भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, देश में मानसून के मौसम की शुरुआत शुष्क रहेगी।
हर साल 1 जून को केरल, दक्षिणपूर्व आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बारिश के साथ मानसून का मौसम शुरू होता है। यह एक तरह की समय सारणी है, जिसके बारे में आईएमडी दशकों से एकत्र किए गए वर्षा के आंकड़ों के आधार पर बताता है।
इस साल के मानसून के लिए आईएमडी का अनुमान है कि 3 से 9 जून तक, तमिलनाडु (17.1 मिमी) और तटीय आंध्र प्रदेश (14.8 मिमी) में सामान्य वर्षा होगी।
केरल में ऐसा नहीं है - आईएमडी ने केरल में 45.6 मिमी औसतन बारिश हो सकती है, जो सामान्य से 18 प्रतिशत कम रह सकती है। यहां सामान्य तौर पर 55.8 मिमी बारिश होती है।
हालांकि, आईएमडी का यह अनुमान केवल 27 मई से 2 जून के बीच का है। एक सप्ताह के बाद, 3 से 9 जून तक, आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि केरल में 40.7 मिमी बारिश होगी, जबकि यहां की सामान्य बारिश 74.4 मिमी है। यानी कि इससे अगले सप्ताह केरल में 45% कम बारिश होगी।
आईएमडी के मुताबिक 27 मई से 2 जून के बीच केवल उड़ीसा (8.7 मिमी) और लक्षद्वीप (77.4 मिमी) में इस वर्ष मॉनसून की सामान्य वर्षा होगी।
अगले सप्ताह (3 से 9 जून) के दौरान, कुछ और राज्यों में सामान्य वर्षा होने का अनुमान है। इनमें लक्षद्वीप (116.3 मिमी), असम और मेघालय (140.4 मिमी), त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर (113.9 मिमी), अरुणाचल प्रदेश (66.7 मिमी), अंडमान और निकोबार (66.8 मिमी) शामिल हैं।
उपरोक्त राज्यों के अलावा, देश भर में शुष्क मौसम जारी रहेगा है। जैसा कि डाउन टू अर्थ द्वारा पहले बताया गया था, 1 मार्च से 17 मई तक, हालांकि भारत में सामान्य से केवल 7% कम वर्षा हुई, लेकिन वितरण इतना असमान रहा कि 88 जिलों (भारत का 13%) में शून्य वर्षा हुई। विस्तृत पढ़ें: इससे दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति प्रभावित नहीं हुई क्योंकि अंडमान और निकोबार द्वीपों में समय पर बारिश हुई।
यहां यह उल्लेखनीय है कि आईएमडी ने 14 अप्रैल 2022 को औसत सालाना बारिश में कमी की घोषणा की थी। इससे पहले तक देश में औसत सामान्य बारिश 880 मिमी बताई जाती थी, लेकिन आईएमडी ने इसमें संशोधन करते हुए 868 मिमी कर दिया है। यह गणना 1971 से 2020 के बीच के आंकड़ों की मदद से की गई थी। विस्तृत पढ़ें -
3 से 9 जून के आईएमडी के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, बारिश में भारी गिरावट की उम्मीद है। आईएमडी का कहना है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में औसत औसत से 50 फीसदी कम बारिश होगी।
3 जून से 9 जून तक का पूर्वानुमान इस प्रकार है
राज्य |
2022 साप्ताहिक औसत(मिमी) |
दीर्घकालिक औसत (मिमी) |
सामान्य के मुकाबले अंतर (%) |
पूर्वी उत्तर प्रदेश |
0.3 |
6.2 |
-95 |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश |
0.1 |
4.2 |
-98 |
पूर्वी मध्य प्रदेश |
1.3 |
4.8 |
-72 |
पश्चिमी मध्य प्रदेश |
1.4 |
3.8 |
-62 |
पूर्वी राजस्थान |
0.4 |
2.6 |
-86 |
पश्चिमी राजस्थान |
0.2 |
1.9 |
-92 |
झारखंड |
4.7 |
14.4 |
-66 |
ओडिशा |
5.4 |
11.8 |
-54 |
बिहार |
8.9 |
24 |
-63 |
हरियाणा चंडीगढ़ |
0.2 |
4 |
-94 |
छत्तीसगढ़ |
5.7 |
9.3 |
-39 |
पंजाब |
0.4 |
2.7 |
-84 |
हिमाचल प्रदेश |
4.4 |
12.8 |
-66 |
उत्तराखंड |
5.4 |
13.8 |
-61 |
हालांकि भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे के वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने चेतावनी दी है कि अगर संख्या की बात करें तो संख्या औसत या सामान्य तापमान की दृष्टि से ठीक हैं, क्योंकि वे पूर्व के आंकड़ों के आधार पर निकाले जाते हैं, लेकिन पूर्वानुमान की घोषणा संख्या के तौर पर नहीं की जा सकती। पूर्वानुमान की घोषणा करते वक्त यही कहा जा सकता है कि तापमान या बारिश सामान्य से कम या ज्यादा रह सकता/सकती है।