जल

हर ग्रामीण घर तक नल जल पहुंचाने के लिए जम्मू और कश्मीर ने रखा सितंबर 2022 का लक्ष्य

जम्मू कश्मीर की योजना 2021-22 में 4.9 लाख नल कनेक्शन प्रदान करने की है

Lalit Maurya

हर ग्रामीण घर तक नल जल पहुंचाने के लिए जम्मू और कश्मीर ने सितंबर 2022 का लक्ष्य  रखा है। इसके लिए उसने एक वार्षिक कार्य योजना (एएपी) भी प्रस्तुत की है, जिसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली एक राष्ट्रीय समिति के सामने रखा गया है। जम्मू और कश्मीर के दो जिलों श्रीनगर एवं गांदरबल को पहले ही 'हर घर जल जिला' (एफएचटीसी) घोषित किया जा चुका है। इन जिलों में 100 फीसदी ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है।

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में कुल 18.16 लाख ग्रामीण परिवार हैं। इनमें से लगभग 10 लाख परिवारों को 31 मार्च, 2021 तक नल कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। वहीं 2021-22 में प्रदेश की योजना 4.9 लाख नल कनेक्शन प्रदान करने की है। साथ ही इसकी योजना 9 और जिलों को 'हर घर जल जिला' जिला घोषित करना है, जिससे प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किया जा सके। 

जिसे जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूरा किया जाएगा। जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके अंतर्गत 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को पाइप के जरिए पेयजल उपलब्ध करवाना है। 2019-20 के बजट में इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए दिए गए थे। वहीं 2021-22 में इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये का बजट आबंटित किया गया है।

जम्मू कश्मीर के 55 फीसदी घरों को उपलब्ध है नल जल की सुविधा

यदि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों को देखें तो ग्रामीण भारत में लगभग 38.13 फीसदी घरों (7.31 करोड़) को जल कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। जबकि जम्मू कश्मीर में करीब 55 फीसदी घरों तक नल जल की पहुंच है। जिनकी संख्या करीब 10 लाख है।

जम्मू कश्मीर में गर्मी के दौरान जल गुणवत्ता एक चिंता का विषय होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने जल गुणवत्ता की जांच को लेकर उचित प्रोत्साहन दिए जाने का सुझाव दिया है। वहीं प्रदेश की योजना 2021-22 के दौरान 20 प्रयोगशालाओं को एनएबीएल की मान्यता देने की है। साथ ही गुणवत्ता की जांच के लिए सामुदायिक स्तर पर क्षेत्र जांच किट और हाइड्रोजन सल्फाइड (एच2एस) की शीशियां प्रदान की जाएंगी।

इसके साथ ही राष्ट्रीय समिति ने जम्मू कश्मीर को जल की उचित गुणवत्ता एवं निगरानी सेवाओं की सुनिश्चित करने की दिशा में अपने प्रयासों को तेज करने की भी सलाह दी है। साथ ही प्रयोगशालाओं की क्षमता में सुधार करने की भी जरुरत पर बल दिया है।

जम्मू कश्मीर के उन दो जिलों में जहां 100 फीसदी घरों तक नल जल की सुविधा उपलब्ध यही वहां जांच के लिए सेंसर आधारित मापन एवं निगरानी प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इन जिलों के गांवों में सेंसर की मदद से जल आपूर्ति की निगरानी की जाएगी। साथ ही विश्लेषण, प्रदर्शन एवं उपचारात्मक कार्रवाई के लिए डाटा स्वचालित तरीके से हासिल किया जाएगा।

यदि यह योजना सफल रहती है तो वह दिन दूर नहीं जब जम्मू कश्मीर के हर ग्रामीण घर को पीने का साफ़ पानी मिलने लगेगा, जिससे वहां इससे जुड़ी बीमारियों पर भी काबू पाया जा सकेगा, लेकिन राह इतनी आसान भी नहीं है अकेले योजनाओं के बल पर इन लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता इसके लिए सामाजिक इच्छाशक्ति और एकजुटता भी जरुरी है।