंगलों के पास रहने का यह मतलब नहीं है कि वो लोग अपनी जीविका के लिए जंगलों पर निर्भर हैं| न्यूटन के अनुसार वनों पर आश्रित लोगों से मतलब उनसे हैं जो वनों और उसके संसाधनों पर निर्भर हैं या फिर उनसे कुछ लाभ प्राप्त करते हैं| जबकि वनों के पास रहने वाले लोगों का तात्पर्य केवल जंगलों और उसके पास रहने वाले लोगों के स्थानिक सम्बन्ध से है|

जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों की उनके संरक्षण में होती है महत्वपूर्ण भूमिका

न्यूटन के अनुसार जंगलों में और उसके आसपास बड़ी संख्या में लोग रहते हैं| जिनकी जंगलों के सतत विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है| ऐसे में जंगलों को प्रभावित करने वाले कार्यक्रम, परियोजनाएं और नीतियां इन लोगों को भी प्रभावित करती हैं|

जंगलों और उसके आसपास रहने वाले लोगों के बीच के स्थानिक संबंध को जानने के लिए न्यूटन और उनके सहयोगियों ने वर्ष 2000 से 2012 के बीच फारेस्ट कवर और जनसंख्या के घनत्व सम्बन्धी आंकड़ों का विश्लेषण किया है| इसके लिए जंगलों की सीमा के 5 किमी के  दायरे में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया है| साथ ही जिन क्षेत्रों में 5 एकड़ जमीन पर यदि 50 फीसदी से ज्यादा क्षेत्र पर यदि वृक्ष हैं तो उसे जंगल माना है| इसके साथ ही उन्होंने जिन क्षेत्रों में प्रति वर्ग किलोमीटर में 1,500 या उससे अधिक आबादी रहती है उसे वन क्षेत्र से बाहर रखा है|

शोधकर्ताओं  का मानना है कि यह शोध अन्य शोधकर्ताओं और नीतिनिर्माताओं के लिए मददगार हो सकता है| जिसकी मदद से वो इन क्षेत्रों के विषय में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विश्लेषण कर सकते हैं| साथ ही इसकी मदद से जिन क्षेत्रों से जुड़े स्थानिक आंकड़े उपलब्ध हैं, उन स्थानों पर विश्लेषण किया जा सकता है| साथ ही इससे जंगलों के आसपास और उसपर निर्भर लोगों की स्थिति का जायजा लिया जा सकता है और उससे जुड़ी नीतियां बनाई जा सकती हैं|