जल

हिमाचल प्रदेश: सरकारी पेयजल परियोजना का क्यों विरोध कर रहे हैं 50 ग्राम पंचायतों के लोग?

Rohit Prashar

हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर जिले के लोगों के लिए सिंचाई और पीने के पानी के मुख्य स्त्रोत अली खड्ड के अस्तित्व को बचाने के लिए 50 से अधिक पंचायतों के लोग पिछले 20 दिनों से आंदोलनरत हैं।

सोलन और बिलासपुर जिला की सीमा पर बन रही कीकर नवगांव पेयजल परियोजना के विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि इस पेयजल परियोजना से उनके क्षेत्रों में पेयजल के साथ सिंचाई के जल की भारी कमी होगी।

आरोप है कि जल शक्ति विभाग की ओर से अर्की मंडल की 7 पंचायतों के लिए बनाई जा रही इस परियोजना का सबसे अधिक लाभ अदाणी समूह की अंबुजा सीमेंट फैक्टरी को होगा और इस खड्ड पर 10 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता की पेयजल परियोजना बनने से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

पेयजल परियोजना का विरोध कर रही श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र की 50 पंचायतों ने मंगलवार 13 फरवरी को महापंचायत का आयोजन किया। साथ ही, लोगों ने कीकर नवगांव पेयजल परियोजना स्थल पर चल रहे काम को रुकवा दिया और इस दौरान पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच में संघर्ष की स्थिति भी उत्पन्न हुई, जिसमें कुछ अधिकारियों और ग्रामीणों को हल्की चोटें भी लगी हैं।

अली खड्ड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश शर्मा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि अंबूजा सीमेंट फैक्ट्री को पानी देने के बहाने यह परियोजना बनाई जा रही है। इस परियोजना के बनने से पहले से बनी हुई 40 के करीब पेयजल और सिंचाई की परियोजनाओं पर असर पड़ेगा।

इसके अलावा इस खड्ड के आसपास किसानों की सैकड़ों कूहलों और गेहूं और मक्का पीसवाने के पुराने घराटों के बंद होने का संकट खड़ा हो जाएगा।

बिलासपुर जिला श्री नैना देवी विधानसभा के विधायक रणधीर शर्मा का कहना है कि अली खड्ड पर बन रही पेयजल परियोजना से लाखों लोग प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना को अली खड्ड में बनाने के बजाए कोलडैम से पानी उठाना चाहिए, इससे खड्ड का अस्तित्व भी बचा रहेगा और अर्की क्षेत्र के लोगों को भरपूर पानी भी मिल सकेगा। इस मामले को लेकर वे पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से भी मिले थे, लेकिन बावजूद इसके परियोजना का काम जारी है। इसलिए लोगों ने अब अपने आंदोलन को और अधिक तेज कर दिया है।

अली खड्ड बचाओ संघर्ष समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इस बन रही परियोजना को बंद नहीं किया गया तो वे अपने आंदोलन को और अधिक तेज कर देंगे और हाईवे तक को जाम कर देंगे।