मॉनसून सीजन, 2024 के दौरान पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।  फोटो साभार: आईस्टॉक
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देश में मॉनसूनी बारिश के सामान्य से अधिक होने का अनुमान, जून में भी लू से नहीं मिलेगी राहत

Dayanidhi

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण-पश्चिम मॉनसून, वर्षा ऋतु, जिसका समय जून से सितंबर तक होता है, का पूर्वानुमान आउटलुक जारी किया है। मौसम विभाग ने संवाददाता सम्मेलन में जून 2024 में होने वाली बारिश और तापमान का पूर्वानुमान भी जारी किया है।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मॉनसूनी बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के 106 फीसदी तक हो सकती है। इस प्रकार, उन्होंने मॉनसून सीजन, 2024 के दौरान पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई है

दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी मौसम के दौरान मध्य भारत और भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक यानी एलपीए का 106 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान है। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य यानी एलपीए के 92 से 108 फीसदी और पूर्वोत्तर भारत में एलपीए का 94 फीसदी यानी बारिश के सामान्य से कम होने के आसार हैं।

महापात्र ने कहा कि चक्रवात 'रेमल' ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में मॉनसून की प्रगति को आगे बढ़ाने में मदद की है, उन्होंने कहा कि इसका लंबे समय तक मॉनसून पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

महापात्र ने कहा कि देश के अधिकांश बारिश पर निर्भर वाले हिस्सों में खेती मॉनसून कोर जोन (एमसीजेड) में दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी बारिश के सामान्य से अधिक, यानी एलपीए के 106 फीसदी से अधिक होने की संभावना है।

उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत के पूर्वी भाग और पूर्वी भारत के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई गई है, इन हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

जून, 2024 के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य होने के सबसे अधिक आसार जताए गए हैं, यानी एलपीए का 92 से 108 फीसदी तक बारिश हो सकती है। जून के महीने में दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकांश इलाकों और मध्य भारत के आसपास के अलग-अलग हिस्सों, उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है।

वहीं, जून महीने में उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी और पूर्वी भागों और मध्य भारत के पूर्वी भाग के कई इलाकों, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिण प्रायद्वीप के दक्षिण पूर्वी हिस्सों में बारिश के सामान्य से कम होने की आशंका जताई गई है।

कैसा रहेगा तापमान, कहां चलेगी हीटवेव या लू
जून के महीने में तापमान के पूर्वानुमान संबंधी अपडेट देखें तो, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य से कम रहने की संभावना है। वहीं देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार हैं।

उत्तर-पश्चिम भारत के सुदूर उत्तरी इलाकों और पूर्व तथा उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में जून के महीने न्यूनतम तापमान के सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है, वहीं, देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान के सामान्य से ऊपर रहने की आशंका जताई गई है।

जून, 2024 के दौरान, उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों और मध्य भारत के आसपास के इलाकों में हीटवेव या लू वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक होने के आसार हैं

मौसम विभाग के अपने अपडेट में कहा है कि लू के दौरान, बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों जैसी कमजोर आबादी को गर्मी से संबंधित बीमारियों के खतरों का सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय तक अत्यधिक गर्मी से बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ता है और निर्जलीकरण होता है।

मौसम विभाग ने अधिकारियों को ठंडे या शीतलन केंद्र खोलकर, शहरी गर्मी वाले इलाकों में लोगों को गर्मी से बचाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने का भी सुझाव दिया है।

विभाग ने कहा लू के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ये कदम महत्वपूर्ण हैं। लू के दौरान सुरक्षित रहने के लिए लोगों को हाइड्रेटेड रहना होगा और अधिकतम ठंडे वातावरण में रहना होगा और चरम गर्मी के घंटों के दौरान भारी गतिविधियों से बचना होगा।

भूमध्यरेखीय प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्री सतह का तापमान (एसएसटी) स्थितियां
इस वर्ष की शुरुआत में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में देखी गई मजबूत अल नीनो की स्थितियां तेजी से कमजोर होकर कमजोर अल नीनो स्थितियों में तब्दील गई हैं और वर्तमान में ईएनएसओ तटस्थ स्थितियों की ओर बढ़ रही हैं।

नवीनतम जलवायु मॉडल के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि मॉनसून के मौसम की शुरुआत के दौरान ईएनएसओ-तटस्थ स्थितियां स्थापित होने की संभावना है। मॉनसून के मौसम के बाद के ला नीना स्थितियां विकसित होने का अनुमान लगाया गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक, वर्तमान में, हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां जारी हैं। कई वैश्विक जलवायु मॉडलों के नवीनतम पूर्वानुमानों से पता चलता है कि मॉनसून के मौसम के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की संभावना है।