इस बार देश के भीतर प्री-मानसून के दौरान (एक मार्च से 29 मई तक) सामान्य से करीब 24 फीसदी कम बारिश हुई है वहीं, मानसून आने में भी पांच से छह दिन की देरी हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक अब मानूसन 6 जून को दस्तक दे सकता है। वहीं, निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक मानसून सात जून को आने की उम्मीद है। बारिश का इंतजार करते कई कृषि प्रधान राज्यों ने एडवाइजरी जारी कर किसानों को देरी से बुआई के लिए आगाह किया है। मानसून में और बुआई में देरी एक सामान्य नियम बनती जा रही है।
भारतीय मौसम विभाग की ओर से वरिष्ठ वैज्ञानिक सुनीता देवी ने बताया कि इस वक्त हम मानसून के आने की तय तारीख बताने में असमर्थ हैं क्योंकि अरब सागर में जिस मॉडल को देखा जाना चाहिए था वह नहीं बन रहा है। इतना पक्का है कि मानसून छह जून से पहले नहीं आएगा। अगले 48 घंटे बाद ही हम कोई तय तारीख बताने में समर्थ होंगे। यह संभावना अभी है कि अगले 48 घंटों में मानसून दक्षिणी केरल के तट को छू ले।
स्काईमेट के निदेशक महेश पलावत ने कहा कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दक्षिणी कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना में बुआई में दस दिन तक की देरी हो सकती है।
सूखे और लू की मार झेलते महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को एडवाइजरी जारी कर देरी से बुआई की अपील की है। वहीं, पंजाब के कृषि निदेशक स्वतंतर कुमार ने बताया कि किसानों को आगाह किया जा रहा है कि वे पानी की बचत करें। धान व कपास को छोड़ने व अन्य फसलों की बुआई को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है।
बिहार में कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने बताया कि बिहार में मानसून 15 जून के आस-पास आता है। ऐसे में केरल में मानसून आने के बाद ही कोई एडवाइजरी किसानों को जारी की जाएगी। मानसून में देरी है हम लगातार अपडेट ले रहे हैं। अगले हफ्ते ही कोई एडवाइजरी जारी की जाएगी।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि मंगलवार तक उत्तरी-पश्चिमी और मध्य भारत व दक्षिणी प्रायद्विपीय इलाकों में भीषण लू बनी रह सकती है। वहीं, रविवार की रात में पूर्वी यूपी में अंधड़ और हल्की बूंदा-बांदी हुई। मौसम विभाग ने कहा है कि हिमालय में पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में लू का प्रकोप कुछ कम हो सकता है। महाराष्ट्र के विदर्भ समेत उत्तरी-पश्चिमी राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना हुआ है।