16 अप्रैल को देश भर में लगभग 41 हजार बार बिजली गिरी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी, पुणे ने आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद यह जानकारी दी है। उस दिन आए तूफान, आंधी और ओलों की वजह से बिजली गिरने की घटना हुई। एक घने पश्चमी विक्षोभ की वजह से 15 अप्रैल से देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में ये घटनाएं हुईं।
पश्चिमी विक्षोभ की ठंडी हवाएं, जब गर्म और शुष्क हवाओं से टकराती हैं और क्षेत्रीय स्तर पर चल रही आंधी में मिल जाती हैं तो उसकी वजह से मौसम में बहुत तेजी से बदलाव होता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन बताते हैं कि मौसम में स्थानीय स्तर पर इतनी तेजी से बदलाव आया कि एक साथ फैलता चला गया और इसका असर पूरे महाराष्ट्र में महसूस किया गया। राजीवन ने पत्रकारों को बताया कि यह इस साल जनवरी के बाद से सबसे तीव्र पश्चिमी विक्षोभ है।
वहीं, मौसम की निगरानी करने वाली एक निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पालावत ने डाउन टू अर्थ को बताया कि हमें नहीं लगता कि यह सबसे तीव्र पश्चिमी विक्षोभ था। हालांकि यह तीव्र जरूर था और इसकी वजह से तेज गर्मी, पश्चिमी राजस्थान में चक्रवाती तूफान और अरब सागर से आई नमी की वजह से तेज धूल भरी आंधी और तूफान आया।
मीडिया की खबरें बताती हैं कि अप्रैल में मौसम में आए बदलाव के कारण 11 राज्यों में 89 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले राजस्थान में 16 अप्रैल को एक ही दिन में 16 लोगों की मौत हुई है।
मध्य प्रदेश में दो दिन के दौरान आंधी, तूफान व बिजली गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई। हालांकि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से भारत में कई लोगों की मौत होती है, लेकिन बाढ़, गर्म हवा और ठंडी हवा के मुकाबले आकाशीय बिजली की वजह से होने वाली मौतों को नोटिस नहीं किया जाता है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी आकाशीय बिजली गिरने की बहुत घटनाएं हुई थीं। पिछले वर्ष 2 मई को केवल आंध्र प्रदेश में एक दिन में 41,025 बार बिजली गिरने से 14 लोगों की मौत हुई थी। यह अब तक सबसे अधिक बार बिजली गिरने का आंकड़ा है। इससे पहले 24 अप्रैल को 13 घंटों के भीतर 37 हजार बार बिजली गिरी थी। बिजली गिरने की घटना अक्सर मानसून के दौरान होती हैं, लेकिन अब मानसून पूर्व आने वाले तूफान और बारिश के दौरान भी बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं।
मौसम विभाग ने 12 राज्यों की पहचान की है, जहां आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा शामिल है।