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अप्रैल में ही बिहार में आकाशीय बिजली का तांडव, एक सप्ताह में 19 की मौत

Umesh Kumar Ray

अप्रैल महीने में बिहार में अमूमन लू और गर्मी से लोगों के हलाकान होने की खबरें आती हैं, लेकिन इस साल आकाशीय बिजली ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पिछले एक हफ्ते में ही बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने से 19 लोगों की जान जा चुकी है और 10 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।

रविवार को सारण जिले में आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन लोग जख्मी हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि लोग खेतों में इकट्ठा हुए थे, तभी ये घटना घटी। वहीं, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन का कहना है कि एक दर्जन से ज्यादा किसान रविवार की सुबह परवल के खेत में थे कि तेज बारिश होने लगी। बारिश से बचने के लिए  पास में ही बने झोपड़ीनुमा मचान के नीचे लोगों ने शरण ले ली। उसी वक्त मचान पर आकाशीय बिजली गिर गई। इस घटना में 9 लोगों की जान चली गई। वहीं, रविवार की सुबह ही जमूई में दो और भोजपुर में एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हो गई। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के प्रति संवेदना जताते हुए मुवावजे का ऐलान किया है। उन्होंने ने कहा है कि आकाशीय बिजली की तीव्रता काफी अधिक थी। लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में थे, इस वजह से जान माल का नुकसान कम हुआ है। उन्होंने लोगों को इस सावधानी बरतने की सलाह दी है।

इससे पहले 18 अप्रैल को आकाशीय बिजली ने गोपालगंज, सिवान, नालंदा, रोहतास और जहानाबाद में 7 लोगों की जान ले ली थी।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, देश के पूर्वी और उत्तरी पूर्वी हिस्से में आर्द्रता के चलते शनिवार और रविवार को बारिश हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 29 अप्रैल तक इसी तरह बारिश, आकाशीय बिजली और ओले पड़ने का अनुमान लगाया है। 

बिहार में आकाशीय बिजली से मौत की वारदात कोई नई घटना नहीं है बल्कि इस मामले में कुख्यात रहा है। मिड मानसून 2019 लाइटनिंग रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल बिहार में आकाशीय बिजली गिरने की 225508 घटनाएं हुई थीं, जिनमें 170 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले 96 प्रतिशत लोग ग्रामीण इलाकों के होते हैं क्योंकि वे खुले आसमान के नीचे खेतों में काम करते हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

जानकारों का कहना है कि अप्रैल में आकाशीय बिजली की घटनाओं में और तापमान में कमी नई घटना है। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनवायरमेंट साइंसेज विभाग से जुड़े प्रोफेसर  प्रधान पार्थ सारथी कहते हैं, "नेपाल के तराई क्षेत्र में एक  एक ही कतार में 250 से 300 किलोमीटर एरिया में 5-6 कनवेक्टिव क्लाउड बने थे, जिसकी वजह से तेज हवा के साथ बारिश और वज्रपात हुआ। मौसम के संदर्भ में ये बिल्कुल नई परिघटना है।" 

उन्होंने कहा, "अप्रैल महीना गर्म हुआ करता है, लेकिन कनवेक्टिव क्लाउड बनने से हम देख रहे हैं कि तापमान में काफी गिरावट आई है। पिछले 6-5 सालों में अप्रैल महीने में मौसम ऐसा नहीं रहा है, इसलिए ये कह पाना बहुत मुश्किल है कि इसके पीछे वजह क्या है। अगर ऐसा पैटर्न लगातार कई सालों तक रहता, तो इनकी वजहों की पड़ताल आसानी होती, फिर भी ये जरूर कहा जा सकता है कि स्थानीय कारणों से ऐसा हो रहा है।” उन्होंने ये भी कहा कि अगले कुछ दिनों तक मौसम के ऐसा ही रह सकता है।"