जल

विश्व पर्यावरण दिवस 2020: संकट के समय में अहम है पानी की भूमिका

पानी को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए यह वैश्विक कोशिशों को तेज करने का सही समय हो सकता है

Dhesigen Naidoo

हम एक अभूतपूर्व वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं। शायद यह उस वायरस का ही एक प्रकार है, जिसे हमने 2002-2004 के बीच सार्स महामारी के दौरान सामूहिक प्रयासों से रोक दिया था। कोविड-19 ने पूरी दुनिया को तूफान में धकेल दिया है। सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और स्वास्थ्य मोर्चे पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ा है। व्यक्तिगत और सामूहिक सुरक्षा के लिए हमारी चिंताएं काफी अधिक बढ़ गई हैं। हमारी सरकारें युद्ध स्तर पर रणनीतियां बना रही हैं। संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन और आइसोलेशन जैसे कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि हम अपने सीमित स्वास्थ्य व्यवस्था प्रणाली से पीड़ितों की संख्या को नियंत्रित कर सकें।

पानी संक्रमण की रोकथाम के साथ-साथ संक्रमित और बीमार लोगों के उपचार के लिए भी महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से अच्छे से हाथ धोना, वायरस से बचाव और इसे फैलने से रोकने में सबसे बेहतर उपायों में से एक है। कई देशों में बचाव प्रक्रिया के लिए हाथ धोने का अभियान सबसे ऊपर आया है। इसने अनिवार्य रूप से वही किया है, जो आमतौर पर संकट के समय में होता है। इसने पानी की सुरक्षा और स्वच्छता को आइना दिखाया है। एक बार फिर दुनिया खासकर दुनिया के दक्षिण में इसकी जरूरत महसूस हो रही है। आपातकालीन उपायों के लिए बजट प्राथमिकता का उपयोग करते हुए, टैंकर सेवाओं, जल संचयन और भंडारण टैंकों के रूप में पानी तक पहुंच स्थापित करना एक प्रमुख उद्देश्य बन गया है। हालांकि यह अल्पकालिक उपाय है। इसी तरह मलिन बस्तियों में स्वच्छता बनाए रखना और आबादी को सुरक्षित रखना भी सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ने के लिए बनाए गए प्लान में महत्वपूर्ण चुनौती है। यह अल्पकालिक खाद्य सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा उपायों के साथ मिलकर हमें एक व्यक्ति व राष्ट्र के रूप में अच्छा आकार देगा, खासकर इस संकट के दौरान व संकट के बाद। विकास गति का धीमा होना, इस महामारी से जुड़े कई जोखिमों में से एक है। इसमें सतत विकास लक्ष्य भी शामिल है।

अधिक संभावना है कि एसडीजी-6, पानी और स्वच्छता के लिए रखे लक्ष्य में आगे देरी होगी। यह वैश्विक क्षतिपूर्ति में लगने वाले समय पर निर्भर होगा। इसमें लंबा समय लग सकता है। आपातकालीन कार्रवाई की इस हड़बड़ाहट में यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हमारे पास इसके उलट करने का भी अवसर है। हम वास्तव में मध्यम अवधि में एसडीजी को लेकर अपने प्रयासों में तेजी ला सकते हैं और लंबे समय में दीर्घकालिक विकास और कम कार्बन अर्थव्यवस्था के मार्ग पर दृढ़ता से बढ़ सकते हैं। यह वह पल है जब एक तरफ दुनिया के कई देशों में असुरक्षित या गंदा पानी व खराब सफाई कोविड-19 के जोखिम के प्रमुख कारक हैं, वहीं दूसरी तरफ इस पर काबू पाना और आरोग्य प्राप्ति की रणनीति बनाना भी प्रमुख है। देश सार्वजनिक क्षेत्र में अधिक राजनीतिक सावधानी और निजी क्षेत्र में अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह उत्प्रेरक कार्रवाई में शामिल होने का सही समय है, जिससे मौजूदा व्यवस्था से छलांग लगाई जा सके और सहगामी, होशियार तरीके से, पर्यावरण के अनुकूल अपशिष्ट और खराब पानी के ट्रीटमेंट के साथ सार्वभौमिक रूप से पानी और स्वच्छता पर काम हो सके। यह उर्वरक, ऊर्जा, महंगे रसायनों, वसा और प्रोटीन के उत्पादन के लिए अपशिष्ट और खराब जल के लिए लाभ के लिए औद्योगीकरण द्वारा पूरक होना चाहिए। ये कार्य आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से परिवर्तनकारी होंगे।

इसे वास्तविक बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहले, हमें इस क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान के विशाल भंडार को मूर्त रूप देने की जरूरत है जिससे उत्पाद और सेवाएं जमीन पर उतर सकें। उत्पाद और व्यवसाय के विकास के लिए हमें पर्याप्त समर्थन की जरूरत होगी। इसके साथ ही हमें प्राचीन विनियामक नियमों और संचालन प्रक्रियाओं का भी कायापलट करना होगा। दूसरा, हमें बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन, टिकाऊ संचालन और रखरखाव के लिए नए आर्थिक मॉडल की जरूरत है। तीसरा, हमें विज्ञान और समाज, सरकारों और व्यापार, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय के बीच साझेदारी को बढ़ाने की भी जरूरत है। कोविड -19 ने वैश्विक एकजुटता के लिए आशा की नई किरण पेश की है। इस बात पर ध्यान देना है कि भले ही हम जरूरत के हिसाब से अनजाने दोस्त हैं, लेकिन हमें काम में दोस्त बनने की आवश्यकता है।

(लेखक दक्षिण अफ्रीकी सरकार के जल अनुसंधान आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं)