भारत में मौसम के पैटर्न में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है, देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां सामान्य से बहुत कम बारिश हुई, जबकि कुछ हिस्सों में बादल बहुत ज्यादा मेहरबान रहे अर्थात यहां जरूरत से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई।
मौसम विभाग के राज्यवार बारिश का ताजा अपडेट बताता है कि पूरे देश में एक अप्रैल से 29 अप्रैल, 2025 तक बारिश में लगभग 15 फीसदी तक की कमी देखी जा रही है। जबकि 11 राज्य ऐसे हैं जहां कम बारिश हुई, छह राज्य ऐसे हैं जहां बारिश में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
आठ राज्य ऐसे भी है जहां सामान्य से बहुत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई, तीन राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। सात राज्यों में सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में कितने बरसे बादल?
देश के अलग-अलग इलाकों में बारिश को विस्तार से देखें तो पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश में एक से 29 अप्रैल, 2025 के दौरान सामान्य से 42 फीसदी बारिश कम हुई, इस बीच यहां सामान्य रूप से 459.4 मिमी बारिश होती है जबकि 265.4 मिमी तक ही बरसे बादल। वहीं असम में 23 फीसदी बारिश की गिरावट रिकॉर्ड की गई।
मेघालय में 24 फीसदी की कमी, नागालैंड में 31 फीसदी की गिरावट देखी गई है, मौसम विभाग के द्वारा इसे बारिश में कमी की श्रेणी के रूप में रखा गया है, जबकि मणिपुर और मिजोरम में बारिश में बहुत ज्यादा कमी आई हैं, यहां क्रमशः 60 व 65 फीसदी की कमी देखी गई। त्रिपुरा में 55 फीसदी की कमी और सिक्किम में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, पूर्वोत्तर भारत के इन दो राज्यों को बारिश में कमी की श्रेणी में रखा है।
पश्चिम बंगाल में सामान्य से 18 फीसदी अधिक, यानी सामान्य तथा झारखंड में 123 फीसदी और बिहार में सामान्य के मुकाबले 110 फीसदी यानी बहुत ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई।
उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा
वहीं एक से 29 अप्रैल, 2025 के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में बादलों के बरसने को देखें तो, उत्तर प्रदेश में सामान्य की अपेक्षा 11 फीसदी की कमी, पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सामान्य के मुकाबले एक फीसदी, यानी सामान्य बारिश हुई। हरियाणा में और चंडीगढ़ दोनों जगह सामान्य की अपेक्षा 35 फीसदी की गिरवाट देखी गई है, जिसे मौसम विभाग ने बारिश में कमी की श्रेणी में रखा है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस अवधि के दौरान बारिश में सामान्य के मुकाबले 78 फीसदी की कमी देखी गई, वहीं पंजाब में 65 फीसदी बारिश कम हुई जिसे बारिश में बहुत ज्यादा कमी की श्रेणी में शामिल किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में सामान्य की अपेक्षा 34 फीसदी, जम्मू और कश्मीर में 37 फीसदी यानी बारिश में कमी के रूप में देखा जा रहा है। वहीं लद्दाख में 499 फीसदी, यानी सामान्य के मुकाबले बहुत अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि राजस्थान में 61 फीसदी की कमी, यानी बारिश में बहुत ज्यादा कमी रिकॉर्ड की गई।
मध्य भारत में बारिश का हाल
मध्य भारत में बारिश को लेकर मौसम विभाग का ताजा अपडेट देखें तो, ओडिशा में एक से 29 अप्रैल, 2025 के दौरान सामान्य से 37 फीसदी अधिक बारिश बारिश दर्ज की गई, यहां सामान्यतया इस बीच 54.5 मिमी तक बारिश होती है, जबकि 74.5 मिमी दर्ज की गई, यानी यहां सामान्य से अधिक बारिश हुई। वहीं मध्य प्रदेश में 54 फीसदी की कमी, यानी सामान्य के मुकाबले बारिश में कमी दर्ज की गई।
वहीं, मध्य भारत के गुजरात में सामान्य की अपेक्षा 98 फीसदी, यानी बारिश में बहुत भारी कमी देखी गई। दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में बारिश की एक बूंद भी नहीं टपकी यानी यहां 100 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई।
गोवा और महाराष्ट्र में सामान्य के मुकाबले 10 फीसदी अधिक व 10 फीसदी कम बारिश हुए जिसे सामान्य की श्रेणी में रखा गया है। छत्तीसगढ़ में सामान्य से अधिक यानी 29 फीसदी बारिश अधिक रेकॉर्ड की गई।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में आसमान से कितना गिरा पानी?
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में एक से 29 अप्रैल, 2025 के दौरान कितने बरसे बादल, केंद्र शासित प्रदेश अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह में इस दौरान सामान्य की अपेक्षा 104 फीसदी अधिक बारिश हुई, यहां सामान्यतया 110.3 मिमी बारिश होती हैं जबकि इस दौरान सामान्य से अधिक यानी 224.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
आंध्र प्रदेश में सामान्य के मुकाबले बारिश में 17 फीसदी अधिक बारिश हुई, जबकि तेलंगाना में इस बीच तीन फीसदी बारिश अधिक दर्ज की गई, यानी यहां सामान्य बारिश दर्ज की गई। तमिलनाडु में सामान्य की अपेक्षा 83 फीसदी अधिक, यानी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। पुडुचेरी में 91 फीसदी, यानी सामान्य से बहुत अधिक बारिश हुई।
वहीं कर्नाटक में सामान्य की अपेक्षा 75 फीसदी बारिश अधिक हुई, केरल में 36 फीसदी अधिक तथा लक्षद्वीप में सामान्य के मुकाबले 85 फीसदी अधिक बरसे बादल, लक्षद्वीप में इस दौरान सामान्यतः 44.5 मिमी तक बारिश होती है जबकि 82.2 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई।