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पश्चिमी विक्षोभ क्या है?

जब अशांत हवाएं कम दबाव वाले क्षेत्र में होती हैं और भारत के संबंध में ये पश्चिम दिशा से आती हैं, इसलिए इसका नाम पश्चिमी विक्षोभ है।

Dayanidhi

पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक तूफान है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में अचानक सर्दियों में बारिश लाता है, यह बरसात मानसून की बरसात से अलग होती है। आने वाले तूफान या कम दबाव वाले क्षेत्र भूमध्यसागरीय क्षेत्र, यूरोप के अन्य भागों और अटलांटिक महासागर में उत्पन्न होते हैं।

क्यों कहते हैं इसे पश्चिमी विक्षोभ

जब अशांत हवाएं कम दबाव वाले क्षेत्र में होती हैं और भारत के संबंध में ये पश्चिम दिशा से आती हैं, इसलिए इसका नाम पश्चिमी विक्षोभ है।

फिर ये अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत की ओर अधिक ऊंचाई और तेज हवाओं के साथ यात्रा करते हैं जो पृथ्वी की सतह के पार पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं। रास्ते में वे भूमध्य सागर, काला सागर, कैस्पियन सागर और अरब सागर से नमी लेते हैं।

क्या होता है जब पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की ओर बढ़ता है?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की न्यूमेरिकल स्टडी ऑफ़ वेस्टर्न डिस्टर्बन्स ओवर वेस्टर्न हिमालयाज यूजिंग मेसोस्केल मॉडल के अनुसार जब पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की ओर आता है तो इनकी नमी बारिश और बर्फ के रूप में बदल जाती है।

कभी-कभी वे उत्तरी पहाड़ी राज्यों जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों की ओर बढ़ते हैं, जबकि अन्य समय में वे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए दक्षिण की ओर बढ़ते हैं।

क्या पश्चिमी विक्षोभ हमेशा नुकसानदेह होता है?

पश्चिमी विक्षोभ मौसम के हिसाब से हमेशा नुकसानदेह नहीं होते हैं।

पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के निचले क्षेत्रों में कम से बहुत अधिक बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात ला सकता है।

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आकाश में बादल छा जाते हैं और रात का तापमान बढ़ जाता है, असमय वर्षा होती है। इस वर्षा का खेती के लिए, खासकर रबी की फसलों के लिए बड़ा फायदा होता है।

पश्चिमी विक्षोभ के नुकसान

कभी-कभी पश्चिमी विक्षोभ के कारण बाढ़, फ्लैश फ्लड, भूस्खलन, धूल भरी आंधी, ओलावृष्टि और ठंडी लहरों से लोगों को नुकसान पहुंचाता हे।

यदि पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश अधिक होती है तो इससे फसल नष्ट हो सकती है, हिमस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं से बुनियादी ढांचे नष्ट होने और आजीविका को प्रभावित करने जैसे चरम मौसम की घटनाएं हो सकती हैं।