"शाम (28 दिसंबर, 2021) को करीब 3.30 बजे दोपहर मेरी पत्नी खेत में पहुंची थी और मैं जिले से बाहर गया था। अभी अरहर की कटाई का सीजन है तो खेत में अरहर (तुअर) के बंडल रखे हुए थे। अचानक पत्नी ने फोन किया और बताया कि ओले गिरने वाले हैं। जब तक मैं कोई इंतजाम करने की सोचता, अचानक ओले गिरने लगे। अब अरहर की फसल तो बर्बाद ही हो गई समझिए। कुछ भी करें, इनके दानों में फंफूदी लग जाएगी।"
महाराष्ट्र के अरहर उत्पादक विदर्भ क्षेत्र में परिवर्तन नाम का 500 किसान सदस्यों का फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) चलाने वाले ज्ञानेश्वर ढेकडे ने डाउन टू अर्थ से यह बात कही।
वासिम जिले में बांबरडा कारंजा गांव के रहने वाले ढाकले बताते हैं कि इस बार उनके सभी किसानों ने बाजार में अरहर की ऊंची कीमतों के चलते सोयाबीन के साथ-साथ तुअर लगाई थी, लेकिन इस अचानक ओलों ने उनके उत्पादन पर पानी फेर दिया है।
परिवर्तन संगठन के तहत 500 किसानों की करीब 1000 एकड़ जमीन पर अरहर की फसल लगी थी। अभी इनकी कटाई जारी है, जो अगले 8 दिनों तक चलेगी। ओलों ने इन सभी किसानों की फसलों को करीब-करीब नुकसान पहुंचाया है। कुछ किसान तार-पट्टी के जरिए फसलों को ढंकने की कोशिश करते रहे, लेकिन ओलों और अचानक हुई तेज बारिश ने इन प्रयासों को असफल कर दिया।
ज्ञानेश्वर ढेकडे ने बताया कि इस तरह का ओला 2016 में गिरा था, लेकिन चार-पांच साल बाद जब अरहर की तरफ किसानों ने हाथ बढ़ाया भी तो ओलों ने अब एक बार फिर हतोत्साहित कर दिया है।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण दो दिन से देश के कई राज्यों में ओलावृष्टि हुई। इनमें महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा से ओले गिरने के कारण फसलाें के नुकसान की खबरें आ रही हैं।
मौसम विज्ञान विभाग के 29 दिसंबर 2021 को शाम 4.30 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 24 घंटे में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में ओले और बिजली गिरने की आशंका है। जबकि ओडिशा के उत्तरी क्षेत्र में भारी बारिश होने का अनुमान है।
यहां उल्लेखनीय है कि इन दिनों जहां खरीफ के फसलों (खासकर दालों) की तुड़ाई और कटाई का सीजन है। वहीं, रबी की बुआई भी तेजी से चल रही है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 24 दिसंबर 2021 तक देश में 600.65 लाख हेक्टेयर में रबी की बुआई हो चुकी है। जबकि पिछले साल इस सप्ताह तक 593.50 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
दिलचस्प बात यह है कि रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई में कमी दर्ज की गई है। इस साल अबतक 305.47 लाख हेक्टेयर में बुआई की गई है, जबकि पिछले साल 309.62 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।
इस साल दलहन की बुआई भी कम हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक 24 दिसंबर तक 3.49 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहल की बुआई कम हुई है।
लेकिन इस साल सरसों की फसल की बुआई में जबरदस्त उछाल आया है। पिछले साल दिसंबर के तीसरे सप्ताह में 79.46 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई की गई थी, लेकिन 24 दिसंबर 2021 को समाप्त तीसरे सप्ताह में 95.04 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई हो चुकी है।
अब देखना यह है कि रबी सीजन में मौसम कितना किसानों का साथ देता है।