मौसम

मॉनसून 2022: केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में कम बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने 31 मई 2022 को जारी अनुमान में कहा है कि कुछ हिस्सों को छोड़ कर देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का वितरण सामान्य रहेगा

DTE Staff

इस साल दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य रहेगा, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 31 मई को जारी अपने पूर्वानुमान में यह बात कही है।

आईएमडी ने एक बयान में कहा, " पूरे देश में मॉनसून सामान्य (लंबी अवधि के औसत, एलपीए) से 96 से 104 प्रतिशत रहने की संभावना है। एलपीए 87 सेमी है, 1971-2020 के दौरान हुई बारिश के औसत के आधार पर तय किया गया है।

इससे पहले डाउन टू अर्थ ने भारत में बारिश के औसत आधार में बदलाव की जानकारी दी थी। अप्रैल में भारत में बारिश का एक नया सामान्य आंकड़ा जारी किया गया था, जिसमें बताया गया था कि मॉनसून सीजन (जून से सितंबर) के दौरान औसत सामान्य बारिश 12 मिमी कम रहेगी।

आईएमडी ने 14 अप्रैल, 2022 को मॉनसून के लिए जारी अपने पहले पूर्वानुमान की घोषणा करते हुए कहा था कि 1971 से 2020 के दौरान हुई बारिश के आंकड़ों का औसत निकालने के बाद यह तय किया गया है कि मॉनसून सीजन के दौरान सामान्य बारिश 868.6 मिमी रहेगी।

यहां यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले तक आईएमडी 1961-2010 के दौरान हुई बारिश के आंकड़ों को आधार पर सामान्य बारिश का आकलन लगाया था और तब सामान्य बारिश 880.6 मिमी माना जाता था। यानी कि आईएमडी ने सामान्य बारिश का आंकड़ा घटा दिया। विस्तृत खबर पढ़ें

इसका मतलब यह है कि नए आंकड़ों के अनुसार उस बारिश को 'सामान्य' कहा जाएगा, जो एक दशक पहले की तुलना में कम बारिश होगी।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्वोत्तर, केरल, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम (</- 90 और एलपीए का <96 प्रतिशत) बारिश होगी।

आईएमडी ने कहा कि मॉनसून के दौरान बारिश का वितरण सही तरह से रहने की संभावना है। देश के कुछ हिस्सों जैसे पूर्व-मध्य, पूर्व, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है, जबकि अन्य हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।

आईएमडी के मुताबिक, मध्य भारत (>एलपीए का 106%) और दक्षिण प्रायद्वीप (>एलपीए का 106%) यानी सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। जबकि पूर्वोत्तर भारत (एलपीए का 96-106%) और उत्तर पश्चिम भारत (एलपीए का 92-108%) में यानी सामान्य बारिश होने की संभावना है।

मॉनसून के पहले महीना -जून- में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के कई हिस्सों, प्रायद्वीप, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में इस महीने सामान्य से कम बारिश होगी।

ऐसा लगता है कि पूर्वी भारत - विशेष रूप से ओडिशा और पश्चिम बंगाल - मौसम की शुरुआत से अंत तक सामान्य से कम वर्षा की संभावना है।