तटीय कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई। फोटो साभार: आईस्टॉक
मौसम

देश के अधिकतर राज्यों में झमाझम बारिश, कर्नाटक में 204 मिमी से अधिक बरस सकते हैं बादल

Dayanidhi

देश के कई हिस्सों में मॉनसून अपना असर दिखा रहा है। कई इलाकों में बारिश के चलते पारा लुढ़क गया है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। जबकि पूर्वोत्तर भारत का बारिश के कारण हाल बुरा है, खासकर असम और अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण समस्या को और विकराल रूप दे रही हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने इसके पीछे मौसम संबंधी कई कारणों को जिम्मेवार ठहराया है, आइए जानते हैं कौन से ऐसे कारण हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसूनी टर्फ समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति के लगातार करीब बना हुआ है। एक चक्रवाती प्रसार दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश से मध्य स्तरों पर, दूसरा चक्रवाती प्रसार पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे पाकिस्तान तथा एक अन्य दक्षिण गुजरात के निचले स्तरों पर बना हुआ है। हवाओं का दौर निचले स्तरों पर पश्चिमी राजस्थान से मणिपुर तक जारी है।

उपरोक्त मौसम संबंधी अलग-अलग गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने आज, यानी छह जुलाई को तटीय कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बहुत भारी से भयंकर बारिश होने की आशंका जताई है, यहां 204.5 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है।

वहीं आज, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार जताए गए हैं। इन सभी राज्यों में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी बरस सकते हैं मेघ।

आज, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गुजरात, केरल और माहे तथा दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है, इन राज्यों में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बारिश होने का अनुमान है।

वहीं कल, तटीय कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई।

कहां पड़ेंगी तेज हवाओं के साथ बौछारें, कहां गिरेगी बिजली?

विभिन्न मौसमी गतिविधियों के चलते आज, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, बिहार, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और गुजरात के अलग-अलग इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।

मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

मौसम विभाग के मुताबिक, आज, पूर्वोत्तर अरब सागर के दक्षिणी हिस्सों और उससे सटे उत्तर-पश्चिम अरब सागर, पूर्व-मध्य और उससे सटे पश्चिम-मध्य अरब सागर, दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के उत्तरी इलाकों, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका तट, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तथा उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं आज, गुजरात, महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा के तटों, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, सोमालिया तट और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के आसपास और उत्तरी हिस्सों, पश्चिम-मध्य अरब सागर, पूर्व-मध्य अरब सागर के अधिकतर हिस्सों, उत्तरी अरब सागर के अधिकांश हिस्सों, यमन और ओमान के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

उपरोक्त तूफानी हवाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

तापमान में उतार चढ़ाव

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान देखें तो कल, पश्चिम राजस्थान के बीकानेर में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, पांच जुलाई को 8:30 से 5:30 के दौरान लक्षद्वीप के अधिकतर इलाकों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे के कई इलाकों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, विदर्भ और गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

वहीं कल, मध्य महाराष्ट्र, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा रायलसीमा के अलग-अलग इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

कल कहां हुई दो सेमी या उससे अधिक बारिश?

कल, पांच जुलाई को 8:30 से 5:30 के दौरान तटीय कर्नाटक के होनावर में 13 सेमी, कारवार में 6 सेमी, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कलिम्पोंग में 9 सेमी, दार्जिलिंग में 8 सेमी, जलपाईगुड़ी में 5 सेमी, असम और मेघालय के गोलपाड़ा और चेरापूंजी प्रत्येक जगह 4 सेमी, धुबरी में 2 सेमी, गुजरात के सूरत में 3 सेमी, पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 7 सेमी, प्रयागराज में 4 सेमी, बलिया और बहराइच प्रत्येक जगह 3 सेमी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली और मुरादाबाद प्रत्येक जगह 2 सेमी, राजस्थान के बीकानेर, जयपुर और कोटा प्रत्येक जगह 2 सेमी बारिश दर्ज की गई।

वहीं कल, अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में 2 सेमी, हिमाचल प्रदेश के ऊना में 4 सेमी, कांगड़ा में 3 सेमी, कोंकण और गोवा के माथेरान और रत्नागिरी प्रत्येक जगह 3 सेमी, उत्तराखंड के देहरादून में 4 सेमी, टिहरी में 3 सेमी, मुक्तेश्वर में 2 सेमी, मध्य प्रदेश के शिवपुरी में 2 सेमी, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 4 सेमी, बिहार के पूर्णिया में 5 सेमी, पटना में 4 सेमी, गया, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर प्रत्येक जगह 3 सेमी, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों के बांकुरा में 5 सेमी, ओडिशा के ढेंकनाल में 3 सेमी, तालचेर में 2 सेमी, रायलसीमा के तिरुपति में 3 सेमी, केरल के पुनालुर में 4 सेमी, तमिलनाडु के वालपराई में 2 सेमी बारिश हुई।