मौसम विभाग ने मॉनसूनी मौसम के बाद अब पूर्वोत्तर मॉनसून का मौसम (अक्टूबर से दिसंबर) 2024 के दौरान बारिश और तापमान का पूर्वानुमान जारी किया है।  
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पूर्वोत्तर मॉनसून: अक्टूबर में सामान्य से अधिक होगी बारिश व तापमान भी रहेगा ज्यादा

Dayanidhi

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मॉनसूनी मौसम के बाद अब पूर्वोत्तर मॉनसून का मौसम (अक्टूबर से दिसंबर) 2024 के दौरान बारिश और तापमान का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक अक्टूबर से दिसंबर के दौरान भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप यानी तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और माहे तथा दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, यानी इन हिस्सों में दीर्घावधि औसत (एलपीए ) का 112 फीसदी से अधिक बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने सवांददाता सम्मेलन में बताया कि 1971 से 2020 तक के आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर से दिसंबर के दौरान भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश का रिकॉर्ड दीर्घावधि औसत (एलपीए) की लगभग 334.13 मिमी है।

मॉनसून के बाद के सीजन यानी अक्टूबर से दिसंबर के दौरान में देश भर के अलग-अलग हिस्सों में बारिश की बात करें तो मध्य भारत के कई इलाकों, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। हालांकि उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और भारत के सबसे दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं।

विभाग ने कहा है कि अक्टूबर 2024 के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य से अधिक होने की संभावना है, जो कि एलपीए का 115 फीसदी से अधिक है। 1971 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर के महीने में देश भर में लगभग 75.4 मिमी तक बारिश होती है।

अक्टूबर महीने के दौरान मौसम विभाग के बारिश संबंधी पूर्वानुमानों से पता चलता है कि इस महीने भारत के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीप के दूर के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं।

अक्टूबर 2024 के दौरान देश भर में तापमान संबंधी पूर्वानुमान की बात करें तो अक्टूबर में, देश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की आशंका जताई गई है

मध्य भारत और उससे सटे दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़ दें, जहां अधिकतम तापमान के सामान्य से कम रहने की संभावना है। जबकि अक्टूबर के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं।

कैसी रहेगी प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति?

मौसम विभाग के मुताबिक, पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान औसत से कम होगा। वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ एल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थिति देखी जा रही है। पूर्वानुमान 2024 के बाद के मॉनसून सीजन के दौरान ला नीना की स्थिति विकसित होने के अधिक आसार हैं।

वर्तमान में हिंद महासागर के अधिकतर हिस्सों में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) औसत से अधिक बना हुआ है। हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) की स्थिति बनी हुई है। नवीनतम एमएमसीएफएस पूर्वानुमान से पता चलता है कि तटस्थ आईओडी की स्थिति मॉनसून के बाद के मौसम के दौरान जारी रहेगी।

संवाददाता सम्मेलन में मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, "आमतौर पर ला नीना के विकास के साथ सर्दियों के दौरान सामान्य से कम तापमान की उम्मीद की जाती है। लेकिन अब अक्टूबर में, मॉडल देश भर में सामान्य से अधिक तापमान की ओर इशारा कर रहे हैं। मॉनसून के बाद के इस मौसम में कमजोर ला नीना की स्थिति विकसित होने की उम्मीद है।"

दुनिया भर में ला नीना का पूर्वानुमान गलत साबित हुआ

महापात्रा ने कहा कि कई अन्य वैश्विक एजेंसियों की तरह, उनके ला नीना के अनुमान गलत साबित हुए। हालांकि मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि मॉनसून के दूसरे हिस्से में ला नीना की स्थिति विकसित होने की संभावना है और मॉनसून के बाद के हिस्से में सकारात्मक आईओडी की स्थिति विकसित होने की संभावना है, जुलाई में तटस्थ अल नीनो की स्थिति विकसित हुई और सितंबर तक जारी रही। अगस्त के अंत तक आईओडी तटस्थ रहा।

इसके बावजूद, इस साल मॉनसून की बारिश एलपीए का लगभग 108 फीसदी रही। महापात्रा ने कहा, "वैश्विक स्तर पर किसी भी मॉडल ने ला नीना का पूर्वानुमान सही नहीं लगाया। लेकिन प्रसार की विशेषताएं ला नीना जैसी थीं, जिससे मॉनसून को मदद मिली।"