विज्ञान

अब जल्द ही बाजार में उपल्बध होगा पर्यावरण के अनुकूल हैंड सैनिटाइजर

Dayanidhi

अब जल्द ही बाजार में एक ऐसा हैंड सैनिटाइजर उपल्बध होगा जो पर्यावरण के अनुकूल होगा, हाथों को नुकसान पहुंचाने के बजाय मुलायम रखेगा और लंबे समय तक काम करेगा। इसे पुणे स्थित एक स्टार्ट-अप वेनोवेट बायोसॉल्युशन्स द्वारा विकसित किया है, जो सिल्वर नैनोपार्टिकल्स से बना अल्कोहल मुक्त, जलीय, जो ज्वलनशील नहीं होने के साथ-साथ जहरीला भी नहीं है।

इस सैनिटाइजर का एक बार प्रयोग करने पर यह लंबा चलेगा अर्थात बार-बार सैनिटाइजर के उपयोग की आवश्यकता नहीं होगी।

वेनोवेट बायोसॉल्युशन्स द्वारा विकसित हैंड सैनिटाइजर रोगाणुरोधी है और इसका बार-बार उपयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिल्वर नैनोपार्टिकल्स संपर्क में आने वाले सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए सिल्वर आयनों की धीमी और निरंतर रिहाई होते रहती है। इसके अलावा, इसे परिवेश स्थितियों में रखा जा सकता है।

इसने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा हैंड सैनिटाइज़र के लिए क्लिनिकल परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और इसमें वायरस को मारने की उच्च दक्षता है।

वेनोवेट बायोसॉल्युशन्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (एनएसटईडीबी) के सीएडब्ल्यूएसीएच 2020 अनुदान द्वारा सहायता दी गई थी। उद्यमिता विकास केंद्र (वेंचर सेंटर), पुणे में इनक्यूबेट किया गया था। उन्होंने कोलाइडल सिल्वर सॉल्यूशन आधारित हैंड सैनिटाइजर विकसित किया। यह तकनीक संक्रमित नेगेटिव-स्ट्रैंड आरएनए और संक्रमित बडिंग के प्रभाव को रोकने के लिए सिल्वर नैनोपार्टिकल्स की क्षमता पर काम करती है।

वेनोवेट बायोसॉल्यूशन की सीओओ डॉ अनुपमा इंजीनियर ने कहा हम अध्ययन के परिणामों को लेकर बहुत आश्वस्त हैं और सीडीएससीओ, भारत से अपने हैंड सैनिटाइज़र फॉर्मूलेशन के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमें यकीन है कि इस नए तरह के प्रयोग से भारत को अपने अत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह भारत को भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारियों का सामना करने के लिए एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में मदद करेगा।

सिल्वर नैनोपार्टिकल्स में एक प्रभावी वाइरसरोधी (एंटीवायरल) पाया गया है जो एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस,इन्फ्लुएंजा वायरस आदि कई घातक वायरस के खिलाफ कार्य करता है।

हाल की रिपोर्टों ने वायरल नेगेटिव-स्ट्रैंड आरएनए और वायरल बडिंग के प्रभाव को रोककर कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने में ग्लूटाथियोन कैप्ड-एजी2एस एनसी (सिल्वर नैनोक्लस्टर्स) की भूमिका का सुझाव दिया है। कोलाइडल सिल्वर जिस पर वेनोवेट बायोसोल्यूशन के सैनिटाइजर की तकनीक आधारित है, सतह के ग्लाइकोप्रोटीन को अवरुद्ध करके आरएनए प्रतिकृति और संक्रामकता को रोककर कोविड-19 को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है।