जर्मनी स्थित गौटिंगेन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने भूजल के बहने की गति और दुनिया के महासागरों में इसके मिलने का पहला वैश्विक कंप्यूटर मॉडल विकसित किया है। भूजल ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है, जो दुनिया के सबसे कीमती प्राकृतिक संसाधनों में से एक है।
यह मिट्टी, तलछट और चट्टानों में दरारें और छिद्रों से होते हुए जमीन के नीचे बहता रहता है। शोधकर्ताओं के विश्लेषण से पता चलता है कि दुनिया के 20 फीसदी संवेदनशील तटीय पारिस्थितिक तंत्र (कोस्टल इकोसिस्टम) जैसे – खाड़ी (एस्चूएरी), कच्छ और प्रवाल भित्तियां, भूजल के माध्यम से प्रदूषकों के समुद्र में मिलने से खतरे में हैं। हालांकि कोस्टल इकोसिस्टम के लिए भूजल का बहाव बहुत जरुरी है।
शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के तटीय क्षेत्रों में जमीन के अंदर बहने वाले पानी की मात्रा निर्धारित की है, जिसे वैश्विक डेटा विश्लेषण के साथ एक नए डिज़ाइन किए गए कंप्यूटर मॉडल कोड के साथ जोड़ा गया है। इसके परिणाम बताते हैं कि यद्यपि ताजे भूजल की बहने की गति बहुत कम है, यह अत्यधिक परिवर्तनशील होने के कारण कभी भी बदल सकती है। इसका मतलब है कि समुद्र तट के छोटे क्षेत्रों के लिए, ताजे पानी के बहने की गति पर्याप्त होने के साथ-साथ यह पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
आज के नए परिणामों के बारे में पहले दावा किया जाता था कि ताजा भूजल प्रवाह महासागरों के कार्बन, लौह और सिलिका को जमा करके वहां के संतुलन को प्रभावित करता है, जबकि ऐसा नहीं है। हालांकि ताजे भूजल के समुद्र के पानी से मिलना ठीक नहीं माना जाता है, लेकिन यह पानी का मिश्रण स्थानीय पारिस्थितिक तंत्रों के लिए आवश्यक है।
तटीय पारिस्थितिक तंत्र पर सबसे बुरा प्रभाव नाइट्रोजन और प्रदूषक जैसे पोषक तत्वों से होता है, जिसे लोगों के द्वारा अपने खेतों में खाद के रूप में डाला जाता है, और यह पानी के साथ मिलकर फिर तट की ओर बहता है। इन चीजों के समुद्र में बहने में कई साल या कई दशक भी लग सकते हैं, ये प्रदूषक तब तटीय समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ गोटिंगेन डिपार्टमेंट ऑफ स्ट्रक्चरल जियोलॉजी एंड जियोडायनामिक्स के शोधकर्ता डॉ. एल्को लुइजेंडीजक कहते हैं, हमें इन नए परिणामों से बहुत उम्मीदें हैं और हमारे मॉडल ने जिस आंकड़े का खुलासा किया है, वह अध्ययनकर्ताओं को और अधिक अध्ययनों के लिए प्रेरित करेगा। तटीय पारिस्थितिक तंत्रों पर ताजा भूजल प्रवाह/ बहने के प्रभावों की निगरानी करना और समझना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जिनका अब तक बहुत अधिक अध्ययन नहीं किया गया है, जैसे कि दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिणी एशिया के बड़े हिस्से और कई उष्णकटिबंधीय द्वीप इसमें शामिल हैं।