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अब बिहार में बिजली गिरने से हुई 30 मौतें, क्या है वजह

DTE Staff

उमेश कुमार राय

भीषण गर्मी के चलते 150 से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद अब बिहार में बारिश ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटों में बारिश के दौरान बिजली गिरने (स्थानीय भाषा में ठनका) के कारण बिहार के अलग-अलग जिलों में 30 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा मौतें उत्तर बंगाल और नेपाल से सटे जिलों में हुई है।

बताया जा रहा है कि भागलपुर, मुंगेर पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार, मधुबनी, मधेपुरा, खगड़िया, दरभंगा आदि जिलों में बारिश के दौरान बिजली गिरने से सबसे ज्यादा लोगों की जान चली गई। सीएम नीतीश कुमार ने मारे गये लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।

इससे पहले अप्रैल में भी बारिश के दौरान ठनका गिरने से अलग-अलग जिलों में 6 लोगों की मौत हो गई थी।

बिहार में इस बार लगभग 10 दिन देर से यानी 22 जून को मॉनसून की दस्तक हुई है। 22 जून की बारिश के बाद हालांकि फिर बारिश नहीं हुई, जिससे तापमान में इजाफा होने लगा। लेकिन, बुधवार की सुबह से ही बिहार के आसमान में बादल मंडराने लगे थे। दोपहर और शाम को कई जिलों में तेज बारिश हुई। गुरुवार की सुबह भी पटना समेत कई जिलों में बारिश हुई।

मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बन रहा है जिसके चलते अगले 24 घंटों तक इसी तरह रह-रह कर बिजली की कड़क के साथ बारिश जारी रहेगी।

उधर, उत्तर बंगाल के जिलों में बारिश के दौरान ही ठनका गिरने से आधा दर्जन लोगों के मारे जाने की खबर है। यहां ये भी बता दें कि करीब डेढ़ हफ्ते पहले दक्षिण बिहार में भीषण गर्मी के कारण लू से करीब 150 लोगों की मौत हो गई थी। भीषण गर्मी को देखते हुए पहले गया और बाद में पूरे बिहार में धारा 144 के अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए निषेधाज्ञा लगा दी गई थी।

बिजली गिरने जैसी घटनाओं पर नजर रखने वाली संस्था सीआरओपीसी के कर्नल संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस सीजन में यह देखने में आ रहा है कि बिजली गिरने की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा हुई हैं, क्योंकि इन इलाकों में गर्मी का असर भी काफी देखा गया है, जिस कारण यहां वाष्पन बढ़ा है, जिससे बारिश, अंधड़ व बिजली गिरने की घटनाएं हुई हैं।