भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने साल 2019 में भारत की जलवायु से संबंधित रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट बताती है कि साल 2019 में जलवायु संकट ने जमकर कहर बरपाया।
गौरतलब है कि इससे पहले डाउन टू अर्थ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि 2019 में चरम और बेमौसमी घटनाओं का वर्ष रहा। लेकिन एक अलग बात सामने आई है, वह है कि इस साल अरब सागर में चक्रवात की संख्या काफी बढ़ गई।
2019 में भारत से टकराने वाले चक्रवातों में से 60 फीसदी अरब सागर की रही। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से टकराने वाले आठ में से पांच चक्रवात का स्त्रोत अरब सागर रहा। विभाग के मुताबिक, 1902 में ऐसा हुआ था।
आईएमडी ने यह भी कहा, "इस साल अरब सागर पर अधिक तीव्र प्रवृति के चक्रवात देखे गए।" अरब सागर में बने पांच में से दो बहुत ही तीव्र चक्रवाती तूफान थे, जबकि एक अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान और एक सुपर चक्रवाती तूफान था।
वर्ष 2019 भारत से टकराने वाले चक्रवातों की संख्या के लिहाज से असाधारण रहा। आईएमडी के अनुसार, इससे पहले वर्ष 1893, 1926, 1930 और 1976 में भारत को एक साल में 10 चक्रवातों का सामना करना पड़ा। ये चक्रवात अरब और बंगाल की खाड़ी में बने।
इससे पहले आमतौर पर ज्यादातर चक्रवात बंगाल की खाड़ी के रास्ते भारत के तटवर्ती क्षेत्रों से टकराते रहे हैं। औसतन तीन से चार चक्रवात हर साल भारत के तटों से टकराते हैं।
चक्रवात के अलावा गर्म वर्ष के रूप में 2019 ने रिकॉर्ड बनाया। यह साल नई सदी में 11वां ऐसा साल रहा, जो सबसे अधिक गर्म रहा।
आईएमडी की रिपोर्ट में कहा गया है, " 2019 में वार्षिक औसत भूमि की सतह का तापमान 1981-2010 की औसत अवधि से ऊपर + 0.360 सेंटीग्रेड था। इस तरह 1901 से लेकर अब तक 2019 को सातवां गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया गया।
2000 से शुरू हुई नई सदी के दौरान 2019, 11वां ऐसा वर्ष रहा, जो सबसे गर्म वर्ष रिकॉर्ड किया गया। जबकि पिछले दशक (2009-2019) के दौरान लगातार तीन वर्षों को सबसे गर्म - 2015, 2016 और 2017 के रूप में दर्ज किया गया था, जबकि पिछले दो दशकों (2001-2010) और 2010-2019 को अब तक के सबसे गर्म दशकों के रूप में रिकॉर्ड किया गया है।
कुल मिलाकर 2019 सीजन भर में एक गर्म साल था। आईएमडी ने कहा, " सीजन के मौसम के नजरिए से देखा जाए तो 2019 में मॉनसून का सीजन 1901 के बाद से लेकर अब सबसे गर्म वर्ष के रूप में रिकॉर्ड किया गया।"