विज्ञान

तुर्की-सीरिया भूकंप: 34 हजार मौतों की पुष्टि, 94,770 जख्मी, 33,070 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का अनुमान

Lalit Maurya

तुर्की-सीरिया भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक 34,870 लोग इस भीषण हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं 94,770 लोगों के घायल होने के पुष्टि हो चुकी है। वहीं तुर्की के दक्षिणी शहर कहामनमारस में रविवार को 4.7 तीव्रता का भूकंप आया है।

जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वहां जीवित बचे रहने की सम्भावना धूमिल होती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक जहां तुर्की में अब तक 29,600 लोगों की मौत और 80,270 लोगों के घायल होने की सूचना सामने आई हैं वहीं सीरिया में अब तक 5,270 लोगों की मौत और 14,500 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है।

जो जीवित बचे हैं उनपर संसाधनों की कमी और मौसम की दोहरी मार पड़ रही है। जहां जीवित बचे लाखों लोग एक तरफ अपनों को खोने के गम से उबर नहीं पाए हैं वहीं आगे उनका क्या होगा उन्हें यह चिंता खाए जा रही है। गौरतलब है कि इस आपदा में अब तक लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं।

वहीं रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है इस भीषण भूकंप में तुर्की और सीरिया को करीब 400 करोड़ डॉलर यानी 33,070 करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ है।

हालांकि फिच ने यह भी कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में बीमा कवरेज के कम होने के कारण जो नुकसान हुआ है उसका ज्यादातर हिस्से का बीमा नहीं है। एजेंसी के मुताबिक इसमें से करीब 8,268 करोड़ रुपए (100 करोड़ डॉलर) का ही बीमा है। 

गौरतलब है कि छह फरवरी, 2023 को तड़के सुबह 4 बजकर 17 मिनट (स्थानीय समय) पर भूकंप का पहला झटका लगा था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई थी। गौरतलब है कि तुर्की का यह क्षेत्र दुनियाभर में भूकंपीय रूप से सबसे ज्यादा सक्रिय क्षेत्रों में से एक है।

जहां कभी लोगों के आशियाने थे वहां अब सिर्फ मलबा है

इस भूकंप का केंद्र तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा से सटे एक शहर गजियांटेप के पास था। देखा जाए तो 1939 के बाद से पिछले आठ दशकों में तुर्की में आया यह अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है। इस बारे में तुर्की के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इसके बाद 6 फरवरी 2023 को दक्षिण तुर्की में अंकारा के पास 7.5 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया था।

वहीं शाम होते-होते तीसरे शक्तिशाली भूकंप ने तुर्की और सीरिया दोनों देशों को दहला दिया था। जबकि इसके बाद आसपास के कई देशों जैसे लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इसराइल और फलस्तीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

पता चला है कि भूकंप की इस घटना के बाद पिछले दो दिनों में 75 से ज्यादा झटके (आफ्टरशॉक) लगे थे। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार इसके बाद 06 और 07 फरवरी को 29 और भूकंप के झटके आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 या उससे अधिक थी। 

पता चला है कि इस भीषण त्रासदी में दोनों देशों में हजारों इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिसके बाद लाखों लोग बेघर हो गए हैं और सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। डब्लूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी एडेलहेड मार्सचैंग ने जानकारी दी है कि भूकंप और इसके बाद आए झटकों के बाद तुर्की और सीरिया में करीब 2.3 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है, जिसमें 14 लाख बच्चे शामिल हैं।

गौरतलब है कि संकट की इस घड़ी में मानवता का परिचय देते हुए भारत सहित दुनिया के अनगिनत देश तुर्की और सीरिया की मदद के लिए आगे आए हैं। अभी भी अनगिनत लोगों के फंसे होने की आशंका है, लेकिन समय बीतने के साथ उनके जीवित बचे होने की आशाएं भी धूमिल होती जा रही हैं। खराब मौसम, इंटरनेट कनेक्शन और क्षतिग्रस्त सड़कें बचाव कार्य में बड़ी समस्याएं पैदा कर रही हैं।

जानकारी मिली है कि तुर्की में 12 हजार से ज्यादा इमारतें तबाह हो गई हैं। ऐसे में सरकार ने घटिया निर्माण को लेकर ठेकेदारों और बिल्डर्स पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक इस मामले में 130 लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है। इन ठेकेदारों और बिल्डर्स पर तुर्की के अलग अलग हिस्सों में घटिया इमारतें बनाने का आरोप लगा है।

1 डॉलर = 82.68 रुपए