भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश: तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में औसत से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान।
देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ऊपर बारिश: अक्टूबर-दिसंबर में अधिकांश क्षेत्रों को पर्याप्त बारिश होने की संभावना।
तापमान की स्थिति: अधिकतम तापमान अधिकतर इलाकों में सामान्य या कम, न्यूनतम तापमान अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक।
महासागरीय प्रभाव: न्यूट्रल ईएनएसओ वर्तमान में सक्रिय, लेकिन अक्टूबर-दिसंबर में ला नीना विकसित होने की संभावना बढ़ रही है।
इंडियन ओशन डिपोल: वर्तमान में कमजोर नकारात्मक आईओडी सक्रिय, मॉनसून सीजन के बाद तक यह जारी रहने की संभावना।
भारत में अक्टूबर से दिसंबर तक का समय उत्तर-पूर्वी मानसून यानी दक्षिणी प्रायद्वीपीय मानसून का प्रमुख मौसम होता है। इस दौरान दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ जाती हैं और कई क्षेत्रों में फसलों और जल संसाधनों के लिए पर्याप्त पानी मिलता है। मौसम विभाग ने अक्टूबर से दिसंबर, 2025 के मौसम का नया पूर्वानुमान जारी किया है। इस साल भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश
दक्षिण भारत के तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, केरल और माहे, तथा दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में इस अवधि में औसत से अधिक बारिश (112 फीसदी से अधिक) होने की संभावना है। इसका मतलब है कि इन राज्यों और क्षेत्रों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है, जो फसलों, जलाशयों और नदियों के लिए फायदेमंद रहेगी।
देश के अन्य हिस्सों में बारिश का पूर्वानुमान
विभाग ने अपनी रिपोर्ट में देश के अधिकांश इलाकों में सामान्य से ऊपर बारिश की उम्मीद जताई गई है। इसका फायदा खेती और जल संसाधनों को मिलेगा। हालांकि कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने के भी आसार जताए गए हैं।
इन क्षेत्रों में मुख्यतः उत्तर-पश्चिम भारत, सुदूर दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत, और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में किसानों को फसल और पानी की स्थिति के लिए सावधान रहना पड़ सकता है।
अक्टूबर 2025 में मासिक बारिश
अक्टूबर 2025 के लिए पूरे देश का मासिक पूर्वानुमान भी अच्छा है। अनुमान है कि पूरे देश में औसत से अधिक बारिश (115 फीसदी से अधिक) होगी। अधिकांश इलाकों में बारिश सामान्य या उससे अधिक रहेगी। परंतु, जैसे कि ऊपर बताया गया, उत्तर-पश्चिम भारत, दक्षिण तटवर्ती हिस्सों और पूर्वोत्तर के कुछ सीमित हिस्सों में बारिश अपेक्षाकृत कम हो सकती है।
कैसा रहेगा तापमान?
अक्टूबर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी बदलाव देखा जाएगा। देश के अधिकांश इलाकों में सामान्य या सामान्य से कम तापमान रहेगा। केवल कुछ क्षेत्रों में ही अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रह सकता है। इन क्षेत्रों में पूर्वोत्तर और उससे जुड़े पूर्वी हिस्से, पश्चिमी हिमालय और सौराष्ट्र-कच्छ शामिल हैं। विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार हैं।
देश भर के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। खासकर पूर्व, पूर्वोत्तर और पूर्व-मध्य भारत में यह अनुमान और अधिक मजबूत है। इसका मतलब है कि रात का तापमान अपेक्षाकृत गर्म रहेगा।
महासागरीय और जलवायु परिस्थितियां
इस समय महासागरीय परिस्थितियां भी बारिश और तापमान पर असर डाल रही हैं।
एल नीनो और ला नीना की स्थिति
वर्तमान में प्रशांत महासागर में स्थितियां सामान्य हैं, जिसे न्यूट्रल ईएनएसओ कहते हैं। लेकिन मौसम मॉडल और मानसून मिशन के आंकड़े सुझाव देते हैं कि अक्टूबर से दिसंबर में ला नीना की स्थिति विकसित होने की संभावना बढ़ रही है। ला नीना के प्रभाव से दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
इंडियन ओशन डिपोल
वर्तमान में भारतीय महासागर में कमजोर नकारात्मक इंडियन ओशन डिपोल सक्रिय है। इसका प्रभाव अक्टूबर से दिसंबर में भी जारी रहने की संभावना है। नकारात्मक इंडियन ओशन डिपोल की स्थिति दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत में बारिश को प्रभावित कर सकती है।
इस साल अक्टूबर से दिसंबर में भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश अच्छी रहेगी और अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। वहीं, उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में कम बारिश हो सकती है। तापमान में सामान्य से ऊपर और नीचे की विविधता रहेगी। किसानों, जल प्रबंधन और आम जनता को मौसम की इन स्थितियों के अनुसार तैयारी करनी होगी।
इस तरह, अक्टूबर से दिसंबर 2025 का मौसम पूर्वानुमान दक्षिण भारत में अच्छी बारिश और देश के अन्य हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की ओर इशारा करता है। महासागरीय स्थितियां जैसे अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) और इंडियन ओशन डिपोल भी इस समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।