मौसम पर नजर रखने वाले निजी संस्थान स्काईमेट ने इस साल (जून से सितंबर) दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया है। अगर यह पूर्वानुमान सही निकला तो भारत के लिए यह लगातार चौथा सामान्य मॉनसून होगा।
स्काईमेट के पूर्वानुमान के अनुसार, देश में 2022 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वर्षा 880.6 मिमी के आसपास होगी, जो लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के मुकाबले 98 फीसदी रहने का अनुमान है। यह 5 फीसदी अधिक या कम भी हो सकती है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि एलपीए के 96 से 106 फीसदी के भीतर होने वाली मौसमी वर्षा को सामान्य के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इससे पहले फरवरी 2022 में भी स्काईमेट ने सामान्य मॉनसून की भविष्यवाणी की थी।
स्काईमेट की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि जून के शुरूआती महीने में मॉनसून की अच्छी शुरुआत होने की संभावना है। इसके बाद सीजन के पहले दो महीने - जून और जुलाई, सीजन के दूसरे भाग की तुलना में अधिक नमी वाले होंगे।
हालांकि स्काईमेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश पाटिल ने आगाह किया कि बारिश का वितरण सामान्य नहीं होगा, बल्कि अप्रत्याशित होगा। उन्होंने कहा, "हालांकि, मॉनसून के स्पंदनशील व्यवहार से अचानक और तीव्र बारिश होने के आसार हैं, जो असामान्य रूप से लंबे समय तक सूखा पड़ने के कारण होता है।
उन्होंने आगे बताया कि हिंद महासागर का द्विध्रुव (आईओडी) तटस्थ है, यद्यपि -वे (नकारात्मक) झुकाव की प्रवृत्ति थ्रेशोल्ड मार्जिन के करीब है। आईओडी से प्रतिरोध से जूझते हुए, विशेष रूप से सीजन के दूसरे भाग के दौरान, मॉनसून को एल नीनो दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) तटस्थ परिस्थितियों पर होगी। इसके चलते मासिक वर्षा वितरण में अत्यधिक परिवर्तनशीलता हो सकती है।
स्काईमेट के पूर्वानुमान में कहा गया है कि राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में मॉनसूनी बारिश में कमी हो सकती है। केरल और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में जुलाई और अगस्त के दो महत्वपूर्ण महीनों में कम बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के वर्षा आधारित क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी।
पिछले दो सत्रों में मॉनसून सामान्य से अधिक रहा, जो एक के बाद एक ला-नीना की घटनाओं के कारण हुआ। फिलहाल यह सिकुड़ता या कम होता नजर आ रहा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के नवीनतम मूल्यांकन के मुताबिक "मॉडल भविष्यवाणियों और विशेषज्ञ मूल्यांकन मार्च से मई 2022 सीजन के दौरान ला-नीना की निरंतरता के लिए 65 फीसदी की संभावना का संकेत देता है, ईएनएसओ-तटस्थ स्थितियों की संभावना लगभग 35 फीसदी है।
अप्रैल से जून 2022 सीजन के दौरान ला-नीना की संभावना 40 से 50 फीसदी तक कम होती रहती है, जिसमें ईएनएसओ-तटस्थ सबसे संभावित श्रेणी (50 से 60 फीसदी तक) बन जाता है। स्काईमेट का कहना है कि मॉनसून की शुरुआत तक प्रशांत महासागर की ला-नीना से ठंडक बने रहने की संभावना है। इस दौरान अल नीनो का प्रभाव भी नहीं होगा।
स्काईमेट के अनुसार मॉनसून के सामान्य या उससे अधिक होने की 75 फीसदी संभावना है जबकि एक की कमी होने की 25 फीसदी आसार हैं। इस दौरान सूखा पड़ने की संभावना नहीं है। माह-वार वर्षा अनुमानों के अनुसार, यह जून से सितंबर के मौसम में घटती-बढ़ती है। जून में औसत सामान्य की तुलना में 107 फीसदी वर्षा का अनुमान है, जुलाई में यह 100 फीसदी हो जाती है, अगस्त में 95 फीसदी और सितंबर में 90 फीसदी रहने का अनुमान है।