विज्ञान

कितने पोषण की जरूरत, बताएगा यह नया ऐप

Umashankar Mishra

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) ने न्यूट्रिफाई इंडिया नाउ नामक एक नया ऐप लॉन्च किया है, जो पोषण संबंधी जरूरतों के बारे में लोगों को जागरूक करने में मददगार हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने शुक्रवार को यह ऐप नई दिल्ली में लॉन्च किया है।

न्यूट्रिफाई इंडिया ऐप एक गाइड के रूप में कार्य करता है, जो उपभोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थों से शरीर को मिलने वाले पोषक तत्वों का आकलन करने में मददगार हो सकता है। यह ऐप यूजर्स को ऊर्जा संतुलन (खपत बनाम व्यय) का लेखा-जोखा रखने में भी मदद करता है।

यह ऐप भारतीय खाद्य पदार्थों एवं उनमें मौजूद कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन, खनिजों और सामान्य भारतीय व्यंजनों की रेसिपी समेत पोषण संबंधी व्यापक जानकारी प्रदान करता है। इसे भारतीय उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखकर व्यापक पोषण मार्गदर्शिका प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। न्यूट्रिफाई इंडिया 17 भारतीय भाषाओं में खाद्य पदार्थों के नाम उपलब्ध कराता है।

अन्य ऐप्स के विपरीत न्यूट्रिफाई इंडिया को आईसीएमआर द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर विकसित किया गया है। इस ऐप में काफी शोध के बाद भारतीय आबादी के अनुकूल खास डाटाबेस का उपयोग किया गया है, जिसमें भारतीय खाद्य पदार्थों, व्यंजनों तथा पोषण संबंधी जानकारियों को विशेष रूप से शामिल किया गया है।

इस ऐप में पोषक तत्वों और अपनी रुचि के अनुसार, खाद्य पदार्थों को सर्च किया जा सकता है। स्थानीय भाषा में किसी खाद्य पदार्थ का नाम डालकर भी उसे सर्च किया जा सकता है और उसमें मौजूद गुणों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। न्यूट्रिफाई इंडिया ऑनलाइन ऐप स्टोर पर एंड्रॉयड और आईओएस दोनों में मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

भार्गव ने एनआईएन के वैज्ञानिकों को इस ऐप का विकास करने के लिए बधाई देते हुए कहा है कि “यह ऐप बेहद उपयोगी साबित हो सकता है और प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय पोषण मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।” उन्होंने इस ऐप को गैर-संचारी रोगों से लड़ने की आईसीएमआर की पहल का एक प्रमुख अंग बताया है।

एनआईएन की निदेशक हेमालता के अनुसार, “यह ऐप लोगों के व्यक्तिगत पोषण सलाहकार के रूप में कार्य करता है। इस ऐप में मौजूद महत्वपूर्ण डाटा इसे इंटरैक्टिव बनाते हैं। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के शताब्दी वर्ष में इस ऐप का निर्माण लोगों तक पहुंच बनाने और उन तक पोषण संबंधी जानकारियां पहुंचाने के हमारे प्रयासों में प्रमुख है।” (इंडिया साइंस वायर)