जल

यह जल प्रपात नहीं है, नदी में अवैध उत्खनन का नमूना है

गर्मियों के दिनों में सूखी नदी से पहले रेत निकाली गई और फिर मिट्टी, इससे नदी का स्वरूप ही बिगड़ गया है

Pushya Mitra

इस तस्वीर में आप जो जलप्रपात नुमा संरचना देख रहे हैं, यह दरअसल जल प्रपात है नहीं। यह बिहार की राजधानी पटना के पास बहने वाली एक सामान्य नदी है। स्थानीय ठेकेदारों ने फल्गू नदी की एक मुख्य धारा महत्माइन नामक इस नदी के तल में कुछ इस तरह अवैध उत्खनन किया है कि नदी की मूल संरचना ही बिगड़ गयी है। अब बारिश के मौसम में पानी आने पर इसकी संरचना किसी जल प्रपात जैसी लगने लगी है। 

यह पटना जिले के दनियावां प्रखंड में बह रही महत्माइन नदी में ग्राम एरई और ग्राम जीवन चक के बीच का दृश्य है। यह जगह राजधानी पटना से सिर्फ 30 किमी दूर है। गया की प्रसिद्ध धार्मिक नदी फल्गू की मुख्य धारा के रूप में जानी जाने वाली इस नदी में अमूमन बारिश के दिनों में ही पानी रहता है, शेष समय यह सूखी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों ने पहले इस नदी से रेत निकाला फिर भीमकाय मशीनों और हैवी ड्यूटी ट्रकों को लगाकर नदी की पूरी चौड़ाई में एक किमी तक लगभग 50 फीट गहरी खुदाई कर दी और मिट्टी लेकर चले गये।

इस इलाके में किसान अपने खेत की मिट्टी बेचते रहे हैं और कई खेतों में इस तरह के गड्ढे नजर आते हैं। मगर इस तरह किसी नदी के बेड को इस तरह खोदे जाने की यह संभवतः पहली घटना इस इलाके में घटी है।

नदी में मिट्टी की खुदाई और पानी आने के बाद नदी की स्थिति का वीडियो एक स्थानीय ग्रामीण ने इस संवाददाता को उपलब्ध कराया है। हालांकि वे अपना नाम उजागर नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि उनके इलाके में बिहटा-डुमरी-दनियावां रेलवे लाइन का निर्माण चल रहा है। इस निर्माण से जुड़े ठेकेदार नदी के किनारे के खेतों की मिट्टी खरीद रहे हैं, इन्हीं लोगों ने यह अवैध खुदाई की है। इससे पहले भी एक निजी सीमेंट कंपनी के प्रतिष्ठान के लिए इस नदी से रेत और मिट्टी का उत्खन्न किया गया था।

इस मामले में जब दनियावां के बीडीओ राकेश कुमार से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की उन्हें जानकारी नहीं है, वे इसकी जांच करवा रहे हैं। अगर ऐसा हुआ है तो आरोपियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी।