जम्मू और कश्मीर के कई हिस्सों में रविवार, यानी 20 अप्रैल, 2025 को हुई भयंकर बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई। खराब मौसम के कारण रामबन जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रामबन जिले के बगना गांव इलाके में भूस्खलन में कम से कम तीन लोगों की मौत होने की खबर है। यहां करीब 30 घर बह गए, वाहन नष्ट हो गए और 250 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग दोनों तरफ से अवरुद्ध हो गया है।
मौसम विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। 16 अप्रैल को बताया था कि तेज पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी इलाकों की ओर बढ़ रहा है, जिसके कारण 18 से 20 अप्रैल तक खासकर जम्मू और कश्मीर में मौसम खराब हो सकता है।
वहीं मौसम विभाग के द्वारा आज सुबह, 21 अप्रैल, 2025 को जारी पूर्वानुमान में जम्मू और कश्मीर समेत कई हिमालयी इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ मध्य स्तरों पर पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में लगातार जारी है। निचले स्तरों में मध्य पाकिस्तान और उससे सटे उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर एक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार जारी है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते आज, 21 अप्रैल, 2025 को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद में बिजली गिरने और 60 किमी प्रति घंटे तक की गति के साथ चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ बारिश होने के आसार हैं।
वहीं जम्मू और कश्मीर की शिक्षा मंत्री सकीना ने एक्स पर लिखा कि 21 अप्रैल तक स्कूल बंद रहेंगे। लगातार खराब मौसम और मौसम के पूर्वानुमानों के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है। यह निर्णय सभी छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम के रूप में लिया गया है।
मौसम विभाग ने जम्मू और कश्मीर में खराब मौसम के चलते किसानों को खेतीबाड़ी से जुड़े काम को स्थगित करने की सलाह दी है। जम्मू और कश्मीर में ओलावृष्टि के कारण सब्जियों और बगीचों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ओलावृष्टि जाल और ओला कैप का उपयोग करने का सुझाव भी दिया है। भारी बारिश के चलते खड़ी फसलों और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।
वहीं आज, 21 अप्रैल, 2025 से एक बार फिर एक और पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी अपना प्रकोप दिखाना शुरु कर सकती है। मौसम विभाग की मानें तो आज राज्य के ज्यादातर मैदानी हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहेगा। वहीं कुछ पहाड़ी जनपदों में हल्की बारिश हो सकती है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हो सकती है।
वहीं, मध्य असम से त्रिपुरा तक उत्तर दक्षिण हवाओं का पहला ट्रफ, मध्य पाकिस्तान और उससे सटे उत्तर-पश्चिम राजस्थान से बांग्लादेश के मध्य हिस्सों तक दूसरा व निचलने स्तरों पर उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश से मन्नार की खाड़ी तक हवाओं का तीसरा ट्रफ जारी है।
मौसम सबंधी इन गतिविधियों के चलते अगले पांच दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में 50 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश व वज्रपात होने की आशंका जताई गई है।
वहीं, अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वी भारत में और 21 से 24 अप्रैल के दौरान छत्तीसगढ़ में तूफानी हवाओं के साथ बारिश व बिजली गिरने का अंदेशा जताया गया है।
दक्षिण भारत में मौसम संबंधी बदलाव की बात करें तो अगले पांच दिनों के दौरान आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, केरल और माहे तथा तेलंगाना में 50 किमी प्रति घंटे तक की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश व वज्रपात होने के आसार हैं।
वहीं अगले पांच दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तेलंगाना तथा तटीय कर्नाटक में बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग की मानें तो अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने के आसार हैं। वहीं, अगले 24 घंटों के दौरान मध्य भारत और गुजरात में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना है और उसके बाद के छह दिनों के दौरान दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है।
अगले चार दिनों के दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में चार से छह डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है और उसके बाद के तीन दिनों के दौरान कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
वहीं, देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 20 अप्रैल, 2025 को विदर्भ के चंद्रपुर में अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में सौराष्ट्र और कच्छ के महुवा में न्यूनतम तापमान 19.9 डिग्री सेल्सियस रहा।
कहां रहेगा गर्म व उमस भरा मौसम, कहां चलेगी हीटवेव?
21 से 23 अप्रैल के दौरान विदर्भ के अलग-अलग हिस्सों में लू या हीटवेव चलने के आसार हैं। वहीं, 22 से 24 अप्रैल के दौरान दक्षिण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, 23 और 24 अप्रैल को राजस्थान, हरियाणा में लोगों को गर्म हवाओं से निजात मिलने के आसार नहीं हैं।
21 और 22 अप्रैल के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा 22 से 24 अप्रैल के दौरान गुजरात में गर्म और उमस भरे मौसम के बने रहने की आशंका जताई गई है।
समुद्र से दूर रहने रहने की चेतावनी
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, आज ओडिशा और इससे सटे इलाकों, पश्चिम बंगाल के तटों तथा उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में 45 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।
मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी बौछारें?
कल, 20 अप्रैल को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अधिकतर इलाकों, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, असम और मेघालय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, 20 अप्रैल को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के कार निकोबार में 6 सेमी, हूट बे में 4 सेमी, हिमाचल प्रदेश के कल्पा में 2 सेमी, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के बेंगलुरु में 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।