मेघालय ने दिसंबर 2022 तक 100 फीसदी ग्रामीण घरों तक हर घर जल मिशन के तहत नल जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है| इस बात का खुलासा मेघालय में जल जीवन मिशन योजना और उसके कार्यान्वयन पर आयोजित वार्षिक कार्य योजना की बैठक के दौरान किया गया है| जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई थी|
यदि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों को देखें तो मेघालय में कुल 5.89 लाख ग्रामीण परिवार रहते हैं जिनमें से 93 हजार (करीब 16 फीसदी) को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। राज्य ने वर्ष 2020-21 में 87 हजार नल कनेक्शन प्रदान किए हैं। वहीं राज्य की योजना दिसंबर 2022 तक 'हर घर जल' के लक्ष्य को हासिल करने की है। गौरतलब है कि 2020-21 में, मेघालय उन सात राज्यों में से एक था, जिन्हें जल जीवन मिशन के तहत प्रदर्शन प्रोत्साहन अनुदान प्राप्त हुआ था। इसके अलावा यह अनुदान प्राप्त करने वाले अन्य छह राज्य अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, गुजरात, मणिपुर और हिमाचल प्रदेश थे।
अनुमान है कि जल जीवन मिशन के तहत, 2021-22 के दौरान मेघालय को लगभग 350 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि आबंटित की जा सकती है। यही नहीं समिति ने राज्य को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कि मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन- ग्रमीण, पंचायती राज संस्थानों को 15वां वित्त आयोग अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा), कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि के लिए उपलब्ध धन का सही तरह से उपयोग करने का आग्रह किया गया है।
साथ ही इस बात पर जोर दिया गया है कि ग्राम स्तर पर पीने के पानी की सुरक्षा के लिए इन सभी संसाधनों के विकास पर ध्यान देना जरुरी है| साथ ही समिति ने राज्य को सलाह दी है कि वह ग्राम स्तर पर ग्राम जल और स्वच्छता समितियों के गठन पर ध्यान केंद्रित करे।
समिति के अनुसार जल गुणवत्ता का भी ध्यान रखना है जरुरी
समिति ने राज्य को यह भी सलाह दी है कि वो सभी 33 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल से तुरंत मान्यता प्राप्त करे और जल जीवन मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी पेयजल स्रोतों का 100 फीसदी परीक्षण करें। इस मिशन के तहत प्रमुख अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को भी जल गुणवत्ता निगरानी में शामिल करने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए गांव के ही 5 व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं को पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट किट का उपयोग करना सिखाया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को जल आपूर्ति और संरक्षण के लिए जागरूक करने की भी योजना तैयार करनी होगी|
‘जल जीवन मिशन’ केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर तक नल जल उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत 2024 तक 19.1 करोड़ घरों को पाइप के जरिए साफ पानी पहुंचाने की बात कही गई है| यदि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी नल जल के लक्ष्य की बात करें तो आज देश के 2 राज्यों, एक केन्द्रशसित प्रदेश, 58 जिलों, 713 ब्लॉक, 44,618 पंचायतों और 87,530 गांवों, 7.31 करोड़ घरों (38.13 फीसदी) तक नल के जरिए पीने का साफ जल पहुंच चुका है।
यदि हर घर जल मिशन की यह योजना सफल रहती है तो वह दिन दूर नहीं जब मेघालय के हर ग्रामीण घर को पीने का साफ़ पानी मिलने लगेगा, जिससे वहां दूषित पानी के कारण फैलने वाली बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकेगा| लेकिन यह राह जितनी दिखती है उतनी आसान भी नहीं है| अकेले योजनाओं के बल पर इन लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता, इसके लिए सामाजिक इच्छाशक्ति और एकजुटता भी जरुरी है।