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इस साल भारत में मॉनसूनी बारिश के 'सामान्य से ऊपर' रहने की संभावना: मौसम विभाग

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत में अल नीनो की स्थिति के कमजोर पड़ने की संभावना है, साथ ही कमजोर ला नीना की स्थितियां विकसित होंगी जिससे मॉनसून को मदद मिलेगी

Dayanidhi

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक,  इस साल पूरे भारत में दक्षिण पश्चिम मॉनसूनी मौसम (जून से सितंबर) के दौरान बारिश के 'सामान्य से अधिक' रहने की संभावना है। जो कि दीर्घकालीन औसत (एलपीए) के 104 फीसदी से 106 फीसदी तक होने की संभावना जताई गई है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूरे देश में मौसमी बारिश पांच फीसदी कम या ज्यादा हो सकती है। 1971 से 2020 की अवधि के लिए पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है।

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत में अल नीनो की स्थिति के कमजोर पड़ने की संभावना है, साथ ही कमजोर ला नीना स्थितियां विकसित होंगी जिससे मॉनसून को मदद मिलेगी।

मौसम विभाग के विश्लेषण से पता चला है कि 22 ला नीना वर्षों में, 1974 और 2000 को छोड़कर अधिकांश वर्षों में सामान्य या सामान्य से अधिक मॉनसून दर्ज किया गया।

मौसम विभाग के अनुसार, पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च, 2024) के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ का आवरण सामान्य से नीचे रहा। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत ऋतु में बर्फ के आवरण की सीमा का आम तौर पर बाद के भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसूनी बारिश के साथ विपरीत संबंध होता है, यानी यहां सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद जताई गई है।

भूमध्यरेखीय प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्री सतह का तापमान (एसएसटी) स्थितियां

हिंद महासागर में तटस्थ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) स्थितियां जारी हैं और नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमानों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के बाद के हिस्से के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की संभावना है।

प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति का भारतीय मॉनसून पर एक मजबूत प्रभाव माना जाता है, इसलिए मौसम विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से कहा है कि वह इन महासागर घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थितियों के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।

मौसम विभाग के द्वारा मॉनसून का पूर्वानुमान गर्मियों के मौसम में भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी के कुछ दिनों बाद आई है, जब लोकसभा चुनाव होंगे। कुछ समय पहले जहां प्रेस वार्ता के दौरान मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी दी थी कि चुनाव के दौरान देश को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी बताया था कि विभाग ने सार्वजनिक रैलियों और मतदान के समय में कोई बदलाव का प्रस्ताव नहीं दिया है।

मौसम विभाग के प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह मई, 2024 के अंतिम सप्ताह में मॉनसून सीजन की बारिश के लिए फिर से पूर्वानुमान जारी करेगा।